अखिलेश और बीजेपी के केशव मिलकर कुछ बड़ा करने वाले हैं ?

जब से अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक शूद्र को अपने बगल में रखा हुआ है..तब से लोग पूछ रहे हैं वो शूद्र कौन है जो ठाकुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बगल में रहता है..अखिलेश यादव ने किसको शूद्र कहा है..जो योगी आदित्यनाथ के इशारे पर बयान देता है..जब खोजा गया तो पता चला कि अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्या को शूद्र कहा है..अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) और केशव प्रसाद मौर्या ( Keshav Prasad Maurya ) की राजनीति में ठनी रहती है..कुछ दिन पहले केशव प्रसाद मौर्या ( Keshav Prasad Maurya ) को अखिलेश ने विधानसभा में लताड़ लगाई थी..एक बात साफ हो गई है कि अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्या को शूद्र कहा था..अखिलेश यादव खुद को भी शूद्र कहते हैं..

अखिलेश ने खुद को दिया शूद्र वाला बयान

स्वामी प्रसाद मौर्या ने अखिलेश को वैसा ही जवाब दिया है..जैसा यूपी की राजनीति में अपेक्षा की जाती है..दोस्तों अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) ने खुद को शूद्र नाम राम चरित मानस पर हुए बवाल के बाद दिया था..अखिलेश ने पिछड़ों को और खुद को शूद्र की कटैगरी में रखा था..अखिलेश भी शूद्र हैं..और अब केशव प्रसाद मौर्या भी शूद्र बताया है..उस लिहाज से शूद्र शूद्र भाई भाई हुए..दोस्तों अखिलेश और केशव प्रसाद के बीच इतनी तल्खी होने के बाद भी केशव प्रसाद मौर्या नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन पर सैफई आए थे और अखिलेश यादव का हाथ पकड़कर बैठे थे…

अखिलेश और केशव प्रसाद मौर्या के बीच क्या चल रहा है ?

अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्या ( Keshav Prasad Maurya ) के बीच में ये तल्खियां केवल राजनीतिक हैं या फिर इसके कई और मायने हैं..इसकी व्याख्या उत्तर प्रदेश के कई राजनीतिक पंडित अपने अपने हिसाब से करते हैं..लेकिन सबका निष्कर्ष एक ही निकलता है कि ये टकराव दिखावटी है..क्योंकि कुछ दिन पहले अखिलेश यादव ने ट्विटर पर केशव प्रसाद मौर्या और ब्रजेश पाठक को मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव भी दिया था..दोनों की फोटो डलाकर सपा ने लिखा था कि 50-50 का जुगाड़ मिलकर कर लिया..100 सपा वाले + राजभर निषाद पटेल..बन गई अपनी सरकार…(PIC ) उससे पहले खुद बोलकर भी ऑफर दे चुके हैं..और ये ऑफर देते समय अखिलेश सीरियस थे..

दोस्तों राजनीति में जो दिखता है वो हमेशा होता नहीं है..और जो होता है उसे सामान्य वोटर की आंखें देख नहीं पाती जहां सबसे ज्यादा तल्खियां होती हैं वहीं पर मोहब्बत की संभावनाएं भी सबसे ज्यादा होती हैं..क्योंकि प्यार हमेशा तकरार से ही शुरू होता है..एक तरफ केवश को मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दूसरी तरफ..विधानसभा में उनको लताड़ना..तीसरी तरफ अखिलेश खुद को भी शूद्र कहते हैं..और केशव को भी शूद्र कह रहे हैं..ये बताता है कि यूपी के राजनीतिक भगोने में ऐसी खिचड़ी पक रही है..जिसका स्वाद समय का ढक्कन हटने के बाद ही पता चलेगा..लेकिन इतना साफ है..अखिलेश और स्वामी प्रसाद मौर्या के बीच कुछ बहुत बड़ा गेम चल रहा है.