बिहार में अबतक 164 बच्चों की मौत, उसी अस्पताल के पीछे बड़ी मात्रा में मिले ‘मानव कंकाल’, मचा हड़कंप
बिहार के मुजफ्फरपुर में इन दिनों एक बीमारी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) बच्चों पर कहर बनकर टूट पड़ी है. बीते 20 दिनों में एईएस से अबतक 164 बच्चों की मौत हो चुकी है.

अकेले मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्पताल में मरने वाले मासूमों की संख्या 128 हो गई है. और केजरीवाल अस्पताल में 20 लोगों की मौत हुई है. इस बीमारी से अबतक 500 से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं. वहीं अब सरकार ने भी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इस बीमारी से निपटने के लिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने शुक्रवार को बिहार के सभी 17 भाजपा सांसदों द्वारा अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए 25-25 लाख रुपये दान करने की घोषणा की है. इस राशि से उन क्षेत्रों के सदर अस्पतालों में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) का निर्माण किया जाएगा.
इससे पहले बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा था कि, एईएस के प्रकोप के कारण एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. अभी तक 200 बच्चों का इलाज करके उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. सोमवार को आपात बैठक में नीतीश ने एईएस और लू से निपटने के लिए मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच परिसर में 100 बेड का नया पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने का फैसला किया है. साथ ही एईएस से जान गंवाने वाले बच्चों के परिजन को 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने का भी निर्णय लिया है.
वहीं अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है. मुजफ्फरपुर के जिस श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) में बच्चों का इलाज चल रहा है, उसी के पीछे आज नर कंकाल मिलने से हड़कंप मच गया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि लावारिस लाशों को पोस्टमार्टम कर बिना अंतिम संस्कार किए अस्पताल के पीछे फेंक दिए गए हैं. यहाँ बड़ी मात्रा में नर कंकाल मिले हैं और इसके साथ ही महिला-पुरुषों के कपड़े भी फेंके पड़े हुए मिले हैं.
मामले में प्रशासन ने स्पेशल कमिटी गठित कर जांच कराने की बात कही है. इस संबंध में एसकेएमसीएच के अधीक्षक एसके शाही ने कहा कि मानव कंकालों के मिलने की जानकारी मिली है. पोस्टमार्टम हाउस कॉलेज प्रिंसिपल से बात करेंगे और जांच समिति गठित कर जांच कराने को कहेंगे. ऐसी लापरवाही क्यों हो रही है, इसकी जांच जरुरी है. मानवीय संवेदना का ध्यान रखते हुए शवों का अंतिम संस्कार कराना चाहिए न कि उसे यूं ही फेंक दिया जाना चाहिए.
बतादें कि एसकेएमसीएच में करीब ढाई साल पहले नर कंकालों की तस्करी का खुलासा हुआ था. उस समय पोस्टमॉर्टम हाउस में काम करने वाले निजी सफाई कर्मचारी हर मानव कंकाल को अवैध रूप से 8,000 रुपये में बेचते थे. अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार करने की बजाय शरीर से मांसपेशियां और चमड़ा हटाकर उन्हें अवैध व्यापार के लिए सुरक्षित रखा जाता था और फिर बेच दिया जाता था. इसका खुलासा नवंबर 2016 में हुआ था.