यूपी में 108-102 एम्बुलेंस चालकों की हड़ताल, दो माह से नहीं मिला वेतन, शहर में हड़कंप
उत्तर प्रदेश में अब कुछ दिन आपको एम्बुलेंस सेवा नहीं मिलेगी. सरकारी इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा 108 और 102 के ड्राइवरों ने रविवार रात से हड़ताल कर दी है. और ड्राइवरों ने वाहनों को अस्पताल परिसर में खड़ा कर दिया है.

हड़ताल के कारण सीतापुर, बदांयू, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज समेत कई जिलों में सरकारी एंबुलेंस का चलना बंद हो गया है. इससे मरीजों को काफी दिक्कतें भी होने वाली हैं. अगर किसी का एक्सीडेंट हो जाये और उसको समय से एम्बुलेंस न मिले तो पीड़ित मर भी सकता है. मगर सरकारी कंपनियों को इससे क्या फर्क पड़ता है. उनको तो बस अपना देखना है.
हड़ताल के बाद चालकों का आरोप है कि उनसे आठ घटे की जगह 12 घटे ड्यूटी कराई जाती है. समय से वेतन भी नहीं मिलता है. ड्राइवरों ने कहा कि उन्हें दो माह से वेतन नहीं मिला है. और इसके अलावा नए प्रोजेक्ट के तहत व्यवस्था की जा रही है कि 108 के वाहन कर्मियों को प्रति केस सौ रुपये और 102 को प्रति केस 60 रुपये दिए जाएंगे. अब यहाँ ड्राइवरों का कहना है कि अगर केस न मिला तो उस दिन उन्हें कुछ नहीं मिलेगा. ये नीति गलत है.
बतादें जीवीकेईएमआरआइ कंपनी शहर में एंबुलेंस सेवा दे रही है. कंपनी की टीम ने लखनऊ से आकर कर्मचारियों को समझाया कि वे हड़ताल न करें. और सरकार द्वारा एस्मा के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी. वहीं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण वी हेकाली झिमोमी ने एस्मा के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने सीएमओ को इस बावत पत्र भेजकर हड़ताल में शामिल कर्मियों पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि जब सरकार उन्हें धन मुहैया नहीं करा रही है तो उन्हें हम वेतन कहां से दें. उधर चालकों ने कहा कि उनकी मांगों पर शासन -प्रशासन के लोगों ने गंभीरता नहीं दिखाई तो नौकरी छोड़ दी जाएगी. अब जगह- जगह मरीजों के परेशानी की सूचना मिलने के बाद प्रशासन में भी हड़कंप की स्थिति है. तीमारदारों को निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है. ड्राइवरों ने साफ़ कह दिया है कि हड़ताल तब तक चलेगी जब तक हम लोगों की मांगे पूरी नहीं की जाती.