उद्योगपतियों का कर्जा माफ कर दिया,सिलेंडर की सब्सिडी देने में दर्द होता है..

PRAGYA KA PANNA
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50 रूपए फिर बढ़ गए (Waived Loans of Industrialists)

घर में खाना बनाने वाले सिलेंडर के दाम फिर से 50 रूपए बढ़ गए हैं.. 22 मार्च को ही गैस सिलेंडर पर 50 रूपए बढ़ाए (Waived Loans of Industrialists) गए थे..जुलाई आते ही फिर से 50 रूपए और बढ़ा दिए गए हैं..कोरोना काल खत्म हुए समय हो चुका है..दुनिया भर के देशों की इकॉनमी ऊपर जा रही है लेकिन भरत में बनी बनाई कंपनियां बिक रही हैं..बचे वक्त में हिंदू मसलमान वाले मुर्गे लड़ाए जा रहा हैं..

जो देश विश्व गुरू बनने जा रहा है..जो भारत देश 5 ट्रिलियन इकोनॉमी (Waived Loans of Industrialists) बनने जा रहा है..वो महंगाई से चंगुल में फंसा हुआ है..वो देश दुनिया के सामने खड़े होने के बजाए अपनी ही कंपनियां बेचकर गुजारा कर रहा है..फिर कहती हूं..घर मुखिया अगर घर का सामान बेचकर घर चलाने लगे तो समझ लीजिए..घर का बेड़ा जल्दी ही गर्क होने वाला है..

जमीन बेचकर स्कॉर्पियो खरीदने वाला किसान बर्बाद ही हुआ है ये इतिहास है..कोरोना सीजन खत्म हुए कितना समय गुजर चुका है लेकिन फिर भी भारत की सरकार गरीबी का रोना रोती है…रूपए की हालत बद से बत्ततर कर डाली है..कहते थे रूपया डॉलर के बराबर लाकर दिखाएंगे..लेकिन बीजेपी सरकार से ज्यादा रूपए की ऐसी तैसी किसी सरकार ने नहीं है..80 रूपए का एक डॉलर होने वाला है..

जब परचेजिंग पावर कम होने लगती है तभी महंगाई होती है ना..ये तो हम जैसे आम नागरियों को भी मालूम है..तो मैं भारत सरकार से ये पूछना चाहती हूं कि जब आपके पास पैसे नहीं है..जब आप अपनी खुद की कंपनियां बेचकर (Waived Loans of Industrialists) गुजारा कर रहे हैं तो फिर आपने देश के बड़े उद्योगपतियों के कर्ज क्यों माफ किए..जब आपके पास खुद पैसे नहीं हैं तो जनता के पैसों को प्राइवेट कंपनियों के मालिकों पर क्यों उड़ा दिए..आपसे बीएसएनएल चलाई नहीं चल रही है..और सुनाई दे रही है कि सरकार वोडाफोन और आईडिया का ब्याज भरने की तैयारी कर रही है..

सरकार के पास आम आदमी के सिलेंडर (Waived Loans of Industrialists) को सस्ता करने वाली सब्सिडी देने के पैसे नहीं हैं..इनके पास उद्योगपतियों के पैसे माफ करने के लिए खजाने में रुपए हैं..महंगाई कम करने के लिए आम आदमी के लिए फूटी कौड़ी नहीं खर्च करेंगे..ऊपर से गाना गाएंगे कि आम आदमी सब्सिडी छोड़ दे..अरे क्यों नहीं कहा उद्योगपतियों से कि तुम लोगों का बैकों का उधार सरकार क्यों भरे..तुमने लोन लिया है..देश के लोगों के टैक्स के पैसों से तुम्हारा कर्जा सरकार क्यों माफ करे.

भारत देश के लोगों ने सरकार से तो कभी नहीं कहा था कि हम टैक्स भरेंगे..और आप हमारे टैक्स के पैसे से उद्योगपतियों का कर्जा भर देना..देश के लोगों ने टैक्स (Waived Loans of Industrialists) का पैसा आपको देश चलाने के लिए दिया है आप उसको उद्योगपतियों का कर्जा माफ करने के लिए नहीं..उद्योग पतियों का कर्जा माफ करने को पैसे हैं और सिलेंडर पर सब्सिडी देने के लिए नहीं हैं..

