फिर जातिवाद पर लौटा लोकसभा चुनाव, माया कर रहीं दलित और पिछड़ों का गुड़गान
लोकसभा चुनाव एक बार फिर जाति पर लौट आया है. माया पिछड़ी जाति के लोगों को अपनी ओर करने के लिए सभाओं में बोल रही हैं की मोदी नकली पिछड़े हैं मुलायम और अखिलेश की तरह असली पिछड़े नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि बीजेपी 3 चरणों के चुनाव में फिसड्डी रही है. बीजेपी ने इस चुनाव को धार्मिक रंग देने की कोशिश की है. मोदी की मूल जाति के बारे में कौन नहीं जानता है. मोदी पहले ऊंची जाति के थे. फिर अपनी सरकार का प्रभाव कर पिछड़ी जाति के बन गए. सियासी फायदे के लिए वे पिछड़ी जाति के बने हैं. मोदी जन्मजात पिछड़े नहीं है. मगर मुलायम सिंह यादव जन्मजात पिछड़े हैं.
माया आगे बोलीं की मोदी मुझपर आरोप लगाते हैं की मैंने गलत कहा है. मगर मैंने कुछ गलत नहीं कहा है. मोदी अपर कास्ट को भी नीचे समझ रहे हैं. बीजेपी दलित को नीच और छोटा मानती है. कांग्रेस भी पिछड़ों की हितैशी नहीं है. मैं बता दूँ की दलित औऱ पिछड़ों का वोट हड़पना अच्छी बात नहीं है. बीजेपी ने पिछले 5 साल में कुछ नहीं किया है. बीजेपी के अच्छे दिन जाने वाले हैं और बुरे दिन आने वाले हैं.
चीनी मिल घोटाले पर भी सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि चीनी मिल मामले को राजनीतिक किया गया है. ये सीबीआई के दुरूपयोग का मामला है. इस मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं है. सीबीआई का बीजेपी ने दुरूपयोग किया है. सीबीआई को तोते की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. जांच से हमे कोई एतराज नहीं है. सत्य को कभी नहीं दबाया जा सकता है. जनता सब जानती है. चुनाव में बीजेपी सिर्फ भ्रम फैला रही है.
यूपी में महागठबंधन की सफलता है. इसलिए बीजेपी महागठबंधन से घबरा गई है. घबराहट के मारे बीजेपी ऐसी कार्रवाई कर रही है. तीन चरणों में जनता ने अपना रुख साफ कर दिया है. आगे के चरण भी अच्छे जाने वाले हैं. गठबंधन की जीत सुनिश्चित है. बीजेपी ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया है. यूपी में बीजेपी की स्थिति बहुत खराब है. बीजेपी हर किस्म के हथकंडे इस्तेमाल कर रही है. सरकारी नौकरियों में आरक्षण कोटा पूरा नहीं किया. गरीब,मजदूर सब बीजेपी से परेशान हैं. चुनाव में जनता बीजेपी को जबाव देगी
बीजेपी जवानों को भी हथियार बना रही है. बीजेपी की सरकार में हमारे लोगों को उत्पीड़ित किया जा रहा है. शब्बीरपुर कांड में दलितों का उत्पीड़न हुआ. माइनारिटी के लोगों को आतंकवादी कहा गया है. बीजेपी के लोगों ने मुझे बोलने तक नहीं दिया, इसीलिए मैंने इस्तीफा दे दिया था.