औवैसी के टारगेट पर अखिलेश ही क्यों ?

ओवैसी ने अखिलेश को क्यों ललकारा
बिहार में चार सीटें जीतने और बीजेपी को जिताने के बाद औवैसी के हौसले बुलंद हैं..यूपी में ओवैसी का मेन टारगेट अखिलेश यादव हैं..ओवैसी जब सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश पहुंचे तो अखिलेश को ललकारा..और सीधे अखिलेश की लोकसभा सीट आजमगढ़ पहुंचे..ओवैसी ने कहा अखिलेश मुझे यूपी आने ही नहीं देते थे..मैं योगी सरकार की परमीशन से यूपी आया हूं..
ओवैसी की बिहार पॉलिटिक्स समझिए
इस बात को समझिए कि बिहार और यूपी की राजनीति एक जैसी है..वहां तेजस्वी यादव को बीजेपी से लड़ना था..यूपी में अखिलेश यादव को बीजेपी से लड़ना है..तेजस्वी और अखिलेश यादव का वोटर लगभग एक जैसा है..यूपी में ओवैसी की एंट्री से सबसे ज्यादा असर समाजवादी पार्टी पर ही होने की संभावना है..ओवैसी मुस्लिम वोटों के बड़े हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं..जो अब तक या पिछले चुनावों तक सपा की तरफ जाता था.
अखिलेश को छेड़कर ओवैसी क्या चाहते हैं
2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में औवैसी की पार्टी 38 सीटों पर चुनाव लड़ी थी..तब केवल 0.24 फीसदी वोट मिले थे..एक भी सीट नहीं मिली थी..लेकिन ओवैसी अब पहले से ज्यादा ताकतवर हैं..हिंदू मुसलमान वोट को बांटने की प्री प्लांड ट्यूनिंग काम कर रही है..
यूपी में ओवैसी का क्या प्लान है
इस बार ओवैसी यूपी की लगभग 100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे..और 19 प्रतिशत मुसलमानों को अखिलेश से तोड़ने की कोशिश करेंगे..ओवैसी यूपी में बिहार का प्रयोग दोहराना चाहते हैं..वोटकटवा पार्टी होने के बजाय, AIMIM अब बड़ी पार्टी बनना चाहती है..यहां तक कि यूपी में अगले साल होने वाले चुनाव के लिए ओवैसी ने तमाम उम्मीदवार अभी से घोषित कर दिए हैं..
ओवैसी और बीजपी के रिश्तों पर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में प्रज्ञा मिश्रा जी द्वारा किया गया सर्वे..