अयोध्या (Ayodhya) में एक और जमीन घोटाला ? दामादों और सालियों का जलवा : संपादकीय व्यंग्य

राम राज में राम मंदिर (Ayodhya) के पास..कोई अधिकारी फूफा के लड़के को जमीन खरीदवा चुका है…कोई साली को जमीन गिफ्ट दे चुका है…कोई पत्नी के नाम पर…कोई ससुर के नाम पर कोई फुफुआ ससुर के नाम पर जमीन खरीद चुका है…कोई अजिया सास के नाम प्लाट खरीदकर डाल दिया है..रिश्तेदारों को ऐसे महंगे उपहार हम भारतीय ही दे सकते हैं..
क्योंकि जिश्तों कद्र भारत में नहीं होगी तो क्या पाकिस्तान में होगी..नमस्कार मेरा नाम प्रज्ञा मिश्रा है..राम (Ayodhya) नाम की लूट है लूट सको तो लूट..अंत काल पक्षताएगा जब ऑफर जाएगा छूट..अयोध्या में दिन दहाड़े भगवान राम के सामने सरकारी अधिकारियों ने डाका डाल दिया है..भगवान तिरपाल में थे तो सब कुछ देखते थे..अब उनको मंदिर के भीतर बिठाकर..उनके घोषित भक्त चादर ओढ़कर घी पी रहे हैं..
बहुत ज्यादा लफबाजी नहीं करूंगी..क्योंकि गोदी मीडिया आपको दिखाएगा नहीं..सरकारी पत्रकार मालाजपने के अवाला कुछ बताएंगे नहीं..तो भक्त जनों ध्यान से सुनिए..आंख बंद कर लीजिए कानों को खोल लीजिए..पानी पास में रखिए..अगर आपके भीतर भक्त (Ayodhya) नाम का कीड़ा होगा तो ये लिस्ट सुनते समय वो बीच बीच में आपको काटेगा..इसलिए चुल्लू भर पानी अपने पास रखिएगा बुरा लगे तो डूब मरिएगा….
तो भगवान राम को और अपने ईमान को धोखा देने वालो में पहले आरोपी हैं..अयोध्या के कमिश्नर..एमपी अग्रवाल..इनके ससुर केशव प्रसाद अग्रवाल ने राम मंदिर (Ayodhya) के पास जमीन खरीदी है..कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जमीन पड़ी है लेकिन ससुर जी को राम मंदिर के पास की जमीन ही पसंद आई..
दूसरे आरोपी हैं..डीआईजी दीपक कुमार..फिलहाल अलीगढ़ के डीआईजी हैं..इनकी साली महिमा ठाकुर ने अयोध्या (Ayodhya) में मंदिर के पास जमीन खरीदी है..साली साहिबा लकी होंगी जो डीआईजी दीपक कुमार जैसे जीजा मिला हैं..जीजू नॉट बैड हां..
तीसरे आरोप हैं.. इंद्र प्रताप तिवारी गोसाईगंज अयोध्या (Ayodhya) के विधायक हैं.. इन्होंने जमीन खरीदी..और फिर इनके बहनोई ने भी भगवान राम के पास जमीन खरीद ली है..रिश्तेदार ही रिश्तेदार के काम आता है..भारतीय संस्कृति में कहा गया है.. राम इतना दीजिए ,जा में अयोध्या समाय… खुद भी जमीन डकार ले.. सास, ससुर साली भी को मिल जाए..
चौथे आरोप हैं मुख्य राजस्व अधिकारी पुरुषोत्तम दास गुप्ता 10 सितंबर तक ये अयोध्या (Ayodhya) में रहे..अब गोरखपुर में एडीएम हैं..इनके साले की पत्नी के नाम अयोध्या में जमीन खरीदी गई..आज की लिस्ट में जीजा लोग ही बाजी मार रहे हैं..खैर
पांचवे हैं..विधायक वेद प्रकाश गुप्ता..इनते भतीजे तरुण मित्तल भी राम भक्त निकले ये भी भगवान राम से एक मिनट भी दूर नहीं रह पा रहे होंगे तो इन्होंने भी कुटिया बनाने के लिए जमीन खरीद ली..चाचा हों तो गुप्ता जी जैसे..वर्ना यूपी ने तो चाचा भतीजों को लड़ते भिड़ते ही देखा है..
