कैसे साईकिल ने एक नौजवान को सीएम बना दिया..वही करिश्मा फिर से दोहराना चाहते हैं अखिलेश

  • आखिलेश ने 2012 में सत्ता कैसे हासिल की थी

  • कैसे साइकिल ने एक नौजवान को सीएम बना दिया था

  • कैसे साइकिल पर आईपैड लेकर चलते थे अखिलेश

  • कैसे वही कारनाम फिर से करने की तैयारी में हैं अखिलेश

  • अखिलेश यादव फिर से साईकिल यात्रा शुरू करना चाहते हैं

अखिलेश ने बीजेपी से फूलपुर, गोरखपुर और कैरान तीन लोकसभा सीटें छीनी हैं..और ये कारनाम 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले करके दिखाया है. अखिलेश ने इन चुनावों में जातीय गणित को सबसे ज्यादा अहमियत दी और अपने सहयोगी दलों के लिए खुला दिल दिखाते हुए कैंडीडेट चुनाव मैदान में उतारे..इसका फायदा साफ दिखाई दिया..अखिलेश कहते हैं उन्होंने बीजेपी के इस्टाइल से बीजेपी को मात दी है..
2019 लोकसभा चुनाव तैयारी में अखिलेश
2019 लोकसभा चुनाव तैयारी में अखिलेश

 

 

 

2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में समाजवादी पार्टी ने भी अपनी ताकत झोंक दी है. बीजेपी के खिलाफ बन रहे गठबंधन को लेकर सीटों के बंटवारे और जमीनी दावेदारी पर सपा गौर कर ही रही है. इस बीच सड़क पर जनाधार मजबूत करने के लिए अखिलेश यादव ने 2012 की तरह फिर से साईकिल चलाने का फैसला कर लिया है..अखिलेश ने 2019 का जो जिताऊ प्लान बानाया है उसके तहत अखिलेश यादव हर महीने प्रदेश के अलग अलग जिलों में साईकिल चलाएंगे
2019 लोकसभा चुनाव तैयारी में अखिलेश
2019 लोकसभा चुनाव तैयारी में अखिलेश
समाजवादी पार्टी साईकिल यात्रा अअभियान शुरू कर चुकी है. पहले चरण में इलाहाबाद से एक रैली लखनऊ आ चुकी है. दूसरे चरण में बलिया से लोकतंत्र बचाओ समग्र क्रांति साइकिल यात्रा भी लखनऊ पहुंच चुकी है. खुद अखिलेश यादव ने रविवार को जनेश्वर मित्र की जयंती पर ऐलान किया कि वो भी हर महीने लंबी साइकिल यात्रा पर निकलेंगे

 

2019 लोकसभा चुनाव तैयारी में अखिलेश

2019 लोकसभा चुनाव तैयारी में अखिलेश
  • 2012 में अखिलेश ने साइकिल चलाकर मायावती को हराया था
अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा राजनीतिक तौर पर काफी अहम है. 2012 विधानसभा चुनाव से अखिलेश यादव ने लगभग 10 हजार किमी की साइकिल यात्रा की थी. सपा का मानना है कि अगर अखिलेश यादव 2012 में साईकिल ना चलाते तो पूर्ण बहुमत की सरकार न बनती..और उसी कामयाबी को दोहराने के लिए अखिलेश यादव फिर से पूरे यूपी में साईकिल चलाने के मूड में हैं..