जहरीली शराब कांड का बड़ा खुलासा, तीन दिन तक रची साजिश, फिर 120 मौतों को दिया अंजाम
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से अबतक लगभग 125 लोगों की मौत हो चुकी है. पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है. साथ ही साथ प्रदेश में जहरीली शराब को लेकर राजनीति भी गर्मा गई है.

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जहरीली शराब से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़कर 74 पहुंच चुका है. वहीं, पीड़ित मरीजों का इलाज मेरठ मेडिकल में किया जा रहा है. इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं. फिर चाहे वो किसी भी राजनीतिक दल से क्यों ना संबद्ध रखता हो.
सपा पर आरोप लगाते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजमगढ़, हरदोई, बाराबंकी और कानपुर जैसे जिलों में पूर्व में जहरीली शराब से हुई मौतों की घटनाओं में सपा से जुड़े नेताओं को शामिल पाया गया था. अगर इस बार भी ऐसी कोई साजिश पाई गई तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा उत्तराखंड में जहरीली शराब का एक रैकेट काम कर रहा है इसीलिए मैंने वहां के मुख्यमंत्री से बात की है.
वहीं शराब कांड को लेकर पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने बाताया कि जहरीली शराब सहारनपुर से लाकर झबरेड़ा क्षेत्र में ग्रामीणों को बेची गई थी. पुलिस ने सहारनपुर से शराब खरीदकर यहां बेचने के आरोप में बाप-बेटे को गिरफ्तार किया है जबकि शराब बनाने वाले मुख्य तीन आरोपी अब भी फरार हैं. पुलिस ने जिन आरोपियों को पकड़ा है उनके पास से पुलिस ने शराब के खाली पाउच, कोल्ड ड्रिंक्स की खाली बोतलें बरामद की हैं.
पकड़े गये दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि पांच फरवरी की शाम 5 बजे वे सहारनपुर सरदार हरदेव सिंह और सुखविंदर से 35 बोतल कच्ची शराब खरीदी थी. मगर सोनू शराब लेकर जब घर पहुंचा तो उसने शराब का रंग सफेद देख हरदेव को फोन किया और पूछा कि शराब का रंग ऐसा क्यों है? उसने ये भी बताया कि इसमें से डीजल की दुर्गंध आ रही है. फिर हरदेव ने बताया कि उसने शराब में कुछ रंग मिलाया था और डीजल के बर्तन में शराब बनाई थी. इसी वजह से डीजल की दुर्गंध आ रही है और रंग सफेद हो गया है.
उसके बाद छह फरवरी को सोनू दोबारा सहारनपुर हरदेव सिंह के घर पहुंचा और 20 बोतल शराब फिर से खरीद ली और घर ले आया. ये शराब उसने बिंडुखड़क के बिट्टू पुत्र धर्म सिंह को बेची थी. 7 फरवरी को सोनू फिर हरदेव के घर गया और 4 लीटर शराब और ले आया. एसएसपी ने बताया कि सोनू 70 रुपये में एक बोतल (एक लीटर शराब) खरीदकर 90 रुपये में और एक पाउच 25 रुपये में ग्रामीणों को बेचता था. जब सोनू की दी हुई शराब से लोगों की मौत होने लगी तो सोनू तुरंत फरार हो गया.
हरिद्वार जिले में भी रविवार को जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 34 पहुंच गया है. अभी तक सिविल अस्पताल रुड़की से करीब 90 लोगों को रेफर किया जा चुका है. इस मामले में पुलिस की तरफ से 25 एफआईआर दर्ज हुई हैं, जिनमें तीस से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों पर दुख जाहिर किया है और प्रदेश की योगी सरकार व उत्तराखंड सरकार से मृतकों के परिवारीजनों के लिए उचित मुआवजा व सरकारी नौकरी की मांग की है. प्रियंका ने कहा ये घटना दिल दहला देने वाली हैं. मुझे उम्मीद है कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे. उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी जहरीली शराब कांड मामले की निष्पक्ष सीबीआई जांच करवाने की मांग की है. माया का कहना है कि जांच होने तक आबकारी विभाग के मंत्रियों को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें पद से हटाया जाए. प्रदेश में अवैध तरीके से तैयार होने वाली जहरीली शराब की एक गैरकानूनी समानान्तर व्यवस्था चल रही है. जिसके ज्यादातर शिकार गरीब, मजदूर व दिहाड़ी मजदूर होते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य में बैठी बीजेपी की सरकारों को दिन रात संकीर्ण व चुनावी राजनीति करने से फुर्सत ही कहां है जो वो अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का पालन करते हुए जनहित के कार्य कर सकें.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शराब कांड को लेकर योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि जहरीली शराब बनाने वालों को सरकार का समर्थन मिल रहा है. सरकार की शह के बिना ये सब सम्भव नहीं है. इस सरकार को अब मान लेना चाहिए कि राज्य चलाना उनके बस की बात नहीं है. उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से 100 से ज्यादा मौतें हुई हैं. और दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है.