शिपवाल से साथ आईं छोटी बहू अपर्णा यादव कहा शिवपाल हमारे चहेते नेता
यादव खानदान की छोटी बहू पर सबकी नजर थी कि छोटी बहू अपर्णा यादव किसके साथ रहेंगी. अपने भइया अखिलेश यादव के पाले में खड़ी होंगी या चाचा शिवपाल का साथ देंगी. लेकिन अपर्णा यादव का स्टैंड साफ हो चुका है. अपर्णा यादव शिवपाल यादव की सेकुलर मोर्चा की तरफ खड़ी हैं.

जगह थी लखनऊ कार्यक्रम था राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के 15वें स्थापना दिवस का. , लेकिन यहां जो तस्वीर दिखी वो अखिलेश यादव खेमे के लिए झटका थी. शिवपाल यादव और अपर्णा यादव एक मंच पर दिखे. दोनों एक-दूसरे बात करते नजर आए.
चाचा हमारे प्यारे नेता हैं
अपर्णा ने कहा “मैं चाहती हैं कि सेकुलर मोर्चा आगे बढ़े और मोर्च से लोग इसी तरह जुड़ते रहें. माननीय चाचा जी हमारे चहेते नेता हैं. नेताजी के बाद मैंने इन्हीं को सबसे ज्यादा माना है. मैं चाहती हूं कि सेक्युलर मोर्चा आगे बढे. चुनाव में अच्छे लोगों को चुनकर लाइए. भारत में किसान मर रहा है, जवान मर रहा है. अगर हमें अपने बेटों को ऐसे ही शहीद करना है तो इससे अच्छा है कि खड़ा करके उनको गोली मार दें”

आंटी रीता बहुगुणा जोशी से कैंट में हार गईं थी अपर्णा
अपर्णा यादव अखिलश को भइया कहती हैं और भइया ने 2017 के विधानसभा चुनाव में अपर्णा यादव को लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया था लेकिन अपनी आंटी रीता बहुगुणा जोशी से हार गई थीं. बीजेपी सरकार में मंत्री रीत बहुगुणा जोशी से अपर्णा यादव के घरेलू रिश्ते हैं.
रीता बहुगुणा जोशी जब कांग्रेस में थीं तब से अपर्णां उनको जानती हैं. रीता बहुगुणा जोशी को अपर्णा यादव आंटी कहकर बुलाती हैं. कैंट में रीता बहुगुणा जोशी को 95 हजार वोट मिले थे. यानी 50 प्रतिशत वोटों के साथ रीता ने चुनाव जीत लिया था. और अपर्णा यादव को 61 हजार वोट मिले थे वो 30 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थीं.

मुलायम भी शिवपाल के मंच पर जा चुके हैं
राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी अपने छोटे भाई शिवपाल के साथ नजर आए थे. सेक्युलर मोर्चा बनने के बाद ये पहला मौका था, जब दोनों भाई एक मंच पर थे.