बिहार में ‘दिमागी बुखार’ का कहर, अबतक ‘150’ बच्चों की मौत, सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
बिहार में इस समय चमकी बुखार और कई ऐसी ही बीमारियों से जूझ रहा है. 15 दिनों के अंदर अबतक 80 बच्चों की मौत हो गई है. मरने वालों में बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है. ये आंकड़ा दिनपर दिन बढ़ता ही जा रहा है.

इस बीमारी की चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या 203 तक पहुंच गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लू लगने से हुई लोगों की मृत्यु पर शोक संवेदना व्यक्त की है और चार-चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को एक्स्ट्रा बेड लगाने का निर्देश दिया है। साथ ही इस आपदा की स्थिति में रेजिडेंट डॉक्टर्स को भी इस काम में लगाया गया है.
इन बीमारियों का कहर बिहार से ज्यादा मुजफ्फरपुर में है, मुजफ्फरपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के बाहर मातम पसरा हुआ है. चारों ओर बेहिसाब दर्द और गुस्सा है. मुजफ्फरपुर इस बुखार ने मरने वाले बच्चों की संख्या 83 पहुंच गई है. सिविल सर्जन डॉक्टर शैलेष प्रसाद सिंह के मुताबिक इन मौतों की वजह हाइपोग्लाइसीमिया और अन्य अज्ञात बीमारी है. ऐसी स्थिति में ब्लड शुगर का स्तर बहुत घट जाता है और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित हो जाते हैं.
वहीं सीएनएन की एक रिपोर्ट में इन मौतों की वजह को लीची भी बताया गया है. साथ ही दावा किया गया है कि लीची में पाए जाने वाले एक विषैले तत्व की वजह से ये मौतें हो रही हैं. सरकार और डॉक्टरों की टीम के लाख प्रयास के बावजूद लगभग हर दिन बच्चों की मौत होती जा रही है. शनिवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अस्पताल का दौरा किया था. और आज रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे भी पहुंचे हैं.