छठे आरोपी हैं..उमाधर द्विवेदी पूर्व आईएएस अधिकारी हैं..लखनऊ में रहते हैं..बुढ़ापे का इंतजाम इन्होंने भी कर लिया है..भगवान राम की शरण में इनको भी रहना है..सातवें आरोपी हैं..आयोध्या के प्रथम नागरिक..मेयर रिऋिकेश साहब..ये तो अयोध्या (Ayodhya) के ही हैं..कई जगहों पर गवाह भी हैं..रिऋिकेश साहब को कुछ नहीं कहना मुझे..
आठवे आरोपी हैं..आयुष चौधरी एसडीएम रहे हैं आयोध्य (Ayodhya) में..अब कानपुर में तैनात हैं..अपनी चचेरी बहन शोभिता रानी के नाम पर कुछ जमीन का इंतजाम कर दिया है..देखिए घर का आदमी बाहर निकला है..और कुछ बना नहीं पाया तो मोहल्ले वाले भी भाव नहीं देते..रिश्तेदार तो हूतिया समझने लगते हैं..इसलिए छोटे मोटे पराक्रम यूपी में करने पड़ते है..
नवे आरोप हैं…अरविंद चौरसिया, पीपीएस अधिकारी हैं अब अब मेरठ में तैनात हैं..उनके ससुर संतोष कुमार चौरसिया ने भी प्रसाद के तौर पर जमीन ली है..ससुर को दिलवाई तो बाद में सास को थोड़ी खरीदवा दी..ऐसे दामादों की यूपी में थोड़ी कमी आ गई है..गुड गोईंग चौरसिया जी..हमारे वाले चौरसिया को आपसे सीखना चाहिए..पेनकिलर नहीं जमीन खरीदो.दसवें आरोप हैं. हर्षवर्धन शाही, राज्य सूचना आयुक्त हैं..उनकी पत्नी संगीता शाही और उनके बेटे सहर्ष कुमार शाही राम भक्त निकले.शाही जी ने इनको जामीनिक प्रसाद दिलाया है..
ग्यारवें आरोपी हैं..बद्री उपाध्याय, गांजा गांव के लेखपाल हैं..इनके पिता ने भी थोड़ा जामीनिक प्रसाद ग्रहण किया है..यूपी के लेखपालों के पास हर जगह जमीन होती है..ये दिल्ली के लेखपालों की तरह नहीं..कोई भी लेखपाल सेंट्रल विस्टा में एक प्लाट तक नहीं कटा पाया..सेंट्रल विस्टा
यूपी में होता तो..भाई लोग दो तीन लट्ठा अपने में गिरा ही लेते..खैर..बारवें आरोपी हैं कानून गो सुधांशु रंजन
ये लेखपालों के काम की निगरानी करते हैं..इनकी पत्नी रंजन अदिति ने भी जमीन खरीद ली..ये तो अच्छा है कि राम राज में लोग अयोध्या (Ayodhya) में जमीन खरीद रहे हैं..छीन नहीं रहे हैं..तेरहवें आरोपी हैं..दिनेश ओझा ,पेशकार हैं..इनकी बेटी श्वेता ओझा ने भी जमीन खरीदी…
दोस्तों अगर आप इस लिस्ट को सरकार चश्मे से देखेंगे तो पता चलेगा कि अधिकारियों और नेताओं ने अपनी पोजीशन का गलत फायदा उठाकर अपने रिश्तों दारों के नाम पर जमीने लिखवा दीं..लेकिन अगर आप इसे भारतीय संस्कृति के चश्मे से देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत के दामाद कितने सहिष्णु (Ayodhya) कितने दानी..कितने परोपकारी..कितने विशाल ह्रदय वाले होते हैं..इस लिस्ट में लगभग सरकारी दामाद हैं..जिन्होंने अपनी ससुराल वालों की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ी है..
इसमें एक भी पत्रकार का नाम नहीं आया है..इससे ये साबित होता है कि यूपी की पत्रकारिता फल फूल नहीं रही है..इतनी चरण वंदना करने के बाद भी कोई भी एक भी प्लाट अपने नाम करा पाने में सफल नहीं हुआ..अयोध्या (Ayodhya) में जमीन घोटाले में अधिकारी और नेता टाइप के लोगों ने अपने रिश्तेदारों के नाम जमीनें कराई हैं..उससे ये पता चलता है कि भारत में रिश्तें की अहमियत अभी खत्म नहीं हुई है…बेटा साली ससुर सास और सरहज जैसे रिश्ते नाते आज भी जिंदा हैं..और मजबूत हैं..ये भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा को बचाए रखने के लिए उसके संवर्धन के लिए बहुत जरूरी हैं..और रही जमीन की बात..तो..खरीदी है छीनी थोड़ी है..ये बीजेपी सरकार है..यहां लूट घसोट..की कोई जगह नहीं है..
Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.