जेल में भी बिजी रहते हैं केंद्रीय मंत्री टेनी के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra), जानिए आखिर कौन-कौन आता है मिलने यहां पर..

लखीमपुर में हुआ क्या था..
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को तिकुनिया में हिंसा भड़क गई थी..जिसमें थार गाड़ी किसानों को कुचलते हुए आगे बढ़ गई थी..थार गाड़ी के जिस ड्राइवर का फोन बरामद हुआ है..इस हिंसा में 4 किसान और 8 लोगों की मौत हो गई थी..और जिन किसानों पर गाड़ी चढाई गई है..उन किसानों की मौत का आरोप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे अजय मिश्रा पर लगे..जिस कारण आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया..और अभी-भी वो जेल में है..
दोस्तों जिन किसानों और लोगों की गाड़ी के निचे कुचलकर मौत हुई उनके नाम हैं..स्थानीय पत्रकार रमन सिंह, बीजेपी कार्यकर्ता श्याम सुंदर, हरिओम, और शुभम मिश्रा, किसान दलजीत सिंह, गुरविंदर सिंह, लवप्रीत सिंह, नक्षत्र सिंह नाम हैं.. इनके..
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में जो हिंसा हुई थी..उस मामले को लेकर अजय मिश्रा टेनी के बेटे (Ashish Mishra) अभी भी जेल में हैं..एक आरटीआई के जरिए जब ये पूछा गया की आखिर कौन-कौन मिलने आता है आशीष मिश्रा से..तो अब उसकी जानकारी सामने आ गई है..
लखीमपुर खीरी में हिंसा हुए अब दो महीने बीत चुके हैं..और इस मामले के मुख्य आरोपी अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) है..आशीष मिश्रा अभी जेल में ही है..जेल में रहने के बावजूद उनका शेड्यूल काफी व्यस्त रहता है..ऐसा इसलिए क्योंकि उनके रिश्तेदार उनसे हमेशा मिलने आते रहते हैं..
दोस्तों इस पूरी डीटेल को बेंगलुरु के एक्टिविस्ट टी. नरसिम्हा मूर्ति ने आरटीआई से इस बात की पूरी जाकारी मांगी की आशीष मिश्रा से मिलने के लिए कौन-कौन आता है..उसके बाद आरटीआई ने 17 नवंबर को पूरी डीटेल निकालकर जवाब दिया था..
आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की डीटेल में आरटीआई ने जो जवाब दिए हैं उसके मुताबिक 20 अक्टूबर को आशीष मिश्रा से उनके भाई अभिमन्यू और उनके साले संदीप मिलने आए थे..और दोबारा फिर 29 अक्टूबर को मिलने के लिए पहुंचे..इस बार अभिमन्यू से मिलने के लिए एक और उनके रिश्तेदार अभिनव भी आशीष मिश्रा से मिलने के लिए पहुंचे..
और 30 अक्टूबर को आशीष मिश्रा के पिता अजय मिश्रा उनसे मिलने के लिए गए..
लखीमपुर खीरी के जेल के सुपरिंटेंडेंट वीपी सिंह कहते हैं कि जेल में जो कैदी बंद होते हैं..उनसे उनके रिश्तेदार हफ्ते में दो बार मिल सकते हैं..और कैदी से मिलने के लिए जो मिलने आएगा उसे अपने कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट देना जरुरी हो गया है..वीपी सिंह ने ये भी बताया है कि पहले कैदियों से उनसे मिलने आने वाले रिश्तेदार रोज मिल सकते थे..लेकिन कोरोना काल के कारण हफ्ते में 2 बार ही मिल सकते हैं..