ट्विंकल हत्याकांड का तीसरा आरोपी गिरफ्तार, पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड, पढ़ें पूरी रिपोर्ट-

उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में ढाई साल की बच्ची ट्विंकल हत्याकांड के तीसरे आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि जिस दिन मासूम बच्ची का शव मिला था उसी दिन लोगों ने मेंहदी की जमकर पिटाई की थी, जिसके बाद से वो फरार हो गया था.

2.5 year old girl death case in aligarh five inspector suspended
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10 हजार रु कर्ज के विवाद में ढाई साल की बच्ची की निर्मम हत्या कर दी गई. ऐसी दरिंदगी की गई जिसे सुनकर आपकी भी रूह कांप जाएगी. ढाई वर्षीया मासूम ट्वींकल शर्मा के साथ मोहम्मद ज़ाहिद खां ने जो किया.. अब सुनिए-

कुछ महीने पहले आरोपी ज़ाहिद के पिता बीमार हुए तो ट्वींकल के पिता/दादा बनवारी लाल ने ज़ाहिद को रु 50000 इलाज के लिए दिए थे. ज़ाहिद ने ये रक़म जल्द लौटाने का वादा किया था. मगर फिर बनवारी लाल के कई बार पैसे मांगने के बाद ज़ाहिद ने सिर्फ 40000 रु ही वापस किये. और 10000 रु वापस करने के लिए आनाकानी करने लगा. रमज़ान का महीना चल रहा था. बनवारी लाल अपना पैसा ज़ाहिद से मांगते रहे. और ज़ाहिद से कई बार कहा-सुनी भी हुई.

फिर अचानक 30 मई को सुबह नौ बजे ढाई वर्षीय ट्वींकल शर्मा घर के सामने से गायब हो गई. बनवारी लाल ने पुलिस के सामने ज़ाहिद के ऊपर शक भी ज़ाहिर किया. मगर उस समय ज़ाहिद से सामान्य पूंछतांछ तक नहीं की गई. पूरा परिवार रोता रहा और पुलिस यही कहती रही की ढूंढ रहे हैं. तीन दिन बीतने के बाद 2 जून को टप्पल में ही एक कूड़े के ढेर में ट्वींकल शर्मा का शव मिला.

ख़बर लिखते हुए मेरे हाँथ कांप रहे हैं तो सोचिये उस बच्ची पर क्या बीती होगी जो अभी ठीक से बोल भी नहीं पाती होगी. अब आगे सुनिए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के अनुसार ट्वींकल का बायां हाथ तोड़कर अलग कर दिया गया था. एक पैर मुड़ा हुआ था. ट्वींकल की दोनो आंखे निकाल ली गईं थी. उसके शरीर मे दोनों आंतें मिली ही नही थी. किडनी भी गायब थी. ट्वींकल के शरीर को तेज़ाब से जलाकर नष्ट करने और पहचान में न आ सके ऐसा करने की कोशिश की गई थी.

पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि बच्ची से दुष्कर्म नहीं हुआ है. लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार किडनी, पेशाब की थैली के साथ प्राइवेट पार्ट ही गायब मिले. सीएमओ एमएल अग्रवाल ने बताया कि वेजाइल स्वैब को जांच के लिए लैब भेजा गया है. तीन सदस्यीय टीम ने पोस्टमाॅर्टम किया था. डाक्टरों के पैनल में डा. नवीन कुमार, डा. केके शर्मा, डा. उज्मा शामिल थीं. जिसने भी ट्वींकल के मृत शरीर को देखा अपनी सुध-बुध खो बैठा. मासूम को इस कदर मारा गया था कि उसका नोजल ब्रिज (नाक और माथे को जोड़ने वाली हड्डी) टूट गई थी.

मामला गर्म हुआ तो पुलिस ने केस दर्ज किया और फिर दो आरोपियों को पकड़ा गया. पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया. एडीजी ने बताया कि आरोपी असलम और जाहिद पर पाॅस्को और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाई गई है. तीसरे आरोपी आरोपी जाहिद का भाई मेंहदी हसन भी पकड़ा गया है. तीनों को जेल भेज दिया गया है. जाहिद और असलम मजदूरी का काम करते थे.

ये सभी पेशेवर अपराधी हैं. असलम तो 2004 में अपनी ही बच्ची के साथ घिनौना काम कर चुका है. ये जब भी जेल से ज़मानत पर आते है तो कोई न कोई नया अपराध बढ़ता ही जाता है.

ट्वींकल के परिवार ने दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की है. परिजनों का कहना है कि 24 घंटे के भीतर यदि आरोपियों को फांसी की सजा नहीं दी गई तो वे थाने पहुंचकर खुदकुशी कर लेंगे. इस प्रकरण में पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. अलीगढ़ के अलावा वाराणसी और अन्य कई जगहों पर ट्वींकल के लिए कैंडल मार्च निकाला गया. लोगों ने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है. वहीं, अलीगढ़ के वकीलों ने हत्याकांड के आरोपियों का केस लड़ने से इंकार किया है.

विशेषज्ञों के अनुसार पुलिस ने आरोपितों की पहचान के लिए डीएनए जांच के लिए पहल नहीं की है. इससे आरोपितों को आगे बचने का मौका मिल सकता है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ट्वींकल के ऊपर जो कुछ हुआ साफ दर्शाता है कि ज़ाहिद एक धर्म विशेष के प्रति घ्रणा से ग्रसित था. वरना मुसीबत के समय रु 50000/- की मदद करने वाले बनवारी शर्मा की बेटी ट्वींकल को ऐसी घिनौनी मौत न देता.