गठबंधन: 37-37 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे अखिलेश-माया, इन दलों को दी 6 सीटें
उत्तर प्रदेश में अखिलेश और मायावती में गठबंधन हो चुका है. कल तक दोनों सियासी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगाती रहीं हैं. माया अखिलेश को मुलायम का बबुआ कह कर तंज कस्ती थीं वहीँ अखिलेश माया को बुआ कह कर उनको कोसते थे. मगर आज दोनों पार्टियां एक साथ हो गईं हैं.
“ये कलयुग है कलयुग यहाँ पर लोग सिर्फ एक ही मतलब के लिए जीते हैं
अपने मतलब के लिए” …….. रणवीर सिंह.. सिंबा मूवी
गठबंधन तो दोनों में पहले ही हो गया था. मगर सीटों पर बात फंसी थी. जिसके लिए दिल्ली में बसपा सुप्रीमो मायावती व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की मीटिंग हुई. दोनों दिग्गजों की तीन घंटे से अधिक चली बैठक में सीटों के बंटवारे पर विस्तार से चर्चा हुई. जिसके बाद सीटों पर सहमति बन गई. अखिलेश और माया लोकसभा की 37-37 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतरेंगे. शेष बची सीटों पर गठबंधन में शामिल अन्य दलों को अपने प्रत्याशी उतारने का मौका दिया जाएगा.

बढ़ी राजनीतिक गर्मी
अखिलेश और मायावती की इस मुलाकात के बाद से राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है. क्युकि 15 जनवरी को मायावती का जन्मदिन है. और ये भी लगभग तय है की गठबंधन का सार्वजनिक ऐलान मायावती उसी दिन करेंगी. माया अपना जन्मदिन लखनऊ में ही मनाएंगी. इस बार मायावती के जन्मदिन में अखिलेश भी शामिल हो सकते है. और लखनऊ में दोनों नेताओं की मौजूदगी पर गठबंधन पर और चर्चा आगे बढ़ेगी.
यूपी में 80 सीटों पर बटवारा
यूपी में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं जिसमें सपा-बसपा 37-37 सीटों पर और अन्य दल 6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. मायावती 15 जनवरी को इन सीटों पर प्रत्याशियों की भी घोषणा कर सकती है. करीबी सूत्रों का कहना है की जरूरत पड़ने पर सपा अपने कोटे की सीटों में से किसी अन्य दल के साथ भी राजनीतिक सौदेबाजी कर सकती है.
दो बार माया के घर पहुंचे अखिलेश
ये दूसरा मौका है जब अखिलेश मायावती से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे हैं. इससे पहले जब पूर्व में गोरखपुर और फूलपुर संसदीय सीट पर उप चुनाव हुए थे तो बसपा ने सपा को समर्थन देने का फैसला किया था. तब अखिलेश लखनऊ के माल एवेन्यू स्थित मायावती के बंगले पर उनका धन्यवाद देने पहुंचे थे. तभी से ही ये कयास लग चुके थे की बीजेपी के खिलाफ दोनों दलों के बीच गठबंधन की बात बन सकती है.
छोड़ीं दो सीटें
हालांकि अमेठी व रायबरेली की लोकसभा सीट पर कांग्रेस के खिलाफ गठबंधन का कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा जाएगा. गठबंधन में रालोद के साथ ही क्षेत्र विशेष में प्रभाव रहने वाले छोटे दलों में पीस पार्टी, निषाद पार्टी, अपना दल और सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) हो सकती है. रालोद को दो से तीन सीटें देने वहीं अन्य छोटे दलों को एक से दो सीटें दी जा सकती हैं.