अडानी और मोदी की दोस्ती कैसे हुई ? कैसे अडानी दुनिया के सबसे अमीर आदमी बने ?

PRAGYA KA PANNA
PRAGYA KA PANNA

भारत सोने की चिड़िया था..था या नहीं था..था ना..अंग्रेज सोने की चिड़िया को लूट ले गए..बाकी की जो बची माल मलाई है..वो है सरकारी..सरकार किसकी होती है..प्रधानमंत्री की प्रधानमंत्री कौन हैं भईया..नरेंद्र दामोदर दास मोदी..नरेंद्र दामोदर दास मोदी के घनिष्ठ मित्र कौन हैं..गौतम अडानी…गौतम अडानी दुनिया में अमीरों (Modi Vs Adani) की लिस्ट में नंबर दो पर पहुंच गए हैं.. गौतम अडानी हैं बिजनेस मैन और नरेंद्र मोदी ठहरे झोला उठाकर चल देने वाले फकीर..तो आज बात फकीर के झोले में पड़े खजाने और अडानी के आगे बढ़ते जाने पर करेंगे..साथ ही..मोदी और अडानी की दोस्ती कैसे क्यों और कहां हुई ये भी आपको बताएंगे..

दोस्तों इसको समझने के लिए आपको 20 साल पीछे चलना पड़ेगा..साल था 2002..तब गुजरात में ताजे ताजे दंगे हुए थे…हालात बहुत ज्यादा खराब थे..उस वक्त लोगों में.. व्यापारियों में..यहां तक कि नेताओं में..सही को सही और गलत को कहने हिम्मत हुआ करती थी..

वो समय मानसिक गुलामी का नहीं था..हुआ ये कि सीआईआई ने यनी फेडरेशन ऑफ इंडियन इंटस्ट्रीज ने गुजरात दंगों में ढिलाई बरतने के लिए नरेंद्र मोदी की बहुत तीखी आलोचना की..

ये वही समय था जब नरेंद्र मोदी गुजरात मॉडल का ढोल पीटना शुरू कर चुके थे..गुजरात को निवेशकों का पसंदीदा ठिकाना बताने पर लगे हुए थे..सीआईआई खुले तौर पर मोदी के कामों की आलोचना कर रहा था..मोदी को गुजरात में हुई सबसे बड़ी त्रासदी के लिए जिम्मेदार बता रहा था..तब उन कारोबारियों के बीच से एक कारोबारी निकलता है..जो मोदी (Modi Vs Adani) से साथ खड़ा होता है..उद्योगपतियों को मोदी के पक्ष में करने की जिम्मेदारी उठाता है..उस कोरोबारी का नाम था..गौतम अडानी..गौतम अडानी ने ऐलान कर दिया कि अगर सीआईआई नरेंद्र मोदी का विरोध करेगा तो मैं सीआईआई की तरह एक और व्यापारियों का संगठन खड़ा कर दूंगा..गौतम अडानी ने मोदी के लिए आवाज उठाई..

नेता और व्यापारी साथ आ जाएं तो व्यापार और चुनावी रैलियों का भार कब एक दूसरे के कंधे पर ट्रांसफर होने लगता है पता नहीं लगता..समय बीतता गया..मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बनते गए..अडानी गुजरात (Modi Vs Adani) के बड़े उद्योगपति बनते गए..फिर आया साल 2013 जब नरेंद्र मोदी को बतौर मुख्यमंत्री अमेरिका के व्हार्टन स्कूल ऑफ़ बिज़नेस के एक कार्यक्रम में मेन स्पीकर के तौर पर बुलाया गया..

स्कूल के शिक्षकों और बच्चों ने विरोध किया तो नरेंद्र मोदी का नाम मेन स्पीकर से हटा दिया गया..और देखिए इस क्रार्यक्रम के प्रायोजक थे..अडानी भाईसाहब अडानी ने कार्यक्रम से स्पॉन्सरशिप (Modi Vs Adani) वापस ले ली..मतलब जहां हमारे दोस्त कम नेता का सम्मान नहीं वहां मैं पैसा नहीं लगाऊंगा…तो ये रिश्ता तब से चल रहा है..ऐसा नहीं है कि सिर्फ गौतम भाईसाहब ही..एकतरफा दोस्तों निभा रहे थे..धंधे वाला आदमी बिना चार पैसे के फायदे के फ्री में सांस भी नहीं लेता है..

