30 बीजेपी सांसद रहे गैर हाजिर, और संसद में पास हुआ ‘तीन तलाक’ विधेयक

Ulta Chasma Uc  :  केंद्र सरकार ने तीन तलाक पर पाबंदी लगाने वाले मुस्लिम महिला बिल 2017 को पारित किया है. विधेयक के पक्ष में 245 और विरोध में 11 वोट पड़े. अब सरकार इस विधेयक को राज्यसभा में पास होने के लिए भेजेगी. सरकार चाहती है की 8 जनवरी तक शीतसत्र चलेगा तो इसी समय में ही ये विधेयक पारित हो जाये.

30 bjp mp absent from lok sabha during triple talaq bill
30 bjp mp absent from lok sabha during triple talaq bill
व्हिप का उल्लंघन

तीन तलाक विधेयक पास होने से पहले दोनों ही पार्टियों ने इसको लेकर अपने सदस्यों को सदन में हाजिर रहने के लिए व्हिप जारी किया था. मगर बीजेपी के ही तीस सांसद व्हिप के बावजूद सदन में नहीं पहुंचे. व्हिप का उल्लंघन दल बदल विरोधी अधिनियम के तहत माना जा सकता है और गैरमौजूद सांसदों की सदस्यता रद्द की जा सकती है. अब देखना ये है की इसपर बीजेपी क्या करती है.

आरोप-प्रत्यारोप का तीखा दौर

वोटिंग के दौरान कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, द्रमुक और सपा के सदस्य वॉकआउट कर संसद से बाहर चले गए. कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का तीखा दौर शुरू हो गया है. सत्ताधारी पार्टी ने अपने विरोधी से मुस्लिम महिलाओं के प्रति ‘दशकों तक अन्याय’ को लेकर माफी की मांग की है वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि यह विधेयक 2019 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए जल्दबाजी में पारित किया गया.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को लोकसभा में सफलतापूर्वक तीन तलाक विधेयक पारित होने के लिए बधाई दी है.

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा- कुछ लोगों ने फतवा जारी करने की दुकानें खोल ली हैं. यह देश संविधान से चलता है, शरीयत से नहीं. तीन तलाक सामाजिक कुरीति है. इसी तरह से सती प्रथा और बाल विवाह को भी खत्म किया गया था.

अध्यादेश में हुए बदलाव
  1. अध्यादेश के आधार पर तैयार किए गए नए बिल के मुताबिक, आरोपी को पुलिस जमानत नहीं दे सकेगी. मजिस्ट्रेट पीड़ित पत्नी का पक्ष सुनने के बाद वाजिब वजहों के आधार पर जमानत दे सकते हैं. उन्हें पति-पत्नी के बीच सुलह कराकर शादी बरकरार रखने का भी अधिकार होगा.
  2. बिल के मुताबिक, मुकदमे का फैसला होने तक बच्चा मां के संरक्षण में ही रहेगा. आरोपी को उसका भी गुजारा देना होगा. तीन तलाक का अपराध सिर्फ तभी संज्ञेय होगा जब पीड़ित पत्नी या उसके परिवार (मायके या ससुराल) के सदस्य एफआईआर दर्ज कराएं.

सूत्रों का कहना है की बीजेपी ने 2019 का चुनाव देखते हुए लोकसभा में इसे पास कर दिया है. ताकि मुश्लिम महिलाओं का वोट मिल सके. वहीँ अब सरकार के पास ये एक मुद्दा भी बन गया है. अब बीजेपी वाले ये कह सकते हैं की मैंने तीन तलाक विधेयक पास कर दिया है. मगर ये राज्य की विरोधी सरकारें नहीं चाहती की हमारी मुश्लिम बहनों को न्याय मिले.

Web Title : 30 bjp mp absent from lok sabha during triple talaq bill

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