जादूगर को मिली राजस्थान की कमान, सचिन बने को-पायलट
Ulta Chasma Uc : कांग्रेस ने राजस्थान के भी मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के नाम का ऐलान शुक्रवार को कर दिया है. कई दिनों से इस बात को लेकर घमासान मचा हुआ था. आखिरकार कांग्रेस ने इसपर मुहर लगा ही दी. हालाँकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने कोई डिप्टी सीएम नहीं बनाया है मगर राजस्थान में रहेगा.

कांग्रेस ने राजस्थान की कमान एक बार फिर पूर्व सीएम अशोक गहलोत को सौंप दी है. वहीँ दूसरे दावेदार सचिन पायलट को राजस्थान का उप मुख्यमंत्री बना दिया है. कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया.
जादूगर के बेटे हैं अशोक
अशोक गहलोत ने सरदारपुरा सीट से जीत दर्ज की है, यहीं पर उनका 1951 में जन्म हुआ था और यहीं उनका पुश्तैनी घर भी है. ये विधानसभा क्षेत्र जोधपुर में आता है. गहलोत के पिता बाबू लक्ष्मण सिंह गहलोत देश के जाने-माने जादूगर थे. अशोक गहलोत ने अपने पिता से ये सीखा है. इसलिए राजनीति में उन्हें भी एक जादूगर कहा जाता है.
तीसरी बार बने मुख्यमंत्री
अशोक गहलोत असल जिंदगी में एक जादूगर रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह है कि उन्हें लंबा प्रशासनिक अनुभव है और उन्हें ऐसे नेताओं को काबू करने की कला बखूबी आती है जो बिदक सकते हैं. गहलोत तीन बार केंद्र में मंत्री रहने के बाद तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने हैं. गहलोत पहली बार 1980 में जोधपुर से सांसद चुने गए थे.
वादा पूरा करेंगे गहलोत
मुख्यमंत्री का ऐलान होने के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में गहलोत ने कहा कि वो चुनावी वादों को पूरा करेंगे. उन्होंने किसानों के मुद्दों को लेकर जो वायदे किए हैं वे प्राथमिकता में रहेंगे. जब उनसे पूछा गया कि आपको लोग जादूगर क्यों कहते हैं तो इसपर उन्होंने कहा कि ‘जादूगर तो मैं हूं ही. तभी तो मुझे मुख्यमंत्री बनाते हो बार-बार…
सचिन पायलट भी थे बड़े दावेदार
गहलोत के बाद दूसरे दावेदार प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के पक्ष में भी कांग्रेसी नेताओं का साफ़ कहना था कि पार्टी ने सचिन पायलट के अध्यक्ष रहते हुए पंचायत और सिविक बॉडी चुनावों में अच्छा प्रर्दशन किया. इसके अलावा लोकसभा के अलवर और अजमेर उपचुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की. इसलिए सचिन पायलट को ही राजस्थान की कमान सौंपनी चाहिए.
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