पाक सीमा के पास इमरजेंसी फील्ड लैंडिंग का उद्घाटन, किसी भी चुनौती से निपटने को तैयार भारत

Barmer Emergency Landing Field : राजस्थान के जालोर में बने राष्ट्रीय राजमार्ग पर इमरजेंसी फील्ड लैंडिंग का आज उद्घाटन किया गया. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत शामिल होने को पहुंचे…यह देश के लिए ऐसा पहला मौका था जब किसी सुखोई एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान को राष्ट्रीय राजमार्ग पर लैंड़ कराया गया है.

राजस्थान में पाकिस्तान के साथ लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर देश की वायुसेना ने इतिहास रचा हैं. राजस्थान के बाड़मेर में एनएच 925 ए पर 3 किलोमीटर लंबी बनी एस हवाई पट्टी पर बनी इस इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का उद्घाटन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया. बाड़मेर-जालोर बॉर्डर के अड़गावा में बनी इमरजेंसी हाइवे हवाई पट्टी का उद्घाटन करने के लिए दोनों केंद्रीय मंत्री दिल्ली से हरक्यूलिस विमान सुपर C-130J में सवार होकर बाड़मेर पहुंचे थे.

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इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का उद्घाटन करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि आज देश के लिए ऐतिहासिक दिन है.पहले भारत की सड़कों पर सिर्फ वाहन ही चला करते थे, लेकिन 21वीं सदी में अब सड़क पर भी विमान उतरेंगे… भारत किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हमेशा तैयार है.इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा सेना की ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने के लिए देश में कई जगहों पर इस तरह की इमर्जेंसी लैंडिंग फील्ड का निर्माण किया जा रहा है…. प्राकृतिक आपदा की घड़ी में जनता को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने में भी मदद मिलेगी.

रक्षा मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से कुछ ही कदम दूर इस प्रकार की इमर्जेंसी लैंडिंग फील्ड का तैयार होना इस बात को प्रमाणित करता है कि भारत अपनी एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए हमेशा तैयार है.भारत में किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता है.केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमलोग प्रतिदिन 2 किलोमीटर सड़क बनाने तक आए थे. कोरोना के बावजूद भी हमने प्रतिदिन 38 किलोमीटर सड़क बनाया है जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है. मुंबई और दिल्ली के बीच हमलोग एक्सप्रेस हाईवे बना रहे हैं जिसका काम करीब 60-65% पूरा भी हो गया है.

350 विमान खरीदने की बना रही योजना

यह पट्टी भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव विकसित टू-लेन पेव्ड शोल्डर का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है। पेव्ड शोल्डर उस भाग को कहा जाता है, जो राजमार्ग के उस हिस्से के पास हो जहां से वाहन नियमित रूप से गुजरते हैं. 32.95 करोड़ रुपये की लागत से बने इस हवाई की पट्टी तीन किलोमीटर लंबी और 33 मीटर चौड़ी बनाई गई है. रक्षा और परिवहन मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं.

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जिससे देश के हर एक कोने में किसी भी समय विमानों की आपातकालीन लैंडिंग कराई जा सके..उद्घाटन के दौरान वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशकों में 350 विमान खरीदने की योजना बना रही है. वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों को देखते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना की सभी ताकतों को बढ़ाने के साथ ही विषम क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा हैं.

उद्घाटन से पहले की गई रिहर्सल

भारतमाला परियोजना के तहत बनी इस इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड के उद्घाटन से पहले धवार को वायुसेना ने इस हवाई पट्टी पर अपनी पहली रिहर्सल कर तीन लड़ाकू विमान उतारे थे.वायुसेना ने सबसे पहले हरक्यूलिस प्लेन को लैंड कराया. इसके बाद सुखोई, मिग और अगस्ता हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई… देश में यह पहली बार हुआ है जब किसी नेशनल हाइवे का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए किया जा रहा है.

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इस दौरान एसयू-30 एमकेआई, सुपर हरक्यूलिस एंड जगुआर फाइटर विमानों का फ्लाईपास्ट कराया गया. भारतमाला परियोजना को तैयार करने की शुरूआत जुलाई 2019 में की गई थी. और इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 24 महीने का लक्ष्य रखा गया था… लेकिन इस इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड को तैयार करने में मात्र 19 महीनों का समय लगा हैं….

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