CM पद से हटाए जाएंगे ‘योगी आदित्यनाथ’ ?, अब इनके हाथ में होगी ‘यूपी की बागडोर’
Ulta Chasma Uc : एक तरफ लोकसभा चुनाव जीतने के लिए तैयारियां ज़ोरो से चल रही है, तो वहीँ दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी जाने का ख़तरा मंडराने लगा है. दरअसल बात ये है की कुछ लोगों का मानना है की योगी यूपी की बागडोर नहीं संभाल पा रहे हैं. इसलिए उनको जल्दी ही सीएम पद से हटा देना चाहिए.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने उठाये सवाल
बीजेपी के ही पूर्व केंद्रीय मंत्री संघप्रिय गौतम ने पार्टी से सिफारिश की है की 2019 के लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी को जीतना है तो उसके लिए संगठन में कई बड़े बदलाव करने होंगे. इसके लिए बक़ायदा उन्होंने एक पत्र बीजेपी को लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की नीतियों से जनता में काफ़ी रोष है. उसी के कारण ही हाल ही में संपन्न हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है.
बीजेपी के फैसलों की निंदा
गौतम ने आगे कहा कि बीजेपी सरकार युवाओं, किसानों और देश की जनता से किए गए वादों को पूरा करने में विफल साबित हुई है. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी द्वारा योजना आयोग का नाम बदलने, सीबीआई व आरबीआई के कार्यों में सरकार के हस्तक्षेप और उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसलों पर बीजेपी सरकार की कड़ी निंदा की है. उनका कहना है की इन्हीं सब कारणों से बीजेपी कमज़ोर पड़ती जा रही है.
बदलें यूपी का सीएम
यूपी की योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा की यूपी में भी कोई काम नहीं हुआ. कई वादे पूरे नहीं किये गए. इसलिए बीजेपी को सलाह दी है की गृहमंत्री राजनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर योगी आदित्यनाथ को सिर्फ धार्मिक कार्यों में लगा देना चाहिए. सूत्रों के अनुसार कई अनुभवी और दिग्गज नेता है जिनका भी यही मानना है की यूपी में राजनाथ सिंह को ही सीएम बनाया जाये.
सिर्फ बदले नाम किये तबादले
मालूम हो की जबसे योगी सरकार सत्ता में आई है. तब से एक भी ढंग का काम नहीं दिखाई दिया. शुरुआत में उन्होंने 4 से 6 महीने सिर्फ अधिकारियों के तबादले किये. उसके बाद से अभी तक सिर्फ सभी जगहों के नाम ही बदल रहे हैं. योगी ने धार्मिक लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. राज्य का मुख्यमंत्री होने के साथ ही उनको अपने बयानों पर कंट्रोल रखना चाहिए. लेकिन उन्होंने हनुमान जी की जाति बता कर पूरे देश में विवाद खड़ा कर दिया.
अभी दो दिन पहले ही योगी ने बड़े गर्व से कहा है की मेरी सरकार में एक भी दंगे नहीं हुए. तो आइये पहले यही जान लें-
- 1 जनवरी 2018 को ही पुणे के पास भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं सालगिरह मना रहे दो गुटों में हिंसा भड़की थी जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी.
- 26 जनवरी 2018 को ही कासगंज में हिन्दू-मुसलमान के बीच दंगा हुआ. जिसमें एक युवक को मार दिया गया.
- 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना में हिंसा भड़की जिसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक सुमित नाम के युवक की मौत हो गई थी.
- 29 दिसंबर को गाजीपुर में पीएम मोदी की रैली के बाद भीड़ में हिंसा भड़की जिसमें एक पुलिस कॉन्स्टेबल की मौत हो गई.
सहयोगी पार्टियों में आक्रोश
ऐसे ही कई बड़ी घटनाएं घटी हैं. लेकिन योगी कहते हैं की उनकी सरकार में कोई घटना नहीं हुई. ये तो छोड़िये योगी सरकार की नीतियों के खिलाफ तो उनके सहयोगी दल भी है. योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने उनको अल्टीमेटम दे रखा है, उनका कहना कि अगर 100 दिन के भीतर पिछड़ों के आरक्षण का बंटवारा नहीं किया गया तो वे भी सरकार को अलविदा कह मंत्री पद त्याग देंगे. इससे पहले बहराइच की संसद सावित्री बाई फूले बीजेपी से इस्तीफ़ा दे चुकीं हैं.
Web Title : bjp minister said rajnath singh should be appointed as up cm
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