बीजेपी के इस ‘उम्मीदवार’ को हो गई जेल, किया था आचार संहिता का उल्लंघन, ये था मामला-
चुनावी माहौल चल रहा है और सभी पार्टियों को पता है की आदर्श आचार संहिता लग चुकी है. मगर कुछ नेता अपने पद का भौकाल दिखाने के चक्कर में सारे नियम-कानून तोड़ देते हैं. मगर इस बार बीजेपी के विधायक को बहुत महंगा पड़ गया.

बीजेपी ने मंदसौर संसदीय सीट से सांसद सुधीर गुप्ता को एक बार फिर से उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी है. उसी के बाद नीमच से बीजेपी विधायक दिलीप सिंह परिहार और नगर पालिका अध्यक्ष राकेश जैन ने बिना प्रशासन की इजाजत के जुलूस निकाला. और जुलूस निकालना उनके लिए महंगा पड़ गया. आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार करके सत्र एवं जिला न्यायालय (सीजेएम) के सामने पेश किया गया.
अदालत ने सख़्त कार्रवाही करते हुए विधायक दिलीप सिंह परिहार व नपा अध्यक्ष राकेश जैन को 5 अप्रैल तक के लिए कनावटी जेल भेज दिया है. और उनके तीन साथियों को 10-10 हजार रुपये के मुचलके पर चेतावनी देकर जमानत दे दी है.
ये मामला 26 मार्च का है जब बीजेपी ने सांसद सुधीर गुप्ता का मंदसौर लोकसभा से टिकट पक्का कर दिया था. उसी दिन रात में ही उनके सहयोगियों को इतनी ख़ुशी हुई की सारे नियम कानून भूल गए. और बिना इजाज़त के रात में ही रैली लेकर निकल पड़े. तभी कैंट पुलिस ने इस घटना को संज्ञान में लिया. 27 मार्च को विधायक, नगर पालिका अध्यक्ष सहित भाजपा नेता संतोष चोपड़ा, जीतू तलरेजा, आयुष कोठारी पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कर लिया गया. 28 मार्च गुरुवार को विधायक दिलीपसिंह परिहार व नपा अध्यक्ष राकेश जैन को 5 अप्रैल तक के लिए कनावटी जेल भेज दिया गया.
बतादें, देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के बनाए गए नियमों को ही आचार संहिता कहते हैं. आचार संहिता लागू होते ही शासन और प्रशासन में कई अहम बदलाव हो जाते हैं. इस दौरान राजनेताओं को गाइडलाइन जारी किए जाते हैं कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है. इन नियमों का पालन चुनावी उम्मीदवारों को ना सिर्फ अपने भाषणों में करना होता है बल्कि सभी प्रकार के चुनावी प्रचार और यहां तक कि उनके घोषणापत्रों में भी करना होता है.
चुनाव आयोग ने ज़ारी किये सख्त आदेश-
- मतदाता सूची एक बार प्रकाशित होने के बाद उसमें से नाम वापस नहीं लिया जा सकेगा.
- 1950 नंबर डायल करके आप वोटर लिस्ट संबंधित जानकारी ले सकेंगे.
- पहचान पत्र के लिए 11 विकल्प रखे गए हैं.
- 10 लाख मतदान केंद्र बनाए जाएंगे.
- हर मतदान केंद्र पर ईवीएम के साथ वीवीपैट का भी इस्तेमाल होगा.
- ईवीएम की जीपीएस ट्रैकिंग होगी.
- रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल प्रतिबंधित रहेगा.
- मतदान से 48 घंटे पहले लाउडस्पीकर का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा.
- इस बार ईवीएम पर उम्मीदवार की तस्वीर होगी.
- वोटर स्लिप मतदान से 5 दिन पहले मिल सकेगी.
- दिव्यांगों के लिए विशेष एप की सुविधा.
- कम्यूनिटी रेडियो के जरिए जागरुकता फैलाई जाएगी.
- चुनाव में मीडिया की सकारात्मक भूमिका. पेड न्यूज पर होगी सख्त कार्रवाई.
- संवेदनशील इलाकों में सीआरपीएफ की तैनाती होगी.
- फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब पर राजनीतिक विज्ञापन की जानकारी रखी जाएगी.