28 साल से ‘लखनऊ’ की सीट जीत रही है बीजेपी, इस बार कौन देगा टक्कर ? जानें कुछ रोचक बातें-
नवाबों के शहर लखनऊ में 6 मई को लोकसभा चुनाव के मतदान होने हैं. बीजेपी ने लखनऊ का जिम्मा गृहमंत्री राजनाथ को सौंप दिया है. मगर विपक्ष अभी भी सोच विचार में लगा हुआ है कि किसको मैदान में उतारें जो राजनाथ को टक्कर दे सके.

लखनऊ को पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मभूमि भी कहा जाता है. और अगर लखनऊ की लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो 1967 में निर्दलीय उम्मीदवार आनंद नारायण, 1971 में कांग्रेस की शीला कौल, 1977 में भारतीय लोकदल ये हेमवती नंदन बहुगुणा, 1980 में कांग्रेस से इंदिरा गांधी, 1984 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से शीला कौल ने लगातार दो बार जीत दर्ज की थी.
1991 में हुए लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा बना हुआ है. सबसे बड़ी बात ये है कि अटल बिहारी वाजपेयी इस सीट से लगातार पांच बार सांसद चुने गए हैं. 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति से सन्यास ले लिया. तो लखनऊ सीट पर बीजेपी के ही लालजी टंडन को जीत मिली. फिर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह ने यहां से जीत दर्ज की. वर्तमान में वे लखनऊ के सांसद हैं.
एक मजेदार बात भी जान लीजिए कि 2009 और 2014 में बीजेपी ने कांग्रेस से जिसको हराया था वो और कोई नहीं बल्कि रीता बहुगुणा जोशी हैं. तब वो कांग्रेस में थीं. और लगातार लोकसभा चुनाव हार रहीं थीं. अपनी हार से परेशान होकर जोशी जी 2017 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की नाव में बैठ गर्इं और विधानसभा पहुंच गर्इं. अब इस समय रीता बहुगुणा जोशी बीजेपी की महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण, पर्यटन विभाग की कैबिनेट मंत्री हैं.
चलो अब लखनऊ की जनसंख्या के बारे में जान लेते हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार देखा जाये तो लखनऊ जिले की आबादी कुल 45.89 लाख है, जिनमें पुरुषों की संख्या 23.94 लाख और महिलाओं की संख्या 21.95 लाख है. प्रतिशत के हिसाब से देखा जाये तो कुल आबादी की 71.1 प्रतिशत जनसंख्या हिन्दुओं की है. इसके बाद 26.36 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम की है. फिर बाकी अन्य हैं. अनुसूचित जाति की 14.3%, अनुसूचित जनजाति 0.2%, ब्राह्मण, राजपूत वोटर करीब 18 प्रतिशत, ओबीसी 28, मुस्लिम 18 फीसदी हैं.
ये तो सिर्फ जनसंख्या थी. ये जानिये की वोट कितने लोग देंगे ? 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के अनुसार लखनऊ में कुल 18,03,367 लोग ही मतदान करेंगे. यूं कहें कि 18 लाख लोग ही इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान करने वाले हैं. यहां भी एक सवाल खड़ा होता है कि इन 18 लाख वोटरों में से कितने लोग वोट देंगे. या इस बार कितने प्रतिशत मतदान होगा.
पिछली बार तो बीजेपी से गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की तत्कालीन उम्मीदवार नेता रीता बहुगुणा जोशी को 2,72,749 मतों से हराया था. पर क्या इस बार भी राजनाथ वही जादू चला पायेंगे ? सबकी नजरें अब बस विपक्ष पर टिकी हैं कि वो लखनऊ से किसको उतारेगा. और इस बार लहर किसकी है ये जो 6 मई को ही पता चलेगा. वहीं लखनऊ में झंडा किसका लहरायेगा ये तो 23 मई को सबके सामने होगा.
लखनऊ संसदीय सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिनमें लखनऊ पश्चिम, लखनऊ उत्तरी, लखनऊ पूर्वी, लखनऊ मध्य व लखनऊ कैंट. लखनऊ जिले में आठ ब्लॉक आते है- बक्शी का तालाब, चिनहट, गोसाईंगंज, काकोरी, मॉल, मलीहाबाद, मोहनलालगंज, सरोजिनी नगर.
क्या आपको ये पता है कि लखनऊ में 2 लोकसभा सीट हैं. एक सीट मोहनलालगंज की भी है. ये सीट 1962 में वजूद में आई थी. इस सीट का ये 15वां आम चुनाव होगा. इस सीट का अगर इतिहास जानें तो 1962 से 1989 तक कांग्रेस यहां काबिज रही थी. उसके बाद से कांग्रेस जैसे गायब ही हो गई और 1989 से लेकर 2014 तक लगातार चार बार समाजवादी पार्टी ने यहां से जीत दर्ज की है. जबकि बीजेपी ने 1991 में, 1996 में और 2014 में कुल तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज की है. फिलहाल इसपर भी बीजेपी के सांसद कौशल किशोर बने हुए हैं.
इस बार यूपी में सपा-बसपा गठबंधन के अनुसार मोहनलालगंज सीट बसपा के खाते में गई है. अगर ये गठबंधन का जादू चल गया तो इस रिजर्व सीट पर पहली बार बसपा यहां खाता खोलेगी. इस बार यूपी की कुछ चुनिंदा सीटों का मुकाबला वाकई देखने वाला होगा.