बुलंदशहर हिंसा: योगी से मिला मृतक सुमित का परिवार, इंस्पेक्टर के परिजनों को मिली थी करोड़ो की मदद
Ulta Chasma Uc : गौ मांस को लेकर बुलन्दशहर में ऐसी घातक हिंसा हुई, जो प्रशासन के लिए शर्म और देश के लिए बड़ी ही दुखद बात है. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध और एक नौजवान सुमित की मौत हो गई. 15 दिनों बाद आज मृतक सुमित के परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए सुमित के पिता ने बताया कि सीएम ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया है. आर्थिक सहायता की मांग पर भी सीएम ने आश्वासन दिया है.

क्यों भड़की हिंसा ?
यूपी में बुलंदशहर के स्याना गांव में गौ हत्या के शक में हिन्दु संगठन और ग्रामीणों के बीच बहस हुई, थोड़ी ही देर में वहां कई लोग पहुंच गये और देखते ही देखते भीड़ एक बड़ी हिंसा में तब्दील हो गई. कई हिन्दु संगठन भी उसमें शामिल हो गये. सभी सड़कें जाम कर दी गर्इं. गुस्साए ग्रामीणों ने पास के चिंगरावठी चौकी के बाहर जाम लगा दिया. और चौकी के अन्दर भी तोड़ फोड़ की. पास खड़े वाहनों को भी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया. बवाल इतना बढ़ गया की पत्थर, लाठी और गोलियां भी चलने लगीं.
इंस्पेक्टर और सुमित की मौत
चौकी पर हुए बवाल के बारे में जैसे ही इंस्पेक्टर सुबोध को पता चला तो वे तुरन्त वहां पहुंचे और बवाल को शांत कराने का प्रयास करने लगे. लेकिन आक्रोशित लोगों ने इंस्पेक्टर को ही मौत के घाट उतार दिया. उसी बवाल में चौकी के सामने बस स्टैंड पर अपने दोस्त को छोड़ने आये सुमित को भी गोली लग गई और अस्पताल पहुँचते पहुँचते उसकी भी मौत हो गई. बवाल के बाद पुलिस ने गोकशी के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. अन्य आरोपियों की धरपकड़ के लिए भाजपा, बजरंग दल और अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के पदाधिकारियों के घरों पर दबिश दी गई.
योगी ने इंस्पेक्टर के परिवार को दी भारी मदद
मृतक इंस्पेक्टर सुबोध के परिजनों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 5 कालिदास स्थित आवास पर मुलाकात की थी. योगी ने संवेदना जताते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिया था. उन्होंने कहा कि दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा. सख्त कार्यवाही की जायेगी. योगी ने उनके परिवार को असाधारण पेंशन, एक सदस्य को नौकरी और इंस्पेक्टर सुबोध के नाम पर जैथरा कुरावली सड़क का नाम रखने का आश्वासन दिया. इसके साथ ही उनके बकाया होम लोन करीब 30 लाख का भुगतान भी सरकार करेगी. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी 50 लाख की राहत धनराशि देने की घोषणा कर चुके हैं. इसके साथ ही डीजीपी ने भी मृतक इंस्पेक्टर सुबोध के बच्चे की सिविल सर्विस की कोचिंग में मदद का भरोसा दिया.
इंस्पेक्टर सुबोध की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इसी बवाल के दौरान शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को लेकर भाजपाईयों ने दो दिन पहले सांसद डा.भोला सिंह को एक पत्र लिखा था वो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है. इस पत्र में स्याना क्षेत्र के बीजेपी नेताओं ने इंस्पेक्टर सुबोध की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे. पत्र में लिखा था कि इंस्पेक्टर का व्यवहार जनता के प्रति अभद्र है और क्षेत्र में चोरी, पशुचोरी, अवैध कटान जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं. सांसद ने ये पत्र एसएसपी को भेजकर इसपर कार्रवाई करने की मांग की थी. पत्र में भाजपा के नगर महामंत्री स्याना संजय श्रोत्रिय, नगर उपाध्यक्ष कपिल त्यागी, पूर्व सभासद मनोज त्यागी, मंडल अध्यक्ष बीबीनगर नीरज चौधरी, भाजपा विधानसभा संयोजक स्याना विजय कुमार लोधी एवं ब्लाक प्रमुख पुष्पेंद्र यादव के हस्ताक्षर मौजूद हैं.

उस पत्र में ये भी लिखा था की वाहन चेकिंग के नाम पर नगर वासियों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है. हिंदुओं के धार्मिक कार्यों के आयोजन में अड़चन पैदा की जा रही हैं, जिससे हिंदू समाज में आक्रोश पनप रहा है. अब मामला जब सामने आया तो भाजपा सांसद डा.भोला सिंह ने कहा कि हमने पत्र को एसएसपी को भेजकर पूरे मामले से अवगत करा दिया था. लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
सुमित के लिए योगी सरकार ने क्या किया ?
वहीं सुमित भी इसी हिंसा में मारा गया. योगी सरकार ने उसके परिवार वालों को 10 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की थी. परिवार वालों का कहना था कि सुमित ने अभी पुलिस भर्ती की परीक्षा दी है उसका सपना था की वो एक पुलिस वाला बन कर देश की सेवा करेगा. उस दिन सुमित का दोस्त उसके घर आया था शादी का कार्ड देने. नाश्ता करने के बाद सुमित अपने दोस्त को पास के बस स्टॉप पर छोड़ने गया था. तभी अचानक बवाल वहां तक पहुँच गया और उसे गोली लग गई. और तुरंत ही उसकी मौत हो गई.

मृतक सुमित पर भी लगे आरोप
गोकशी हिंसा का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था. जिसमें हिंसा के दौरान मारा गया युवक सुमित अन्य युवकों के साथ पुलिस पर पथराव करता नजर आ रहा है. ये वीडियो असली है या एडिट कर वायरल किया गया है, इसकी अभी तक कोई पुष्टि नहीं हो सकी है. सुमित के भाई अनुज ने मीडिया से कहा था कि हम चाहते हैं कि योगी सरकार हमें भी उतना ही मुआवजा दे जितना मृतक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को मिला है. मृतक सुमित के पिता ने मुआवजे के तौर पर 50 लाख रुपए की मांग की है. और वो अपने बड़े बेटे के लिए एक सरकारी नौकरी चाहते हैं. सुमित के पिता ये भी चाहते थे कि उनके बेटे का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ हो. और खुद के लिए वो पेंशन की मांग कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर उनका पूरा परिवार भूख हड़ताल पर बैठा था.
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