खनन घोटाला: अखिलेश ने भी अवैध रूप से पास किये 14 पट्टे, सीबीआई ने किया दावा
खनन घोटाले को लेकर सीबीआई दावा कर रही है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद अखिलेश यादव ने खनन पट्टा आवंटन में ई-टेंडरिंग का इस्तेमाल नहीं किया उन्होंने एक दिन में 13 पट्टे और अपने खनन के कार्यकाल में कुल 14 पट्टे बगैर ई-टेंडरिंग के पास किए थे.

अखिलेश के साथ सीबीआई के निशाने पर गायत्री प्रसाद प्रजापति भी आ गए हैं. उनपर भी आठ पट्टे अवैध रूप से पास किए जाने का आरोप है. अखिलेश सरकार में खनन मंत्री गायत्री प्रजापति ही रहे हैं. माना जा रहा है कि, जल्द ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति से खनन घोटाले के संबंध में पूछताछ की जाएगी. मौरंग खनन के कुल 50 पट्टों पर सीबीआई जाँच चल रही है.
सियासत में बवाल
एक आईएएस अफसर के घर छापेमारी क्या हुई, पूरी यूपी की सियासत में बवाल आ गया. अवैध खनन मामले में आईएएस बी चंद्रकला का नाम आने और उनके घर पर सीबीआई की छापेमारी के बाद जांच की आंच पूर्व सीएम अखिलेश यादव तक पहुंचने के बाद राजनीतिक घमासान मच गया है. खनन घोटाले में नाम घसीटे जाने पर अखिलेश यादव पहले ही इसे बदले की कार्रवाई करार दे चुके हैं तो अब बीएसपी भी समाजवादी पार्टी के सुर में सुर मिलाती दिख रही है.
बीजेपी निशाना बना रही है
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव खुद कह चुके हैं कि अवैध खनन मामले में बीजेपी, सीबीआई का सहारा लेकर सियासी बदला ले रही है. अखिलेश ने कहा कि यूपी में महागठबंधन न हो पाए, इसके लिए बीजेपी निशाना बना रही है. इसे क्या महज इत्तेफाक माना जा सकता है कि जहां एक तरफ एसपी-बीएसपी गठबंधन को लेकर बात चली और 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ना तय हुआ तो दूसरी तरफ अवैध खनन घोटाले में कार्रवाई शुरू हो गई. हमीरपुर की डीएम रह चुकीं बी चंद्रकला के घर पर छापेमारी तो हुई ही, अखिलेश यादव के करीबी विधायक रमेश मिश्रा और उनके भाई दिनेश कुमार को भी आरोपी बना दिया गया.
क्या है मामला ?
मामला ये है की योगी सरकार के सत्ता में आने से पहले अखिलेश यादव सरकार की सरकार थी और उस समय में आईएएस बी.चन्द्रकला की पोस्टिंग हमीरपुर जिले में जिलाधिकारी के पद पर की गई थी. जिसके कुछ साल बाद आईएएस बी.चन्द्रकला पर आरोप लगाए गए कि साल 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे. जबकि ई-टेंडर के जरिए इन 50 मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था. लेकिन बी.चन्द्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी.
दायर की गई थी याचिका
इसी के खिलाफ़ साल 2015 में अवैध मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे. याचिकाकर्ता का ये भी आरोप था कि, मौरंग खदानों पर पूरी तरह से बैन होने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया जा रहा था.
सीबीआई को सौंपी जांच
तमाम शिकायतों और याचिका पर सुनवाई करते करते हाईकोर्ट ने 28 जुलाई 2016 को इस अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दिया. तभी से सीबीआई इस केस की जांच कर रही है. सीबीआई ने जांच में पुख्ता सुबूत जुटाए हैं. सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक यह कार्रवाई हमीरपुर में डीएम रहने के दौरान खनन घोटाले में चर्चित आईएएस बी. चंद्रकला का नाम सामने आने पर की गई है. इस मामले में सीबीआई ने पांच एफआईआर दर्ज की थीं.