बीजेपी की मंत्री ने पत्रकार को कराई जेल, अखिलेश ने पढ़ाया राज धर्म का पाठ

यूपी के एक पत्रकार ने नेता से सवाल क्या पूछ लिया ,उसको सीधा जेल का रास्ता दिखा दिया गया गया !, पत्रकार पर मारपीट और गालीगलौक के आरोप भी लग गए..लेकिन जब इस दौरान का विडियो सामने आया तो सियासत शुरू हो गई… सपा ने भी सवाल करना शुरू कर दिया कि क्या बीजेपी सरकार में पत्रकार का मंत्री से सवाल करना गुनाह हो गया है ? .. हुआ ये कि योगी सरकार में मंत्री गुलाब देवी ( Gulab Devi ) संभल के एक कार्यक्रम में पहुची थी… अपने साथियों के साथ मंत्री जी स्टेज पर बैठ कर जनता से बात ही कर रही थी कि तभी संजय राणा नाम के एक पत्रकार ने मंत्री के सामने वो बातें छेड़ दी जो नेता लोग अक्सर चुनाव के बाद भूल जाते हैं ! …पत्रकार ने कहा – अपने कहा था चुनाव जीतूंगी तो वापस आउंगी, आप नहीं आई ,… अपने कहा था शौचालय और बारातघर बनवाउंगी आपने नहीं बनवाए …आपने कहा था कि मंदिर से लेकर इस रोड को पक्का कराऊंगी, अभी तक ये रास्ता कच्चा है….आपने देवी मां के मंदिर की बाउंड्री का वादा भी किया था, अभी तक उस पर भी कार्रवाई नहीं की, आपके दफ़्तर पर गांव के लोग गए, लेकिन वहां भी सुनवाई नहीं हुई.”

पत्रकार अपनी बात रख ही रहा था कि पीछे से मंत्री की टोली की कोई महिला नेबोल पड़ीं , “आप समस्या रख रहे हो या अपना प्रचार कर रहे हो?” महिला ने पत्रकार को चुप कराने की कोशिश की, लेकिन वह चुप नहीं हुआ और एक के बाद एक सवाल मंत्री के सामने दागता रहा …जिसके बाद खुद गुलाब देवी ( Gulab Devi ) को बीच में खुदना पड़ा…गुलाब देवी तो सीधा तू तडाक पर उतर आई …बोली – तेरी निगाहें पहचान रही हूँ ……..तेरी बात तो सही है पर अभी वक़्त निकला तो नहीं है , लेकिन तू भूल गया कि यह कुंदनपुर गांव और बुध नगर खंडवा भी मेरा है….इसलिए जो वादे मैने किए थे वो ज़रूर होगा !

बस फिर क्या था….मंत्री से सवाल पूछना पत्रकार को इतना भारी पड़ा कि मंत्री भड़क गईं और हंगामा शुरू हो गया… हंगामे के बाद पत्रकार पर मारपीट के आरोप लगे और बीजेपी युवा मोर्चा ने जिला महामंत्री से मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा दिया…जिसके बाद पत्रकार को हिरासत में ले लिया गया !

इस मामले का विडियो सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी ने भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है – ” संभल में ग्राउंड रिपोर्टर संजय राणा ने BJP सरकार में मंत्री गुलाब देवी ( Gulab Devi ) से विकास के मुद्दे पर सवाल पूछे तो मंत्री महोदया ने पत्रकार को जेल में डलवा दिया….ये BJP सरकार में अघोषित इमरजेंसी और तानाशाही नहीं तो और क्या है ?…BJP सिर्फ चाटुकार पत्रकारिता चाहती है ,सवाल पूछना मना है ?

दोस्तों अब सवाल तो ये है कि जब जनता विकास के मुद्दों के बजाए ….बुलडोज़र के नाम पर वोट देगी तो क्या विकास के मुद्दों पर सवाल पूछना अपराध मना जाएगा ?