मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने ऑडियो जारी कहा कि वह अभी जिंदा है, सोशल मीडिया पर हो रहा गलत प्रचार
Afghanistan Deputy Prime Minister : तालिबान में नंबर 2 की पोजिशन रखने वाले और नए सरकार में डिप्टी पीएम बने मुल्ला अब्दुल गनी बरादर जिंदा है. मुल्ला बरादर ने अपना एक ऑडियो जारी कर दावा किया हैं कि वह जिंदा और पूरी तरह से स्वस्थय हैं. मुल्ला बरादर का खुद ऑडियो इस वजह से अहम माना जा रहा हैं क्योंकि तालिबान में कई दिनों से उनकी मौत की खबरें वायरल हो रही थी.
मुल्ला बरादर के ऑडियो कर सही सलामत होने की जानकारी खुद तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने की हैं. सुहैल शाहीन ने कहा कि मुल्ला बरादर की फैलाई गई अफवाहें बेबुनियाद हैं.अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का करीब एक महीना हो गया है, लेकिन अभी तक कोई बड़ी पहल तालिबान नेताओं की ओर से नहीं दिखाई दी है.
तालिबान ने लड़कियों की पढ़ाई और खेलकूद की मंजूरी तो दे दी है, लेकिन ऐसी पाबंदिया लगा दी हैं कि उनके लिए आगे बढ़ना बेहद कठिन लग रहा है.तालिबान सरकार में मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद के बाद बरादर ही दूसरे नंबर का उप-प्रधानमंत्री बनाया गया है. मोहम्मद हिब्तुल्लाह अखुंदजादा सुप्रीम लीडर है.मुल्ला बरादर ने अपने ऑडियो में कहा कि उनके बारे में दुस्प्रचार चलाया जा रहा है.
तालिबान के बाद इस ऑडियो को अफगानिस्तान एक बड़े न्यूज चैनल टोलो ने भी जारी कर कहा हैं कि मुल्ला गनी बरादर ने खुद ही साफ है कि वह न तो घायल है और न ही बीमार है. दरअसल मुल्ला बरादर को लेकर सोशल मीडिया में कहा गया था कि तालिबान के आपसी संघर्ष में बरादर जख्मी हो गया या मारा गया है.
तालिबान सरकार बनने के बाद से ही मुल्ला बरादर नजर नहीं आए. जिसके बाद ही उसकी मौत की अफवाहे जोर शोर से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी थी…बरादर ने अपने ऑडियो में कहा कि मीडिया में मेरी मौत के बारे में खबरें चल रही हैं. लेकिन कुछ दिनों से लगातार मैं एक यात्रा पर हूं. और मैं अपने दोस्तों के साथ अपनी यात्रा को इंजॉय कर रहा हूं.
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने अपने दिए गए बयान में कहा कि सोशल मीडिया हमेशा दुस्प्रचार को हवा देने का काम करती है. मै इस तरीके की खबरों का खंडन करते हैं. कुछ साल पहले सुप्रीम लीडर अखुंदजादा के बारे में भी इसी तरह की अफवाहें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी….जब अखुंदजादा कंधार घूमने गए हुए थे.
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने 1996 से 2001 तक तालिबान शासन के दौरान तालिबान सरकार में कई सम्मानित पदों पर काम कर चुका हैं. इसके साथ ही वह तालिबान के फाउंडर मुल्ला उमर का डिप्टी था. 2001 में अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण में तालिबान सरकार के गिरने के बाद, मुल्ला बरादर पाकिस्तान में संगठन क्वेटा शूरा का नेतृत्व किया.
जिसके बाद उसे 2010 में पाकिस्तान की खुफिया एजेन्सीं आईएसआई द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था. बरादर को संयुक्त राज्य अमेरिका के कहने पर 2018 में जेल से रिहा किया गया था. और बाद में उसे तालिबान का उप नेता और राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख नियुक्त किया गया था.