19 साल के प्रदीप (Pradeep Mehra) 126 साल के शिवानंद (Guru Swami Sivananda) के पास सुपर पावर :संपादकीय व्यंग्य

वही है जिन्दा, जिसकी आस जिन्दा है,
वही है जिन्दा, जिसकी प्यास जिन्दा है,
श्वास लेने का नाम ही जिंदगी नहीं,
जिन्दा वही है, जिसका विश्वास जिन्दा है…
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है,
हर पहलू ज़िन्दगी का इम्तिहान होता है,
डरने वालों को मिलता नहीं कुछ ज़िन्दगी में,
लड़ने वाले के कदमों में जहान होता है।
ये दो मोटीवेशनल लाइनें मैंने आपको इसलिए सुनाई हैं..क्योंकि देश के एक बच्चे प्रदीप मेहरा ने और 126 साल के बुजुर्ग योग गुरू स्वामी शिवानंद (Guru Swami Sivananda) ने संघर्ष पथ के मुसाफिरों की रगों ने नई एनर्जी का संचार किया है..एक बच्चा प्रदीप मेहरा और 126 साल के बुजुर्ग स्वामी शिवानंद ने ऐसा क्या किया है कि रातों रात देश ने पलकों पर बिठा लिया..दोनों सोशल मीडिया पर सुपर डुपर वायरल हैं..चलिए शुरू से शुरू करते हैं..
प्रदीप मेहरा (Pradeep Mehra) उत्तराखंड का 19 साल का एक बच्चा है जिसकी मां बीमार है..प्रदीप का सपना आर्मी में जाने का है..लेकिन मां की दवाईयों का खर्च और परिवार की जरूरतों ने उसे नौकरी करने को मजबूर कर दिया..प्रदीप नोएडा के मेकडॉनल्ड में काम करता है..घर से काम करने की जगह की दूरी 10 किमी है..
घर की मजबूरी और दफ्तर की दूरी के बीच से प्रदीप (Pradeep Mehra) ने अपने सपनों का भी रास्ता निकाल लिया..प्रदीप दफ्तर से घर दौड़ता हुआ जाता है..दौड़ इसलिए क्योंकि आर्मी की भर्ती के समय जब वो दौड़ लगाए तो सबसे आगे निकल जाए..जब से प्रदीप मेहरा (Pradeep Mehra) का वीडियो वायरल हुआ है..तब से प्रदीप को देश सलाम कर रहा है..बड़े बड़े उद्योगपति..बड़े बड़े खिलाड़ी..नामी गिरामी लोग प्रदीप की मदद के लिए आगे आ रहे हैं..लेकिन प्रदीप मेहरा जैसे होनहार बालक मदद से नहीं अपना रास्ता मेहनत से तय करते हैं..
प्रदीप मेहरा (Pradeep Mehra) उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के धनाड़ गांव के रहने वाले हैं..प्रदीप मेहरा और उनसे 2 साल बड़ा भाई पंकज मेहरा दोनों निजी कंपनी में काम करके अपना परिवार पालते हैं.. गांव में प्रदीप के पिता त्रिलोक सिंह मेहरा खेती-बाड़ी करते हैं..गरीबी का आलम ये है कि प्रदीप का पैतृक आवास आपदा में गिर गया था..अब वहां कोई नहीं रहता..वो इंदिरा आवास में बने एक मकान में रहते हैं.
बालक प्रदीप मेहरा (Pradeep Mehra) के बाद..126 साल के बुजुर्ग स्वामी शिवानंद (Guru Swami Sivananda) जी ने भी सबको सैल्यूट करने के लिए मजबूर कर दिया है..स्वामी शिवानंद योग गुरु हैं..उनको पद्म श्री अवार्ड लेने के लिए बुलाया गया था..जैसे ही शिवानंद सामने आए सबने दांतों तले उंगलियां दबा लीं..126 साल की उम्र और ऐसी कर्मशीलता कोई भरोसा ही नहीं कर पा रहा था..पद्म पुरस्कार लेने से पहले स्वामी शिवानंद पीएम मोदी के सामने नतमस्तक हो गए..नमस्कार करने के लिए घुटनों के बल बैठ गए..ये सब हो रहा था और कोई विश्वास ही नहीं कर पा रहा था..शिवानंद के ये भाव देखकर मोदी भी अपनी कुर्सी से उठकर सम्मान में झुक गए..
.शिवानंद (Guru Swami Sivananda) प्रधानमंत्री को नमस्कार करने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने भी घुटनों पर बैठ गए. स्वामी शिवानंद को अपने सामने झुका हुआ देख राष्ट्रपति कोविंद आगे आए और उन्हें झुककर उठाया..126 साल की उम्र में भी इस तरह की ऊर्जा..इस तरह की फुर्ती और उनका फल से लदे हुए वृक्ष की तरह विनम्र रहना समाज को नई सीख देता है..स्वामी शिवानंद (Guru Swami Sivananda) के बारे में भी जान लीजिए शिवानंद वाराणसी के कबीरनगर इलाके के रहने वाले हैं..उनका जन्म 8 अगस्त 1896 को हुआ था..उनका पूरा जीवन लोगों को योग सिखाते हुए बीता है..
तमाम दूसरी खबरों और जानकारियों के बीच एक 19 साल के देश के भविष्य और 126 साल के अनुभव की मिसाल एक साथ देखकर हम खुद को इन पर वीडियो करने से रोक नहीं पाए..प्रदीप मेहरा (Pradeep Mehra) जैसा प्रण और शिवानंद जी (Guru Swami Sivananda) की निरंतरता किसी भी मानव को महामानव बना सकती है..
Disclamer- उपर्योक्त लेख लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा लिखा गया है. लेख में सुचनाओं के साथ उनके निजी विचारों का भी मिश्रण है. सूचना वरिष्ठ पत्रकार के द्वारा लिखी गई है. जिसको ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है. लेक में विचार और विचारधारा लेखक की अपनी है. लेख का मक्सद किसी व्यक्ति धर्म जाति संप्रदाय या दल को ठेस पहुंचाने का नहीं है. लेख में प्रस्तुत राय और नजरिया लेखक का अपना है.