सपा-बसपा गठबंधन से नाराज़ हुए कई नेता, पूर्व सांसद ने दिया इस्तीफ़ा
एक तरफ सपा और बसपा का गठबंधन हुआ तो दूसरी तरफ दोनों ही पार्टियों के कुछ नेता इस गठबंधन के बाद सीट न मिलने के डर से नाराज़ हो गए हैं. और अब इस्तीफ़ा देना भी शुरू कर दिया है. मोहनलालगंज बसपा की पूर्व सांसद रीना चौधरी ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है.

बताया इस्तीफ़े का कारण
पूर्व सांसद रीना चौधरी ने गठबंधन के एलान के तत्काल बाद बसपा से इस्तीफा दे दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपने अगले कदम की घोषणा भी जल्दी ही करेंगी. रीना ने कहा कि वो 2016 में बसपा में शामिल हुई थीं. तब उनसे कहा गया था की उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में मोहनलालगंज से टिकट देकर चुनाव लड़ाया जायेगा. तभी से रीना चुनाव की तैयारी करने लगीं थी. मगर, अब गठबंधन के साथ ही बसपा में टिकटों की नीलामी भी शुरू हो गई है.
रीना ने कहा जिस व्यक्ति ने बीएसपी प्रमुख के बारे में सीडी जारी करवाकर उनकी इज्जत समाज में उछाली थी उसे ही मोहनलालगंज से टिकट दिया जा रहा है. यही अगर पार्टी पार्टी किसी अच्छे कार्यकर्ता को टिकट देती तो उन्हें जरा सी थी आपत्ति नहीं होती. लेकिन बीएसपी एक ऐसे नेता को टिकट दे रही है. जो उन्ही से पार्टी छोड़ने की बात कर चुका है. लेकिन यहाँ तो पैसा देखा जाता है. बोली लगाओ और टिकट ले जाओ.

मालूम हो कि रीना दो बार समाजवादी पार्टी से सांसद रही हैं. और 2016 में वो बीएसपी में शामिल हो गईं थीं. रीना का कहना है कि वो टिकट पाने के लिए पैसे की होड़ में शामिल होने में सक्षम नहीं हैं, उनके पास इतना पैसा नहीं है. इसीलिए इस्तीफा देने का फैसल कर लिया. अब रीना अपने समर्थकों से बात कर जल्दी ही आगे की रणनीति का एलान करेंगी.
गठबंधन से नाराज़गी का कारण
कार्यकर्ताओं और नेताओं की नाराज़गी ज़ाहिर है. क्युकी अब गठबंधन के बाद दोनों पार्टियों की सीटें भी आधी हो गईं हैं. अब ऐसे में जहां पूरे 80 लोगों को टिकट मिलता मगर अब सिर्फ 38 नेताओं को ही टिकट मिलेगा. मतलब अब 42 नेताओं को टिकट किसी भी कीमत पर नहीं मिल सकता. यही बात सपा-बसपा दोनों पार्टियों में लागू होती है. अब ऐसे में उन 42 नेताओं का क्या होगा जो सालोँ से चुनाव की तैयारी में लगे हैं. उन्ही नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है.
सपा-बसपा ने किया ऐलान
कल सपा-बसपा प्रमुख अखिलेश और मायावती ने लखनऊ में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने गठबंधन का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही लोकसभा सीटों को लेकर माया ने कहा की सपा-बसपा ने पिछली 4 जनवरी को दिल्ली में ही सीटों पर चर्चा कर ली थी. यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से बसपा 38 सीटों पर, सपा 38 सीटों पर और 2 सीट अन्य सहयोगी दलों के लिए छोड़ दी हैं. और दो अमेठी (राहुल गांधी की सीट) और रायबरेली (सोनिया गांधी की सीट) की सीटें कांग्रेस को बिना शामिल किये उसके लिए छोड़ दी हैं.