2019 में मायावती से कम सीटों पर लड़ेंगे अखिलेश

2019 का लोकसभा चुनाव बतौर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश का पहला लोकसभा चुनाव होगा..और इस चुनाव में समाजवादी पार्टी पहली बार बहुजन समाज पार्टी के साथ आधी आधी सीटों पर बंटवारा करने जा रही है..सूत्रों के मुताबिक इस बंटवारे में अखिलेश को अपने हिस्से में आने वाली 40 सीटों में अपने दूसरे गठबंधन वाले दलों को भी खुश करना होगा मोटे मोटे तौर पर देखें तो अगर कांग्रेस और आरएलडी को 10 सीटें दे दीं तो सपा के पास बचेंगी 30 सीटें…कहते हैं बीएसपी 40 सीटों से कम पर तैयार नहीं है..ये चुनाव जहां गठबंधन के समाने बीजेपी के लिए इज्जत बचाने का चुनाव होगा वहीं..अखिलेश के लिए अपनी खोई हुई 22 लोकसभा सीटें वापस लाने का भी होगा..2009 में सपा के पास 22 लोकसभी सीटें थीं..मायावती के पास 20 लोकसभी सीटें थीं..राष्ट्रीय लोकदल के पास 5 सीटें थीं..और कांग्रेस के पास 21 सीटें थीं..2009 में कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल मिलकर लड़े थे..लेकिन इस बार अगर कांग्रेस ने 20 सीटें जीतने का ख्वाब देखकर 20 सीटें मांग लीं तो कांग्रेस को अकेले लड़ना पड़ सकता है खैर..
                                सीटों के बंटवारे के दौरान अखिलेश को सबसे ज्यादा चौकन्ना रहना होगा क्योंकि जमीन पर काम कर लोगों को त्याग के लिए मनाना होगा..और 2019 विधानसभा चुनाव तक त्याग करने वालों को ठीक ठाक ईनाम देना होगा..अगल अखिलेश ने पार्टी को असंतोष और भगदड़ से बचा लिया तो मान लीजिए इस बार यूपी में बीजेपी के लिए बहुत मुश्किल होने वाली है..कैराना..गोरखपुर और फूलपुर में बीजेपी मायावती और अखिलेश का धमाकेदार विजय का ट्रेलर देख चुकी है..अमित शाह अपने इंटरव्यू में ये कह भी चुके हैं कि टिकट बंटवारे के दौरान सपा बसपा में जो असंतोष फैलेगा उसका फायदा बीजेपी उठाएगी..क्योंकि जमीन पर काम के नाम पर बीजेपी के पास..जीएसटी नोटबंदी..न्यूनतम समर्थन मूल्य उज्जवला योजनाएं हैं जो दो धारी भी साबित हो सकते हैं..
30 सीटों में से अगर अखिलेश 25 सीटें भी जीत लेते हैं तो वो अपने इम्तहान में अववल दर्जे से पास हो जाएंगे..हालांकि अखिलेश से उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं..