फ़ेक न्यूज़ वायरस की तरह है पूरा देश पीड़ित है, क़ाबिल पत्रकारों के हाथ बंधे हुए हैं
Ulta Chasma Uc : बीबीसी हिन्दी ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के मालवीय हॉल में फेक न्यूज़ #BeyondFakeNews पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया. जिसमें उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, डीजीपी ओ पी सिंह, वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार, सुनीता ऐरन, साइबर एक्सपर्ट जीतेन जैन, मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार और फ़ेक न्यूज़ के पीड़ित राहुल उपाध्याय ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम का उद्घाटन डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने किया.

आज के दौर में हर किसी के पास स्मार्ट फोन है और सभी सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं, व्हाट्सअप पर दिन भर में लाखों की संख्या में मैसेज आते रहते हैं, कुछ मैसेज या फोटो, वीडियो ऐसे होते हैं जिसको देखकर कई लोग डर जाते हैं और कभी कभी गुस्सा भी आ जाती है, कुछ लोग इन मैसेजों को सच मान लेते हैं जिससे उनकी मौत तक हो जाती है, या कुछ डिप्रेशन में आ जाते हैं. इसलिए ऐसे संदेशों को नाम दिया गया है फ़ेक न्यूज़.

उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने #BeyondFakeNews के मंच से कहा कि समाचार पहले ब्रेक करने की प्रतिद्वंद्विता के कारण चैनलों के प्रति विश्वसनीयता का भाव घटा है. इसका मतलब ये नहीं है कि सभी फ़ेक न्यूज़ फैला रहे हैं. फ़ेक न्यूज़ की चुनौती से निपटने के लिए सरकार के पास क़ानून बनाने का विकल्प है, लेकिन अगर सरकार ऐसा करेगी तो मीडिया की आज़ादी को सीमित करने का सवाल भी उठेगा. आज के दौर में सोशल मीडिया ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया को पीछे छोड़ दिया है. मीडिया का कर्तव्य बढ़ गया है. सत्य ख़बरों को रिपोर्ट करके ही समाज को सही दिशा दी जा सकती है. उत्तर प्रदेश में फ़ेक न्यूज़ का कम से कम असर हो इसके लिए सरकार काम करेगी.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग फ़ेक न्यूज़ को बढ़ावा दे रहे हैं, वो देशद्रोही हैं. ये प्रोपेगैंडा है और कुछ लोग इसे बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. फ़ेक न्यूज़ एक वायरस की तरह है जिससे पूरा का पूरा देश कभी कभी पीड़ित हो जाता है. इससे लोगों की जान भी चली जाती है, ये कहना भी ग़लत नहीं होगा. आज हर व्यक्ति ब्रॉडकास्टर हो सकता है, कहीं से भी ख़बर को कहीं तक भी पहुंचा सकता है. ग़लत सूचना देना या हेरफेर करके सूचना देना भी फ़ेक न्यूज़ ही है.

रवीश कुमार ने मंच पर आते ही कहा, आजकल असली ख़बरों और जानकारी के बजाए आप कुछ और ही पढ़ रहे हैं. वो इसलिए क्युकी क़ाबिल पत्रकारों के तो हाथ बांध दिए गए हैं. अब अगर क़ाबिल पत्रकारों का साथ देंगे तभी इस लोकतंत्र को बदला जा सकता है. लेकिन भारत देश का मीडिया बहुत होश-हवास में, और वो सोच समझकर भारत के लोकतंत्र को बर्बाद करने में लगा हुआ है. कुछ अख़बारों के संपादक व मालिक ही इस देश के लोकतंत्र को बर्बाद करने में लगे हुए हैं.
वीडियो सौजन्य से:- BBC Hindi
Web Title : bbc hindi program BeyondFakeNews in lucknow
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