राहुल को मिला पार्टी में बदलाव करने का अधिकार, 10 बड़े नेताओं ने दे दिए इस्तीफे

लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में अब इस्तीफों की झड़ी लग गई है. उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से सिर्फ एक सीट पर सिमटने वाली ‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ कांग्रेस के नेता सोच में पड़ गए हैं.

10 congress leaders are on resignation
10 congress leaders are on resignation

बुरी तरह हार के बाद सबसे पहले राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी. उसके बाद तो मानों इस्तीफों की लाइन ही लग गई. इससे पहले उत्तर प्रदेश में पार्टी की कमान संभालने वाले राज बब्बर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को इस्तीफा भेज दिया है. राज बब्बर पूरे 4 लाख 95 हजार वोट के अंतर से हारे हैं.

इसके बाद अमेठी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेज दिया है. ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने भी हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है.

ऐसे ही और भी नेता हैं जो अपना इस्तीफा लेकर कतार में खड़े हैं. अशोक चव्हाण, राज बब्बर, कमलनाथ, अजय कुमार, रिपुन बोरा के बाद अब पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने इस्तीफे की पेशकश की है. जाखड़ खुद गुरदासपुर से चुनाव हार गए हैं. उनके खिलाफ भाजपा उम्मीदवार सनी देओल चुनाव मैदान में थे.

बतादें जब राहुल ने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी. तो उनकी बहन प्रियंका गांधी ने उन्हें इस्तीफा नहीं देने के लिए काफी समझाया था. प्रियंका ने कहा कि अगर राहुल इस्तीफा देते हैं तो वो बीजेपी की चाल में फंस जाएंगे. इसपर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी कहा कि राहुल गांधी की जगह फिलहाल पार्टी में कोई नहीं ले सकता है और अगर वो इस्तीफा देते हैं तो पार्टी कार्यकर्ता आत्महत्या कर लेंगे.

वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता देवाशीष जरारिया ने राहुल गांधी को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि पार्टी को मीडिया से दूर रहना चाहिए. उन्होंने अपील की है कि टीवी पर होने वाली बहसों में हिस्सा लेने की बजाए पार्टी के कार्यकर्ताओं को गांव-गांव जाकर अपनी विचारधारा को पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए.

इसी बीच आज सोमवार को कांग्रेस ने राहुल गांधी को पार्टी के अंदर बदलाव करने के लिए अधिकृत किया है. साथ ही मीडिया से अनुरोध किया गया है कि वो भी संगठन की पवित्रता को बनाए रखने में मदद करे.