इस बार केवल सिलेंडर पर ही 50 रूपए नहीं बढ़े हैं..सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी केवल उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन लेने वाले लभार्थियों को मिलेगी. उज्वला योजना में ही सरकार साल में 12 सिलेंडर देती है इसी पर 200 रूपए सब्सिडी मिलेगी..सरकार ने उज्ज्वला योजना में 9 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन बांटे हैं.बाकी 21 करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन धारकों को बाजार के रेट पर ही गैस सिलेंडर खरीदना होगा.

मेरा काम है बताना इसलिए बता रही हूं..पिछले 5 मिनट से अपना सिर पीट रही हूं..क्योंकि भविष्य में कोई ये ना कहे कि मैंने बताया नहीं था..चेताया नहीं था..हिंदू मुसलमान (Waived Loans of Industrialists) वाले मुर्गे लड़ाकर देश विश्वगुरू नहीं बनने वाला..देश की समस्या हिंदू मुसलमान के धार्मिक मुद्दे हैं..इन्हीं मुद्दों के नीचे देश की प्रगति में फ्लॉप नेता अपनी नाकामियों को छिपा लेते हैं..

लेकिन आप राष्ट्रवादी नदी के तैराक लोग हैं घास की रोटी भी खा सकते हैं..गैस पर पकी रोटी खाने वालों के लिए सिलेंडर अब 1 हजार 53 रूपए का हो गया है.पिछले एक साल में घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 219 रूपए बढ़ाए गए हैं..और सबसे बड़ी बात ये है कि 21 करोड़ से ज्यादा घरेलू सिलेंडर इस्तेमाल वालों को मिलने वाली 8-9 रूपए की खैरात वाली सब्सिडी भी खत्म कर दी गई है..

सरकार अपने खजाने से खर्च करके जनता को कोई राहत नहीं देती..लेकिन उद्योगपतियों का कर्जा भरने के लिए तुरंत खजाने के मुंह खोल देती है..आप कहेंगे कि कुछ दिन पहले सरकार ने तेल से इक्साइज ड्यूटी कम की थी..तो दोस्तों वो एक्साइज ड्यूटी भी उतनी नहीं कम की थी जितनी सरकार बनने के बाद बढ़ा डाली थी..उस पर भी मैने वीडियो बनाया था चैनल पर देख सकते हैं..

दोस्तों जिस सरकार का लक्ष्य विश्वगुरू बनने का होता है वो सरकार पहली बात अपने देश के नागरिकों में हिंदू वाली भेदभाव वाली भावना नहीं पनपने देती..अपनी पूरी आबादी को इकोनॉमी की रफ्तार बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ाती है..लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि देश के मुसलमानों ने देश की जीडीपी (Waived Loans of Industrialists) बढाने के लिए बहुत मेहनत की..क्या आपने सुना है कहा देश के हिंदुओं ने इस बार भयंकर उत्पादन किया है नहीं सुना होगा..यहां कहेंगे ये तो बंटवारे वाली बात हो गई..लेकिन दूसरे मुद्दों पर खूब चिल्लाकर बताएंगे कि मुसलमान ऐसे हैं..हिंदू ऐसे हैं..हम हिंदू राष्ट्र बनाएंगे..हम फलाना बनाएंगे..

मैं प्रज्ञा मिश्रा कहती हूं कि देश हिंदू मुसलमानों को धर्म के नाम पर लड़ाने के बजाए..बिजनेस में कॉम्पटीशन कराईये..मंदिर मस्जिद की लड़ाई में फंसाने की जगह जीडीपी आगे लेकर जाने का टास्क दीजिए (Waived Loans of Industrialists) खुलकर बताईये हिंदुओं का योगदान कम या मुसलमानों का तब तो बात है..विश्वगुरू आप हिंदू राष्ट्र बनाकर कभी नहीं बनने वाले..विश्वगुरू आप इकॉनॉमी वार में जीत हासिल करके ही बनेंगे..

Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.