राहुल के अस्पताल ने नहीं लिया मोदी का ‘आयुष्मान कार्ड’, मर गया मरीज़, पढ़ें- शर्मनाक घटना
राजनीति करने में सभी पार्टियां एक दूसरे के इतनी कट्टर हो गई हैं की अब जनता भी उनको नहीं दिखाई दे रही है. आज लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण का मतदान हो रहे हैं और कल रविवार को बीजेपी-कांग्रेस ने एक दूसरे पर ऐसी ख़ुन्नस निकाली जिसमें एक मरीज़ की जान चली गई. और वोट मांगते समय कहते हैं हम गरीबों के सबसे बड़े हमदर्द हैं.

मामला अमेठी का है. 25 अप्रैल को मुसाफिरखाना क्षेत्र के सरई गांव निवासी नन्हें लाल मिश्र को देर रात राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पताल में लाया गया था. और अस्पताल ने उन्हें भर्ती कर लिया था. लेकिन अगले ही दिन उनकी मौत हो गई. कल रविवार को केंद्रीय मंत्री व भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने अपने ट्विटर पर मृतक के परिजन का एक वीडियो शेयर किया है. जिसने पूरा मामला ही पलट दिया.
वीडियो में आप सुन सकते हैं मृतक के परिवार का एक सदस्य ये कह रहा है कि 25 अप्रैल को हम अस्पताल गए तो वहां चाचा को भर्ती कर लिया गया. फिर जब हम आयुष्मान कार्ड लेकर अस्पताल पहुंचे वहां दिखाया की इस कार्ड से चाचा का इलाज कर दीजिये तो अस्पताल के डॉक्टर सिद्धार्थ ने कहा की ये कांग्रेस और राहुल जी का है. ये योगी और मोदी का अस्पताल नहीं है. ये कार्ड यहाँ नहीं चलेगा. फिर जब हम लोगों ने कहा की चाचा की तबियत बहुत ज्यादा खराब है तो डॉक्टर कहने लगे की यहाँ कुछ नहीं होगा आप अपने चाचा को ले जा सकते हैं.
स्मृति ईरानी ने वीडियो ट्वीट कर राहुल गांधी पर हमला बोला दिया है. उन्होंने वीडियो के साथ लिखा कि ‘आज मैं निशब्द हूं, कोई इतना गिर सकता है ये कभी नहीं सोचा था. एक गरीब को सिर्फ इसलिए मरने दिया गया क्यूंकि उसके पास मोदी का आयुष्मान कार्ड था और अस्पताल राहुल गांधी का था.’ उन्होंने सवाल किया कि ‘संजय गांधी अस्पताल के ट्रस्टी राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा अमेठी को इसका जवाब दें. कि एक निर्दोष को क्यूं मार दिया गया ?’
ये तो हो गई कांग्रेस की लापरवाही बीजेपी को भी देख लें. वो शख़्स ये भी कह रहा है कि जब अस्पताल ने इलाज करने से मना कर दिया तो हमने आयुष्मान कार्ड पर दिए हेल्पलाइन नंबर से भी शिकायत की लेकिन कोई मदद नहीं मिल पाई. हेल्पलाइन नंबर पर बताया गया की पास में ही इसका ऑफिस है आप वहां पता कर लीजिये. लेकिन हमलोग ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है. कोई हमे ऑफिस का पता नहीं बता पाया और इलाज न हो पाने के चलते चाचा की मौत हो गई. हालांकि वीडियो में शख्स ने आयुष्मान कार्ड नहीं दिखाया है.
बीजेपी की लापरवाही भी आपके सामने है. अगर कोई आयुष्मान कार्ड का बंदा वहां पहुंच जाता अस्पताल में बात कर लेता तो आज शायद मरीज़ ज़िंदा होता. अब आइये अस्पताल की भी सुन लें वो क्यों रह जाएँ. अस्पताल के प्रबंधक भोलानाथ तिवारी ने कहा कि 25 अप्रैल को देर रात मरीज़ को अस्पताल में भर्ती किया गया. उस समय उनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं था. तीमारदारों ने आयुष्मान कार्ड का जिक्र ही नहीं किया था. 26 अप्रैल को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र भी अस्पताल द्वारा जारी किया गया है.
इसके बाद सीएमओ डॉ. आरएम श्रीवास्तव ने कहा कि ये मामला संज्ञान में आया है. चुनाव के बाद टीम भेजकर इसकी जांच कराई जाएगी. हालाँकि पीड़ित परिवार ने अभी तक अस्पताल, प्रबंधन या प्रशासन से कोई शिकायत नहीं की है. अस्पताल के निदेशक एसएम चौधरी ने वीडियो में आरोप लगा रहे सख्स की बातों को ख़ारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमने आयुष्मान योजना के तहत अब तक 200 रोगियों का इलाज किया है.
देखें वीडियो:-
आज मैं निशब्द हूँ – कोई इतना गिर सकता है यह कभी नहीं सोचा था।
एक ग़रीब को सिर्फ़ इसलिए मरने दिया क्यूँकि उसके पास मोदी का आयुष्मान कार्ड था पर अस्पताल राहुल गांधी का था। pic.twitter.com/fSqEpK5A6S
— Chowkidar Smriti Z Irani (@smritiirani) May 5, 2019