भाजपा नेताओं की आरती उतारने लगे बीजेपी नेता, पर्ची भी खुलवाई

दोस्तों कर्नाटक में तो भाजपा का जाति धर्म वाला कार्ड काम नहीं आया इसलिए अब भाजपा बिहार में तेज प्रताप ( Tej Pratap ) और तेजस्वी यादव ( Tejaswi Yadav ) की काट ढूँढने के लिए यहाँ भी धार्मिक पैंतरा अजमाने की कोशिश कर रही और इसके लिए बघेश्वर धाम के पीटाधीष धीरेन्द्र शास्त्री ( Dheerendra Shastri ) का सहारा लिया जा रहा है । दोस्तों तमाम विरोध के बावजूद जब धीरेन्द्र शास्त्री ( Dheerendra Shastri ) बिहार में कथा करने पहुच गए तो भाजपा के नेता लोगों की लाइन लग गई ।

बाबा की आरती उतार रहे भाजपा के नेता

एक से एक नेता स्टेज पर खड़े हो कर धीरेन्द्र शास्त्री ( Dheerendra Shastri ) की आरती उतारने लगे । केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, बिहार बीजेपी अध्यक समर चौधरी, अश्वनी चौबे समेत बीजेपी के नेताओं ने एकदम भक्तिमय माहौल बना दिया है । देश में जिस पार्टी की सरकार है उस पार्टी के नेता लोग लाइन लगा कर बाबा की आरती उतार रहे है । इतना ही स्टेज पर चढ़ चढ़ कर अपना भविष जाचने भी भाजपा के बड़े बड़े नेता आ रहे हैं ..अपनी पर्ची खुलवा रहे हैं । नेता लोग धीरेन्द्र शास्त्री के सामने दंडवत हुए जा रहे हैं ..मनोज तिवारी जैसे नेता बाबा के ड्राईवर बने हुए हैं …उनको एअरपोर्ट से होटल ड्राप करने के लिए ले भी जा रहे हैं ।

दोस्तों बाबा भी खूब मेहरबान हैं । भले ही अपनी अपने श्रद्धालुओं के लिए दिव्य दरबार रद्द कर दिया हो लेकिन VIP लोगों के लिए रात को दो बजे अलग से दरबारलग रहा है…VIP और राजनीतिक दल के नेताओं के लिए अर्जी भी निकली जा रही हैं ।

बिहार आने पर हुआ था विरोध

दोस्तों धीरेन्द्र शास्त्री, हिन्दू मुस्लिम पर अक्सर विवादित बयान देते रहते हैं इसलिए तेजस्वी से पहले उनके भाई और बिहार सरकार में मंत्री तेजप्रताप यादव ने आरोप लगाया था कि बाबा बागेश्वरधाम आचार्य धीरेंद्र शास्त्री देशद्रोही और डरपोक हैं। उनका कहना था कि बाबा बागेश्वर सिर्फ हिन्दू और मुसलमानों को लड़ा रहे है । बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने भी पंडित धीरेंद्र के बारे में कहा था कि वह नफरत फैलाने वाले देशद्रोही हैं। इसके अलावा जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव ने भी धीरेंद्र शास्त्री पर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी और बिहार में बाबा की एंट्री का विरोध भी किया था लेकिन भाजपा के नेताओं को बिहार की राजनीती में धार्मिक एंजेल देते के लिए धीरेन्द्र शास्त्री ( Dheerendra Shastri ) के सहारे मौका मिल गया है ।

पहले बीजेपी नेता …बाबा की सेवा करेगी ….फिर बाबा बीजेपी की सेवा करेंगे ,…अपने भक्तों को बीजेपी का भक्त बनाएँगे…. दोनों का मतलब एक ही है …धर्म ! ,,…राजनीतिक फायदा मिले तो न तो आरती उतरने से कोई एतराज़ है न ड्राईवर बनने से….! अब सवाल ये है कि क्या कर्नाटक में धार्मिक पैंतरा फ़ैल होने के बाद भी क्या भाजपा ने सीख नहीं ली है ? क्या धर्म के अलावा भाजपा के पास और कोई मुद्दा नहीं बचा है ?