सियासत की भेंट चढ़ा सारस,अब कभी नहीं लौटेगा आरिफ का दोस्त

सारस पर सियासत अब और और तेज़ होती जा रही है ! एक तरफ सारस के दोस्त आरिफ पर केस दर्ज हो गया तो वहीँ दूसरी तरफ सारस को कानपूर के चिड़ियाघर में कैद कर दिया गया है ! .. दोस्तों जिस आरिफ ( Arif gurjar ) ने घायल सारस का इलाज किया, उसे खिलाया-पिलाया …अब उसी आरिफ को गौरीगंज रेंज के वन विभाग अधिकारी ने नोटिस जारी किया है ।

आरिफ को वन विभाग की टीम का नोटिस

आरिफ से 2 अप्रैल तक अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया है ! नोटिस में बताया गया है कि आरिफ ने वन्यजीवन संरक्षण अधिनियम, 1972 का उल्लंघन किया है, और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है…. हालाँकि इस पर आरिफ ( Arif gurjar ) का कहना है कि सारस को उसने जान भूज कर अपने पास नहीं रोका था बल्कि वो खुद ही आरिफ को छोड़ कर नहीं जा रहा था ! आरिफ का क्या कहना है आप खुद ही सुन लीजिए !

दोस्तों सारस यूपी का राजकीय पक्षी है , और किसी भी संरक्षित पक्षी या जानवर को रखना ग़ैरक़ानूनी होता है… उसे खिलाना पिलाना भी ग़ैरक़ानूनी है …लेकिन आरिफ ( Arif gurjar ) को जब ये सारस मिला था तो वो ज़ख़्मी था, अगर आरिफ उसकी मदद न करता तो शयद उस पंची की जान भी जा सकती थी..! ऐसे में अब आरिफ पर केस दर्ज हुआ तो सियासत तेज़ हो गई, उधर अपने दोस्त से दूर होकर सारस ने भी खाना पीना छोड़ दिया है !

अखिलेश ने किया आरिफ का सपोर्ट

सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी आरिफ का सपोर्ट कर रहे है …तो वही अब कानपूर के सपा विधायक अमिताभ बाजपेई अपने दल बल के साथ चिड़िया घर पहुच गए …जहां उन्होंने चिड़ियाघर के डायरेक्टर से मुलाकात कर के कहा कि सारस अभी तक अपने दोस्त आशिक के साथ रह रहा था। जिसके कारण उसे घर का खाना खाने की आदत हो गई है। जबकि प्रशासन नेचुरल चीजें सारस को खिलाने खिलने की कोशिश कर रहा है ! उन्होंने कहा पक्षियों को आजाद रहना चाहिए….सरकार जिस तरह से हर किसी को कैद कर रही है उसी तरह से इस पक्षी को भी कैद में रख दिया गया है।

ऐसे हुई थी आरिफ और सारस की दोस्ती

दोस्तों ये सारस उस समय चर्चा में आया था, जब अमेठी के आरिफ ( Arif gurjar ) के साथ उसकी दोस्ती के किस्से इंटरनेट पर वायरल हुए थे ,,उसके बाद यूपी के इस राजकीय पक्षी को संरक्षित करने के लिए आरिफ से अलग करके पक्षी विहार में छोड़ दिया गया था,,,लेकिन दो दिन बाद ही सारस वहा से निकल भागा और भटक गया,,,सारस एक गांव पहुँच गया,,,जिसके बाद वहा से भी वन विभाग की टीम उसको कानपुर चिड़ियाघर ले आयी थी,,, कैद सारस पक्षी को अरजाद करने के लिए अखिलेश यादव ने भी गुहार लगाईं थी ! लेकिन न तो सारस को आज़ादी मिली न ही आरफ को अपना दोस्त मिला !