मायावती ने जारी की 16 उम्मीदवारों की एक और लिस्ट, इन बड़े दिग्गजों के नाम शामिल
लोकसभा चुनाव के लिए बसपा सुप्रीमों मायावती ने 16 उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी कर दी है. इससे पहले माया ने 5 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. अब कुल मिलकर मायावती ने अपने 38 में से 33 प्रत्याशियों का नाम फाइनल कर दिया है.

उम्मीदवारों के मामले में अखिलेश यादव माया से पीछे चल रहे हैं. अखिलेश 37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे. अभी उनके 30 भी पूरे नहीं हुए हैं. मगर माया बिलकुल भी रिस्क नहीं लेना चाहती हैं. हालाँकि माया के पास वर्तमान में एक भी लोकसभा सीट नहीं हैं. लेकिन उनके जोश से ऐसा लग रहा है कि इस बार वो अपना खाता खोल लेंगी. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम ने आज 16 प्रत्याशियों की सूची जारी की है.
- सलेमपुर से बसपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष आरएस कुशवाह
- सुल्तानपुर से चंद्रभद्र सिंह
- श्रावस्ती से राम शिरोमणि वर्मा
- प्रतापगढ़ से अशोक कुमार त्रिपाठी
- अम्बेडकरनगर से रीतेश पाण्डेय
- डुमरियागंज से आफताब आलम
- बस्ती से रामप्रसाद चौधरी
- संत कबीर नगर से भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी
- देवरिया से विनोद कुमार जायसवाल
- बांसगांव सुरक्षित सीट से सदल प्रसाद
- लालगंज सुरक्षित सीट से संगीता
- घोसी से अतुल राय
- जौनपुर से श्याम सिंह यादव
- मछलीशहर से त्रिभुवन (टी) राम
- गाजीपुर से अफजाल अंसारी
- भदोही से रंगनाथ मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है.
इससे पहले बीएसपी ने 5 उम्मीदवारों के नाम घोषित किये थे. जिसमें मायावती सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे नकुल दुबे को सीतापुर से टिकट दिया गया है.
- धौरहरा से अरसद अहमद सिद्दीकी
- मोहनलाल गंज से सी एल वर्मा
- फतेहपुर से सुखदेव प्रसाद
- कैसरगंज से चंद्रदेव राम यादव
- सीतापुर से नकुल दुबे
मायावती पूरे चुनावी मूड में दिख रही हैं. अपनी हर रैली में जनता से भारी वोट देने की अपील कर रही हैं. कल शनिवार को बुलंदशहर में गठबंधन की महारैली में भी माया बीजेपी और कांग्रेस कर बरसीं थीं. उन्होंने कहा था कि योगी आदित्यनाथ ने अली व बजरं बली को लेकर बयान दिया था. मैं तो उनको यह बता दूं कि हमारे अली भी हैं और बजरंगबली भी हैं. हमें दोनों चाहिए. दोनों के गठजोड से अच्छा रिजल्ट मिलने वाला है.
मायावती ने आगे कहा था कि बीजेपी ने घोषणा पत्र में जो वादे किए हैं वे कांग्रेस की तरह खोखले रहे हैं. 15 लाख रुपये देने की घोषणा की थी मगर वो गरीबों का मजाक व जुमला बनकर रह गया. अब कंग्रेस भी इसी राह पर है जबकि कांग्रेस को देश की जनता पहले ही उखाड़ चुकी है. यदि हमारी सरकार केंद्र में आई तो छह हजार नहीं स्थायी नौकरी दी जाएगी. गरीबी नौकरी देने से दूर होगी. पहले मोदी को केंद्र से रोको फिर प्रदेश में योगी को रोकना है.