आपने गुजरात में मुंदरा पोर्ट का नाम सुना होगा..वही पोर्ट जहां..कभी कुछ दिन पहले करोड़ों की ड्रग्स पकड़ी गई थी..जिसका कुछ नहीं हुआ..हां वही मुंदरा पोर्ट..उसी मुंदरा पोर्ट पर ये आरोप लगते रहे हैं कि ..मुंदरा पोर्ट की जमीन कौड़ियों के भाव गौतम भाई अडाणी को दे दी गई..1995 में अडानी ने मुंदरा बंदरगाह शुरू किया गया..ये बंदरगाह क़रीब 8 हजार हेक्टेयर में फैला है..आज की तारीख में ये भारत का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह है…

यहां से पूरे भारत के लगभग एक-चौथाई माल की आवाजाही होती है. गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा जैसे सात समुद्री राज्यों में 13 घरेलू बंदरगाहों में अडानी ग्रुप की तूती बोलती है…मुंदरा बंदरगाह पर दुनिया में कोयले की सबसे बड़ी माल उतराई की क्षमता है. ये बंदरगाह स्पेशल इकोनॉमिक (Modi Vs Adani) ज़ोन के तहत बना है..जिसका मतलब होता है कि उसकी प्रमोटर सभी कंपनियों को कोई टैक्स नहीं देना होगा..इस ज़ोन में बिजली प्लांट, निजी रेलवे लाइन..निजी हवाई अड्डा वगैरह सब कुछ है…दोस्ती तभी चलती है जब हाथ दोनों तरफ से मिलें..

एक बात है..गौतम अडानी ने व्यापार जगत में खड़े होने के लिए मेहनत भी बहुत की..जैसे अब सब कुछ दे दिया है..वैसे शुरू में नहीं दिया था..1978 का साल था..अडानी ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई अधूरी छोड़कर मुंबई के हीरा बाज़ार में हाथ आज़माया था..मामला ठीक जमा नहीं..उसके तीन साल बाद 1981 में अडानी के बड़े भाई ने गौतम (Modi Vs Adani) को अहमदाबाद बुला लिया…बड़े भाई ने सामान रैप करने वाली प्लास्टिक की एक फैक्ट्री खरीदी थी..लेकिन उनसे वो ठीक से चल नहीं रही थी..वो कच्चा माल लाते या माल बनवाते..

अडानी ने कच्चे माल के लिए कांडला पोर्ट पर प्लास्टिक ग्रैनुएल्स का आयात शुरू किया और 1988 में अडानी एंटरप्राइज़ लिमिटेड कंपनी बना डाली..सुनते जाई भाई साहब..कहानी इंन्सप्रिरेशनल..मतलब प्रेरणा दाई भी है..अडानी एंटरप्राइज लिमिटेड ने अलग अलग धातुओं, खेती और खाने पीने के सामान..कपड़े जैसी चीजों की कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू की कमोडिटी मतलब सामान पर कुछ मुनाफा लेकर आगे बेचना…कुछ ही सालों में अडानी मार्केट में बड़ा नाम बन गए..1994 में जब गौतम अडानी ने अपना शेयर बीएसई और एनएसई में रजिस्टर्ड कराया था तब उसकी कीमत..150 रूपए थी..आज की तारीख में देखिए..आसमान छू रहे हैं..

फार्च्यून तेल..आटा, चावल, दाल…जिन पैकेट बंद चीजों पर मोदी जी ने अभी अभी जीएसटी लगाई है अडानी भैया ये सब भी बहुत तगड़े से बेचते हैं..भारतीय खाद्य निगम के मिलकर अडानी जी के देश में अनाज भरने के इतने बड़े बड़े गोदाम बनवा डाले हैं कि देश का पूरा अनाज इनके गोदाम में भर जाए..आज की तारीख़ में अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड देश में भारतीय खाद्य निगम और मध्य प्रदेश सरकार के अनाज को अपने गोदामों में रखता है..भारतीय खाद्य निगम का 5 लाख मीट्रिक (Modi Vs Adani) टन और मध्य प्रदेश सरकार का तीन लाख मीट्रिक टन अनाज अडानी भइया के बनाए गोदाम में है..आंदोलन वाले किसान कह रहे थे कि अडानी भैया को अनाज खरीदने में ज्यादा मशक्त ना करनी पड़े इसीलिए किसान कानून लाया जा रहा था..दोस्ती हो तो ऐसी वर्ना ना हो गुरू..

जिस व्यापारी का दोस्त प्रधानमंत्री हो..उसको तो लगता होगा मै इच भगवान है..7 सरकारी एयरपोर्ट के मालिक अडानी जी हैं..मतलब बनाती सरकार जनता के पैसे से है..और चलाने के लिए अडानी को दे देती है..चलाने में ही सरकार (Modi Vs Adani) की जान सूख जाती है…कई सरकारी कंपनियों को अडानी जी ने ले लिया है..अरे चलाने के लिए..आप सोच रहे हैं..मोदी जी चला रहे हैं..और मोदी जी सोचते हैं..अडानी जी चलाएं..कई कंपनियां बर्बाद होने की कगार पर हैं..जब हो जाएंगी तो नॉन प्रॉफेटेबल बताकर उधर पैसे लेकर दान कर दी जाएंगी..उसके बाद अडानी भईया मुर्दा सरकारी कंपनियों में प्राण फूकेंगे..

