‘सेक्युलर मोर्चा’ से बौखला गए हैं अखिलेश, इसलिए पिता ‘मुलायम’ को देने लगे हैं सम्मान: शिवपाल
समाजवादी पार्टी से अलग होकर सेक्युलर मोर्चा का गठन करके शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश की मुश्किलें बढ़ा दी है. अखिलेश को अपनी गलतियों का एहसास भी होने लगा है. अब अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के हर कार्यक्रम में उपेक्षित नेताओं को वरीयता सम्मान दिया जा रहा है.
सपा वाले डर से कर रहे नेता जी का सम्मान

मालूम हो कि, पिछले साल अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव से पार्टी की कमान छीन ली थी और खुद को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया था. लेकिन आज दिन ऐसा आया है की अब नेता जी को अखिलेश हर कार्यक्रम में बुला रहे है. मतलब साफ़ है की सेक्युलर मोर्चे के गठन होने के बाद से अखिलेश परेशान हैं और नेता जी को सम्मान देने को मजबूर हैं.
नेता जी को मैदान में उतारेगा सेकुलर मोर्चा
शिवपाल सिंह यादव ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि नेता जी के सम्मान से बढ़के कुछ नहीं. उनका सेकुलर मोर्चा उन्हें अपने प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारने की कोशिश करेगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो नेता जी जिस सीट से चुनाव लड़ेंगे वहां सेक्युलर मोर्चा उनका समर्थन करेगा. सेकुलर मोर्चे के गठन के बाद से शिवपाल तबातोड़ रैलियां कर रहे हैं. जिसका नजीता साफ़ देखने को मिल रहा है.
सेकुलर मोर्चा ने बढ़ाया अपना जनाधार

इतने कम समय में सेक्युलर मोर्चा ने अपना जनाधार बढ़ाया है जिसको देख राजनीतिक जानकार इस पार्टी का भविष्य देखने लगे हैं. शिवपाल ने कहा कि हमारी सीधी लड़ाई बीजेपी से है, हमारे संगठन के दरवाजे समान विचारधारा वाले दलों के लिए खुले हैं. बिना अखिलेश का नाम लिए कहा की इस तरह की अफवाह को बौखलाए लोग हवा दे रहे हैं. हमारे मोर्चे से जिनका जनाधार खिसक रहा है वे ही परेशान हैं.
बुराई पर अच्छाई की विजय है
शिवपाल ने कहा बीजेपी की सत्ता देश और प्रदेश दोनों जगह है इसलिए सीधी लड़ाई उसी से है. अगर महागठबंधन का ऑफर आता है तो पार्टी विचार करेगी. कार्यालय का उद्घाटन दशहरा के शुभ अवसर पर हो रहा है यह बुराई पर अच्छाई की विजय है. हम बुराइयों से लड़ना सीख रहे हैं. बीजेपी जनता के ऊपर बोझा डाल रही है जिसके विरोध में सेक्युलर मोर्चा लड़ाई कर रहा है.