खनन घोटाले में घसीटे जाने के बाद तनाव में अखिलेश, दिखाई घर की हालत
घर का कोई सदस्य किसी मुसीबत में हो तो अपके घर में भी कभी ना कभी ऐसी तस्वीर जरूर बनी होगी. जब पूरा परिवार एक साथ एक कमरे में सिमटकर एकांत में खो जाए. अखिलेश के साथ भी ऐसा ही हो रहा है.
मीडिया के सामने अखिलेश कुछ भी बोलें अपने आप को कितना भी मजबूत दिखा लें. लेकिन गोमती नगर वाले अखिलेश के घर की एक कमरे की ये तस्वीर बहुत कुछ कह रही है. जितना तस्वीर बोल रही है. उससे ज्यादा दुखी अखिलेश हैं. अखिलेश ने भावुक होकर बीजेपी को दोष देते हुए लिखा कि..
- दुनिया जानती है इस ख़बर में हुआ है मेरा ज़िक्र क्यों
- बदनीयत है जिसकी बुनियाद उस ख़बर से फ़िक्र क्यों

अखिलेश यादव ने अपनी इन दो भावुक लाइनों के साथ अपने परिवार की एक तस्वीर शेयर की है..जिसमें अखिलेश यादव एक नीली जैकेट में नजर आ रहे हैं. उनकी बड़ी बेटी सामने बैठी हुई है. बगल में छोटी बेटी. (टीना-अदिति) डिंपल यादव अखिलेश का चेहरा देख रही हैं. अखिलेश यादव गहरी सोच में डूबे हुए हैं और उनका बेटा अर्जुन लैपटॉप पर अपने पापा की सीबीआई के शिकंजे में फंसने वाली संभावनाओं और आशंकाओं से भरी खबरें पढ़ रहा है.
अखिलेश यादव ऐसे जैकेट वाले लुक में बहुत कम दिखाई देते हैं. पांच लोगों से भरे इस कमरे में फोटो खीचने वाले को मिलाकर 6 लोगों से भरे इस कमरे में आज अखिलेश खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं. मायावती इस मुसीबत की घड़ी में अखिलेश के साथ खड़ी हैं. लेकिन जो अपने थे उनपर बीजेपी से मिले होने के आरोप लग रहे हैं.
अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव, अपर्णां यादव किसी ने भी सीबीआई वाले मसले पर अखिलेश को मजबूत होने का एहसास नहीं दिलाया.जब तक ये खबर लिखी गई है तब तक अखिलेश और शिवपाल के बातचीत की कोई खबर सामने नहीं आई है.
यादवों की जातिगत विशेषता है कि मुसीबत के समय बड़े से बड़ा दुश्मन परिवास वाला एक हो जाता है. लेकिन शिवपाल यादव की देरी ये बताती है कि अखिलेश और शिवपाल यादव के रिश्तों के बीच कभी ना भरने वाली खाई है.
जो अखिलेश विकास की बात करते थे. आज खुद के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप से सख्ते में हैं. अखिलेश यादव ने बेबसी में योगी को ये संदेश भी दे चुके हैं बीजेपी को सीबीआई वाली परंपरा वो छोड़कर जाएंगे भविष्य में उसके लिए खुद भी तैयार रहें.
अखिलेश यादव जिस दर्द को झेलने के तैयारी में आज हैं या फिर घर की चिंतन मंथन वाली जिस तस्वीर को डालकर अपने ऊपर लगे आरोप का असर दिखाने की कोशिश की है वो मायावती पर बहुत पहले गुजर चुका है. मायावती ने कहा कि उन्हें भी बीजेपी के साथ नहीं चलने की सजा मिल चुकी है. मायावती ने कहा कि बीजेपी अपने विरोधियों को फर्जी मामलों में फंसाने में माहिर है. जब यूपी में लोकसभा की 80 में 60 सीटें बीएसपी ने बीजेपी को देने से मना कर दिया था तो उन्होंने मुझे ताज मामले में फर्जी तौर पर फंसा दिया. इसके बाद मैंने 26 अगस्त, 2003 को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.