BJP विधायक साधना ने मायावती पर की थी अभद्र टिप्पणी, काटा जायेगा सिर, मिलेंगे 50 लाख..
बीजेपी विधायक साधना सिंह ने मायावती पर विवादित बयान दे कर सियासी माहौल गर्मा दिया है. जो बीजेपी के भी अब परेशानी का कारण बन गई है. अब तो बात इतनी बढ़ गई है की बसपा के पूर्व विधायक विजय यादव ने साधना का सिर कलम करने का आदेश दे दिया है.

चंदौली में कृषि कुंभ के दौरान बीजेपी किसान मोर्चा के प्रभारी व विधायक पंकज सिंह की मौजूदगी में मुगलसराय विधायक साधना सिंह ने भाषण के दौरान मायावती पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा ”मायावती न तो नर लगती हैं न नारी, साथ ही बसपा प्रमुख को गेस्ट हाउस कांड की याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने सत्ता के लिए चीरहरण करने वालों के साथ हाथ मिला लिया है.” बस साधना के इतना कहते ही सियासी जगत और सोशल मीडिया पर ये बात आग की तरह फ़ैल गई. और थोड़ी ही देर में इसपर बवाल शुरू हो गया.
ठाकुरद्वारा विधानसभा में बसपा के पूर्व विधायक विजय यादव ने बीजेपी विधायक साधना सिंह का सिर कलम कर लाने वाले को 50 लाख का ईनाम देने की घोषणा की है. विजय यादव ने ये बात काशीपुर चुंगी स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता में कही. उन्होंने बसपा सुप्रीमो आदरणीय बहन जी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी पर निंदा कर कहा बीजेपी विधायक अड़तालीस घंटे में आदरणीय बहन जी और देश की महिलाओं से माफी मांगे, अन्यथा उनका सिर कलम करके लाने वाले को पचास लाख रुपये का ईनाम दिया जायेगा.
बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि साधना सिंह ने हमारी पार्टी अध्यक्ष के लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है, वह भाजपा का स्तर दिखाते हैं. सपा-बसपा गठबंधन की घोषणा के बाद बीजेपी नेताओं ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है.
बीजेपी विधायक साधना सिंह के विवादित बयान से केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले भी नाराज़ हैं. उन्होंने कहा कि मायावती पर विवादित बयान बर्दाश्त नहीं कर सकते. हमारी पार्टी बीजेपी के साथ है, लेकिन हम मायावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी से सहमत नहीं हैं. वे हमारे दलित समुदाय की एक मजबूत महिला हैं, एक अच्छी प्रशासक हैं.
सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर पर लिखा कि ”मुगलसराय से भाजपा की महिला विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक अपशब्द सुश्री मायावती जी के लिए प्रयोग किए हैं वे घोर निंदनीय हैं. ये भाजपा के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है. ये देश की महिलाओं का भी अपमान है.”
बवाल बढ़ने के बाद बीजेपी की महिला विधायक साधना सिंह ने माफी मांग ली है. उन्होंने अपने माफीनामे में लिखा कि मेरा मकसद किसी को अपमानित करने का नहीं था. मैं बस 2 जून, 1995 को गेस्ट हाउस कांड के दौरान मायावती की बीजेपी नेताओं द्वारा की गई मदद को याद दिलाना चाहती थी. अगर किसी को मेरी बातों से कष्ट पहुंचा है तो मैं खेद प्रकट करती हूं.