अब कितना बताएं ये समझ लीजिए अडानी भईया भारत के कण कण में हैं..खाने में हैं..तेल में हैं..खेती में हैं..बिजली में हैं.. गैस में हैं..गुजरात जायंट्स खरीदकर खेल में हैं..अंबुजा सीमेंट में हैं..एसीसी सीमेंट में हैं..और मैं जितना नहीं बता पा रही हूं उन सब में हैं..लोग नरेंद्र मोदी और अडानी की दोस्ती से जलते हैं लेकिन ऐसी दोस्ती होनी चाहिए..यार मेरी जान यार के लिए सब कुर्बा
अडानी और बहू के साथ रहते हैं..

अडानी भाई अपने प्राइवेट जेट से यात्राएं करते हैं..इन जेटों में एक बॉम्बार्डियर, एक बीचक्राफ्ट और एक हॉकर शामिल है..सबसे सस्ते प्राइवेट जेट की कीमत भारत में लगभग 15 करोड़ है.. 3 आलीशान जेट विमानों के अलावा, अडानी एंटरप्राइज के मालिक के पास अपनी छोटी यात्राओं के लिए 3 हेलीकॉप्टर हैं..उन्हें अपने अगस्ता (Modi Vs Adani) वेस्टलैंड AW139 हेलीकॉप्टर में सबसे ज्यादा देखा जाता है..अडानी भाई के पास 17 पानी के जहाज हैं..मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु जैसे 7 सरकारी हवाई अड्डे अडानी भाईसाहब के पास हैं..अडानी भाई इंसान नहीं साक्षात देवता हैं देवता..अब उनकी संपत्ति 155.7 अरब डॉलर..हो गई है..

गौतम अडानी..गुजरात के व्यापारी हैं..और अमीरी के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है..अभी अभी फ्रांसीसी व्यापारी बर्नार्ड अरनॉल्ट को पीछे किया है..बिल गेट्स..वॉरेन बफेट..एलिसन,लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन जैसों को पहले ही धूल चटा चुके हैं..अडानी भाई की संपत्ति अब 155.7 अरब डॉलर..हो गई है…इसमें कितने जीरो (Modi Vs Adani) होते हैं कमेंट में बताओ..तब मानूंगी कि जिस भारत ने जीरो का आविष्कार किया..उस भारत के लोग जीरो गिन पाते हैं या नहीं..और वैसे भी जब आपको जीरो करके..किसी एक को हीरो बनाया गया है तो..खाली समय में कुछ जीरो ही गिन लीजिए..ये भी शर्म की बात है..

जिस देश का एक व्यक्ति दुनिया में अमीरी के मामले में नंबर दो पर..वो देश भुखमरी के मामले में 116 देशों की सूची में 101 नंबर पर है..है ना चमत्कार तो नमस्कार करिए..दुनिया में 273 अरब डॉलर के साथ एलन मस्क एक ही एक आदमी है..जो गौतम भाई से आगे रह गया है..मोदी जी कंपनियां हवाई अड्डे वगैरह बेचने की रफ्तार और बढ़ाएंगे (Modi Vs Adani) तो उम्मीद है कि गौतम भाईसाहब एलन मस्क को मसल देंगे..लेकिन जाते जाते एक बात कहूंगी..अपने मुनाफे के लिए जो आपने सरकार से अनाज पर टैक्स लगवा दिया है वो सही नहीं किया है..बाकी आप कमाइये खाईये..हर सरकारी बिकाऊ माल खरीद डालिए..उससे हमें कोई आपत्ति नहीं है..खरीदने वाले को क्या कह दिया जाए..जब बेचने वाला बेचने पर ही उतारू हो..

.इस रिपोर्ट से एक बात समझ में आती है कि गौतम अडानी में टैलेट था..इसमें कोई दो राह नहीं है..गौतम अडानी का जीवन इंस्पायरिंग है..लेकिन बिना खुली सरकारी मदद के गौतम अडानी ने ये मुकाम नहीं हासिल किया..अगर खुली सरकारी मदद भारत देश के नागरिकों को भी मिलने लगे तो भारत देश के नागरिक भी दुनिया के दूसरे देशों के लोगों से आगे निकल जाएंगे..सरकार को शिक्षा फ्री देनी चाहिए..बिजली पानी ट्रांसपोर्ट अस्पताल जैसी मूलभूत जरूरतों को विदेशों की तरह फ्री देना चाहिए..

फ्री रेवड़ी नहीं है..फ्री ना देना सरकारों की नाकामी है..निर्लज्ज हैं वो सरकारें जो अपनी जानता से मूलभूत जरूरतों की चीजों पर पैसा वसूलती हैं..भारत देश में न्याय अखंड महंगा है..इलाज उससे भी ज्यादा अखंड (Modi Vs Adani) महंगा है..शिक्षा उससे भी ज्यादा महंगी है…अडानी जैसों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता..लेकिन अरमान और अमर की जिंदगी इनसे जूझते जूझते ही खत्म हो जाती है..

Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.