सिख दंगा: पित्रोदा ने मांगी माफ़ी, कहा- मेरी हिंदी कमज़ोर, अनुवाद नहीं कर सका, मैं माफी मांगता हूं
सन् 1984 में हुए सिख दंगों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने ऐसा विवादित बयान दिया जिसने दो दिन में जैसे सुनामी ला दी थी. बीजेपी के लिए तो एक सुनहरा मौका मिल गया. कांग्रेस को नीचा दिखाने का और सही भी है.

अब जानते हैं आखिर हुआ क्या था. दरअसल, पित्रोदा ने गुरुवार को पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा था, अब क्या है 84 का? आपने (नरेंद्र मोदी) पांच साल में क्या किया, उसकी बात कीजिए. 84 में जो हुआ, वो हुआ. बस पित्रोदा का यही कहना उनके लिए मुसीबत बन गई. उनके इस बयान के बाद से उन्हें खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. बीजेपी ने उनको ऐसे लपेटा की उन्होंने माफ़ी मांग ली.
पित्रोदा के इस बयान से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी भी नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सैम पित्रोदा जी ने जो कहा है वो पार्टी लाइन से पूरी तरह अलग है और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. मेरा मानना है कि 1984 एक ऐसी त्रासदी थी जिसने बहुत पीड़ा दी. न्याय होना चाहिए. जो लोग भी इसके लिए जिम्मेदार हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए. राहुल ने आगे कहा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माफी मांगी, मेरी मां सोनिया गांधी ने माफी मांगी थी. हम सबने अपना रुख स्पष्ट कर दिया कि वो एक भयावह त्रासदी थी जो नहीं होनी चाहिए थी.
पित्रोदा ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि मैंने जो बयान दिया, उसे पूरी तरीके से तोड़ मरोड़कर पेश किया गया. मेरी हिंदी अच्छी नहीं है, इसे दूसरे संदर्भ में लिया गया. मेरे कहने का मतलब था, जो हुआ वो बुरा हुआ. लेकिन मैं बुरा का अनुवाद नहीं कर सका. मेरा मतलब था, आगे बढ़ो. हमारे पास और बहुत सारे मुद्दे हैं, जिनपर बात होनी चाहिए. मैं माफी मांगता हूं.
शुक्रवार को पीएम मोदी ने भी सैम पित्रोदा के बयान पर निशाना साधते हुए कहा था कि 3 शब्दों से कांग्रेस का अहंकार समझा जा सकता है. कांग्रेस के लिए जीवन का कोई मूल्य नहीं है. कांग्रेस का एक बड़ा नेता बोलता है 1984 का दंगा हुआ वो हुआ. हजारों सिख भाई-बहनों का कत्लेआम हुआ पर आज कांग्रेस कह रही है, हुआ वो हुआ. आपको कांग्रेस और उसके साथियों से सावधान रहने की जरूरत है.