अयोध्या: विवादित स्थल पर नमाज़ पढ़ने की मांगी अनुमति, कोर्ट ने लगाया 5 लाख का जुर्माना
Ulta Chasma Uc : अयोध्या के विवादित स्थल पर नमाज़ पढ़ने की इजाज़त इलाहबाद हाई कोर्ट से मांगी गई थी. जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए उस याचिका को ख़ारिज कर दिया. इसके साथ ही याचिका कर्ता पर 5 लाख का ज़ुर्माना भी लगा दिया.

अल-रहमान ट्रस्ट का कहना
मामला ये है की अल-रहमान ट्रस्ट का कहना है की अयोध्या के विवादित स्थल पर जब हिन्दू लोग पूजा कर सकते हैं तो मुसलमानों को दी गई जगह पर उन्हें नमाज़ भी पढ़ने दिया जाये. इसी बात को लेकर अल-रहमान ट्रस्ट ने इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका लगा दी. उन्होंने अपनी याचिका में ये भी कहा की 2010 में हाईकोर्ट ने वहां की विवादित जमीन को 3 भागों में बांटा गया था. जिसमें एक हिस्सा राममंदिर के लिए दूसरा हिस्सा निर्मोही अखाड़ा के लिए और तीसरा मुसलमानों के लिए. हम उसी तीसरे पार्ट पर ही नमाज़ पढ़ने की इजाज़त मांग रहे हैं.
ट्रस्ट पर 5 लाख का ज़ुर्माना
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अल-रहमान ट्रस्ट द्वारा लगाई गई याचिका में किये गए सभी दावों को ख़ारिज कर दिया है. और याचिका कर्ता अल-रहमान ट्रस्ट पर 5 लाख का ज़ुर्माना भी लगा दिया है. हाईकोर्ट ने सख़्त आदेश देते हुए कहा की इस तरह की याचिका कोर्ट का वक्त ज़ाया करने के बराबर है. और इससे समाज में नफ़रत की भावना भी पैदा होती है. इसके साथ ही अयोध्या जिले के डीएम को ये निर्देश दिया है की अल-रहमान ट्रस्ट अगर जुर्माना की राशि अदा न कर पाए तो उससे सख्ती के साथ राशि वसूलें.
अल हराम ट्रस्ट है
अल-रहमान ट्रस्ट उत्तर प्रदेश के रायबरेली की है. ये ट्रस्ट इस्लाम का प्रचार करती है. फिलहाल अयोध्या भूमि विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. हिन्दू पक्षकार अमरनाथ मिश्रा ने अल-रहमान ट्रस्ट की लगाई याचिका पर कहा की ये जो अल-रहमान ट्रस्ट है वो इस्लाम के लिए अल हराम ट्रस्ट है. क्युकी इस्लाम में ये लिखा हुआ है की जहां भी कोई विवाद चल रहा है वहां पर नमाज़ नहीं पढ़ी जा सकती है.
Web Title : allahabad high court lucknow bench rejected plea by al rehman trust
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