चौथा शाही स्नान कल, कुंभ के लिए इन जगहों से आज रात भर मिलेंगी बसें-
दस फरवरी को वसंत पंचमी है और कुंभ का चौथा स्नान भी है. ऐसे में श्रद्धालुओं को प्रयागराज कुंभ मेला पहुंचने में दिक्कतें न हों, इसके लिए परिवहन निगम ने अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की है.

मौनी अमावस्या के स्नान में श्रद्धालुओं की संख्या इतनी बढ़ गई थी की स्पेशल ट्रेनें कम पड़ गईं थीं. और 2-3 दिन तक सड़कों पर जाम लगा रहा था. उसी को देखते हुए वसंत पंचमी पर जिला प्रशासन में रोडवेज का सहारा लिया है. आज 9 फरवरी रात से ही लखनऊ के कैसरबाग, आलमबाग व चारबाग बस अड्डों से हर आधे घंटे में कुंभ के लिए बसें चलेंगी. आलमबाग बस अड्डे से शनिवार को रातभर बसें चलेंगी, ताकि दस की सुबह तक तीर्थयात्री कुंभ पहुंच जाएं.
पंचमी के अवसर पर आने वाली भीड़ को वापस उनके घर तक पहुंचाने के लिए रोडवेज से कहा गया है कि वह 350 बसों की व्यवस्था प्रयाग रेलवे स्टेशन के निकट बैंक रोड से करें. प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि लगभग दो करोड़ के आसपास श्रद्धालु कुंभ में स्नान करने पहुंचेंगे. ऐेसे में प्रयागराज के लिए पांच सौ अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की गई है. किसी भी समस्या पर प्रयागराज के क्षेत्रीय कंट्रोल रूम नंबर 0532-2261208 और मेलाधिकारी के मोबाइल नंबर 9415049624 पर संपर्क किया जा सकता है.
इधर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुंभ में स्नान को लेकर बड़ा आदेश दे दिया है. दरअसल हर न्यूज़ चेंनल और हर अख़बार में कुंभ छाया हुआ है. मेले की दुकानों से लेकर स्नान की हर तरह की फ़ोटो और वीडियो वायरल हो रही हैं. ऐसे में अखबार और टीवी पर स्नान करती महिलाओं की फोटो दिखाए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेला अधिकारीयों को कड़ी फटकार लगाई है.
अदालत ने सख़्त निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में अगली सुनवाई पांच अप्रैल को होगी. कोर्ट ने मेला अधिकारी से पूछा- जब स्नान घाट से 100 मीटर के दायरे में फोटोग्राफी प्रतिबंधित है तो यह कैसे हो रहा है? इस प्रतिबंध का कड़ाई से पालन कराएं.
चौथा स्नान: बसंत पंचमी-10 फरवरी, विद्या की देवी सरस्वती का दिवस ऋतु परिवर्तन का संकेत माना जाता है.
पांचवा स्नान: माघी पूर्णिमा-19 फरवरी, ये दिन गुरू बृहस्पति की पूजा से जुड़ा होता है.
छठां स्नान: महाशिवरात्रि-4 मार्च, ये अन्तिम स्नान है. तो भगवान शंकर से जुड़ा है. यहाँ आने वाला हर श्रद्धालु शिवरात्रि के व्रत और संगम स्नान से वंचित नहीं होना चाहता. मानना है की देवलोक के देवता भी इस दिन का इंतजार करते हैं.