आज़म ने छोड़ा अखिलेश का साथ.. सपा छोड़ इस पार्टी से हाँथ मिलाएंगे आज़म खान ?

समाजवादी पार्टी के विधायक और मुलायम सिंह यादव के राइट हैंड आजम खान इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहें है, आज़म खान और अखिलेश यादव की नाराज़गी अब जग ज़ाहिर हो चुकी है जिसके बाद से सपा के तमाम नेता आज़म से मिल रहें है। आजम खान शिवपाल यादव और कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम से भी मुलाकात कर चुकें है, लेकिन सपा के विधायक मंडल से वो नहीं मिले अब इस नाराज़गी के चलते अगर आजम खान शिवपाल और अपर्णा की तरह पार्टी छोड़ने का निर्णय ले लेते है तो उनके सामने क्या राजनीतिक विकल्प होंगे , आइये जानते हैं – (Azam left Akhilesh’s support)

उत्तर प्रदेश की राजनीति के केंद्र में आज कल सपा विधायक आजम खान हैं, जो कि सीतापुर जेल में 26 महीने से बंद हैं.आजम खान के खिलाफ 78 मुकदमे दर्ज है, जिसमे से 77 में उन्हें अलग-अलग अदालतों से जमानत मिल चुकी है अभी एक मामला बचा हुआ है जिसमें सुनवाई तो पूरी हो चुकी है लेकिन हाईकोर्ट ने अपना जजमेंट रिजर्व कर रखा है.आजम खान काफी लंबे वक्त से जेल में हैं, और अखिलेश यादव महज एक बार ही उनसे मिलने गए है। उनकी रिहाई के लिए भी समाजवादी पार्टी ज़मीन पर लड़ती हुई या संघर्ष करती नहीं नज़र आई। (Azam left Akhilesh’s support)

आपको बता दें इन तमाम नराज़गियों की ख़बरों के बीच सपा का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमे विधायक रविदास मल्होत्रा और सचिव अनुज मिश्रा 24 तारिख यानी रविवार को उसने मिलने सीतापुर जेल पहुंचा था, लेकिन आजम खान ने उनसे मिलने से साफा मना कर दिया। ऐसे में आजम खान का सपा नेताओं से न मिलना ये साफ संकेत दे रहा है कि अब आजम खान और सपा के बीच खाई बनती दिख रही है.अब बात अखिलेश का मुस्लिमों को अनदेखा करना ,उनकी न सुनना, और उनसे दूरी बना लेने तक आ गयी है .. (Azam left Akhilesh’s support)

बसपा के साथ जा सकतें है आज़म ?

उत्तर प्रदेश के 2022 विंधानसभा चुनावों में बसपा को तगड़ी हार मिली, जबकि मुसलमानों को सबसे ज़्यादा टिकट देने में मायावती आगे रहीं. चुनाव हारने के बाद मायावती ने कहा था कि मुसलमान अगर सपा के बजाय बसपा का साथ देते तो बीजेपी को हराया जा सकता था. मतावती ने दलित-मुसलमान गठजोड़ बनाने की बात भी कही थीऔर अगर देखा जाए तो नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बीएसपी का साथ छोड़ने के बाद कोई और बड़ा मुस्लिम चेहरा मायावती के पास नहीं है, ऐसे में आजम खान के लिए बसपा सियासी विकल्प बन सकती है.हालांकि आजम खान खुलकर मायावती का विरोध करते रहे हैं (Azam left Akhilesh’s support)

अज़ाम जयंत चौधरी से मिलेंगे हाँथ ?

आजम खान के परिवार से आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने रामपुर जाकर मुलाकात भी की. जयंत ने ये भी कहा था कि आजम खान के परिवार से उनका बहुत पुराना रिश्ता है. उनके पिता चौधरी अजीत सिंह उनके बहुत अच्छे दोस्त थे. ऐसे में उनकी जिम्मेदारी थी कि वो आजम खान के परिजनों से मिलें. आजम खान ने अपनी शुरुआती राजनीति जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह के सानिध्य में शुरू की थी. बाद में वे मुलायम सिंह के साथ हो गए और जयंत मुस्लिम और जाट का समीकरण भी साधने में जुटे है तो आजम के लिए आरएलडी भी एक मजबूत ठिकाना बन सकती है (Azam left Akhilesh’s support)

कांग्रेस को अपनाएंगे आज़म ?

मौजूदा समय में मुस्लिमों के मुद्दों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ही खुलकर बोलते हैं. इसके लिए उन्हें फजीहत भी झेलनी पड़ी है. ऐसे में आजम खान सपा का साथ छोड़ते हैं तो कांग्रेस का हाथ पकड़कर 2024 में मुसलमानों को एकजुट करने का जिम्मा ले सकते हैं. कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने सोमवार को जेल में जाकर आजम से मुलाकात भी की. हालांकि आजम खान की राजनीति शुरू से ही कांग्रेस विरोधी रही है. (Azam left Akhilesh’s support)

क्या ओवैसी से आज़म मिलाएंगे हाथ

मुसलमानों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लड़ रही इस समय एआईएमआईएम इकलौती पार्टी है, ओवैसी खुलकर योगी-मोदी का विरोध करते आए हैं. मुसलमानों में भी ओवैसी के लिए काफी क्रेज है… आजम खान की राजनीति भी मुस्लिम केंद्रित रही है. असदुद्दीन ओवैसी लगातार आजम खान को अपनी पार्टी में आने का न्योता दे रहे हैं. ऐसे में आजम खान ओवैसी से हाथ मिलाकर मुस्लिम वोटों को एकजुट करने की कवायद कर सकते हैं. (Azam left Akhilesh’s support)

शिवपाल के साथ जा सकतें है आज़म ?

यूपी चुनाव के बाद से ही अखिलेश यादव के खिलाफ शिवपाल यादव ने मोर्चा खोल रखा है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को शिवपाल यादव दोबारा से खड़ा करने में जुटे हैं. शिवपाल यादव ने आजम से सीतापुर जेल में मुलाकात की है और अखिलेश से लेकर मुलायम सिंह तक पर सवाल खड़े किए हैं. शिवपाल ने कहा कि आजम खान की रिहाई के लिए सपा ने न तो कोई संघर्ष किया और न ही लोकसभा-राज्यसभा में आवाज उठाई. बता दें कि शिवपाल और आजम खान ने एक-साथ मुलायम सिंह के चेहरे के साथ सूबे की सियासत की है. सपा की सरकारों में मुख्यमंत्री के अलावा इन दोनों नेताओं की तूती बोलती ही नजर आती थी,यानी दोनों का पुराना साथ रहा है. (Azam left Akhilesh’s support)

आजम खान अपनी अलग पार्टी बनाएंगे ?

आजम खान अगर सपा से अलग होते हैं तो वो अपनी खुद की पार्टी बना सकतें है। आजम अपनी पार्टी बनाकर बीजेपी के खिलाफ एक अलग मोर्चा बनाने की दिशा में कदम उठा सकते हैं.आजम खान सूबे में शिवपाल, जयंत चौधरी, असदुद्दीन ओवैसी, ओम प्रकाश राजभर के साथ मिलकर एक संयुक्त मोर्चा बनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं. हालांकि, आजम खान 2009 में भी सपा से अलग हुए थे, लेकिन तब न तो कोई पार्टी बनाई थी और न ही किसी दल में गए थे. ऐसे में आजम खान क्या सियासी कदम उठाएंगे ये तो आने वाले वक्त ही बताएगा। (Azam left Akhilesh’s support)

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