दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों से मिले ‘अखिलेश’, दी 16 लाख की मदद, सामने आया एक ‘पत्र’
उन्नाव में दुष्कर्म की शिकार युवती का रविवार को रायबरेली में रोड एक्सीडेंट हो गया. जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गई है. लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में उसका इलाज चल रहा है उसकी हालत काफी नाजुक बनी हुए है.

किशोरी और उसकी चाची अपने वकील महेंद्र सिंह के साथ सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने के लिए कागजात तैयार कराने के लिए रायबरेली जेल जा रहे थे. लेकिन रास्ते में ही एक अनजान ट्रक ने उनको एक जोरदार टक्कर मार दी जिसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पीड़िता और उनके वकील महेंद्र सिंह चौहान की हालत नाजुक बनी हुई है.
वहीं आज मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पीड़िता के परिजनों से मिलने लखनऊ ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और उनका हाल चाल जाना. इसके बाद उन्होंने सपा की तरफ से दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों को 16 लाख रुपये की मदद दी. पीड़िता के परिवार को 10 लाख रुपये और घायल वकील के परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी, इसके अलावा एक लाख रुपये पार्टी फंड से दिया गया है. परिजनों को सपा प्रतिनिधि मंडल में शामिल मधु गुप्ता, जूही सिंह, जरीना उस्मानी व आईपी सिंह ने चेक सौंपा.
इससे पहले कल उनके निर्देश पर समाजवादी पार्टी की तीन महिला नेताओं ने पीड़िता के साथ उनके परिवार के लोगों का हाल-चाल लिया था.
अखिलेश यादव ने कहा कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता का सड़क दुर्घटना में घायल होना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. इसने देश की महिलाओं को झकझोर कर रख दिया है. जनता अब सरकार और भाजपा विधायक पर सवाल उठा रही है. ट्रक के मालिक को समाजवादी पार्टी का नेता बता रहे हैं. यूपी के जेलों का हाल सब जानते हैं कैसे कैसे वीडियो वायरल हो रहे हैं. अब तो जेल से ही अपराध संचालित हो रहा है. बाहर छोटे लोगों को मारकर पुलिस अपनी पीठ ठोंक रही है.
वहीं दुष्कर्म पीड़िता और उसकी मां की ओर से लिखा एक पत्र सामने आया है. कार एक्सीडेंट से 20 दिन पहले भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई ने अपने गुर्गों के साथ पीड़िता के घर जाकर धमकाया था. उसके बाद दुष्कर्म के मामले में सह आरोपित शशि सिंह के पति और बेटे ने भी अंजाम भुगतने और पूरे परिवार को जेल में सड़ाने की धमकी दी थी. कुलदीप के गुर्गों की धमकी से परेशान होकर दुष्कर्म पीड़िता की मां ने मुख्य न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय को पत्र भेजकर कार्रवाई कराने का आदेश देने की गुहार लगाई थी. मगर किसी ने कुछ न किया.