चीन मुसलमानों का उत्पीड़न करता है और आतंकियों को बचाता है, आर-पार के मूड में अमेरिका
अमेरिका ने चीन की असलियत को एक बार फिर सबके सामने रखा है. जिसके बाद पूरे विश्व में चीन का मज़ाक बन रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने एक बड़ा खुलासा करते हुए चीन पर मुसलमानों का उत्पीड़न और आतंकवादी समूहों को बचाने का आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा, चीन अपने यहां लाखों मुसलमानों का उत्पीड़न करता है. और हिंसक इस्लामी आतंकवादी समूहों को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से बचाता है. ये ही चीन की कायरता है. आपको मालूम हो कि भारत जब भी पाकिस्तान के आतंकवादी मसूद अज़हर को विश्व में प्रतिबन्ध लगाने की मांग करता है तभी पाक उसमे अड़ंगा लगा देता है. इसी बात पर अमेरिका ने चीन पर हमला बोला है.
अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ ने मसूद अजहर का नाम लिये बिना ट्वीट किया, “दुनिया मुसलमानों के प्रति चीन के शर्मनाक पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकती. एक ओर चीन अपने यहां लाखों मुसलमानों पर अत्याचार करता है, वहीं दूसरी ओर वह हिंसक इस्लामी आतंकवादी समूहों को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से बचाता है.’’
पूरा विश्व जानता है की पाकिस्तान अपने मुल्क में दहशतगर्दों को पनाह देता है. और चीन उसकी मदद करता है. जम्मू कश्मीर में हुआ पुलवामा हमला भी पाकिस्तान के ही आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर ने करवाया था. और जैश-ए-मोहम्मद ने एक आतंकी की वीडियो ज़ारी करते हुए इस हमले की ज़िम्मेदारी भी ली थी.
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक मसौदा प्रस्ताव भेजा है. जिसमें मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने की बात की गई है. और तब से अमेरिका के संयुक्त राष्ट्र में चीन के साथ टकराव की स्थिति बन गई है. मसौदा प्रस्ताव में इस आत्मघाती हमले की निंदा की गई है और निर्णय किया गया है कि अजहर को संयुक्त राष्ट्र के अल-कायदा एवं इस्लामिक स्टेट प्रतिबंधों की काली सूची में रखा जाएगा.