सबरीमाला के भगवान हुए नाराज केरल में आ गई बाढ़ ? अयप्पा भगवान के मंदिर का टूटा नियम

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SABRIMALA TEMPLE KERLA FLOOD- प्रकृति की गोद में समुद्र किनारे बसे केरल में ये पानी वाली महाप्रलय समंदर से नहीं आई है. बल्कि केरल किसी के गुस्से का शिकार हुआ है. और करते हैं एक इंसानी गलती के बाद ये होना तय हो गया था. बस बर्बादी की तारीख तय नहीं हुई थी. बाढ़ की इस तबाही में सबरीमाला मंदिर जिसमें भगवान अयप्पन विराजमान हैं वो भी डूब गया. दावा किया जा रहा है कि. केरल में आए इस जलजले के पीछे इन्हीं भगवान का गुस्सा है..
100 सालों में पहली बार केरल ने ऐसी तबाही देखी है. भयानक प्रलय में पानी की रफ्तार कुछ कम हुई है. केरल से रेड अलर्ट हटा लिया गया है. लेकिन कुदरत का कहर कम नहीं हुआ है. भगवान का गुस्सा थम गया है लेकिन गुस्से के कारण हुई तबाही के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं.
  • 11 जिलों में औरेंज अलर्ट है..
  • 400 लोग मारे गए
  • 5 हजार 6 सौ राहत शिविर
  • 7 लाख लोग बेघर हुए
केरल में भगवान महिलाओं से क्यों गुस्सा हैं
ऐसा क्या हो गया कि लोग दावा करने लगे कि केरल की तबाही प्राकृतिक नहीं थी. बाल्कि भगवान के गुस्से का शिकार हुआ है. केरल में इंसानों ने ऐसा क्या कर दिया जिससे भगवान नाराज हो गए. और ये दावा कितना सही है. और ये दावा करने वाले लोग कौन हैं. कौन की प्रथा बदलने से केरल में प्रलय आई प्रलय..कैसे मंदिर में भी भर गया बाढ़ का पानी ?
केरल में बाढ़ से 100 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है. प्रकृति जब अपना रौद्र रूप दिखाती है उस पर किसी का बस नहीं चलता. सारा विज्ञान सारी प्रगति. सारी टेक्नॉलिजी धरी की धरी रह जाती है. लेकिन तर्क देने वाले और भगवान में आस्था रखने वाले लोग केरल में आई तबाही को भगवान का गुस्सा बता रहे हैं..पूछा गया भगवान किससे गुस्सा हैं..तो जवाब मिला भगवान इंसान से गुस्सा हैं. फिर सवाल हुआ कि इंसान तो भगवान के भक्त हैं. तो फिर कैसे भगवान इंसान से नाराज हो सकते हैं और नाराज हैं भी तो नाराजगी का कारण क्या है.
मोदी के करीबी ने कहा केरल में भगवान गुस्से में हैं
आस्थावान लोग हाथ जोड़ रहे हैं..लेकिन विज्ञान के पक्षधर इसे तथ्यहीन करार दे रहे हैं. केरल में भगवान क्रुध हैं ये बात कई दिनों से सोशल मीडिया पर घूम रही थी लेकिन इस बात को और मजबूत कर दिया देश के जाने माने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) में अंशकालिक निदेशक एस गुरुमूर्ति ने..एस गुरुमूर्ति अपने ट्वीट से इशारा कर रहे हैं कि ये बाढ़ अगर सबरीमाला के भगवान की नाराज़गी की वजह से है तो सुप्रीम कोर्ट को अपने फ़ैसले पर सोचना चाहिए..उन्होंने एक ट्विटर यूज़र के ट्वीट पर अपनी बात रखी है. उन्होंने लिखा..
”सुप्रीम कोर्ट के जजों को देखना चाहिए कि केस और जो सबरीमाला में हुआ, उसके बीच कोई संबंध है या नहीं.. अगर कोई संबंध होने का लाखों में एक चांस भी है तो लोगों को अयप्पन के ख़िलाफ़ फ़ैसला पसंद नहीं आएगा”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीबी कहे जाने वाले एस गुरुमूर्ति को 8 अगस्त को भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) में अंशकालिक निदेशक बनाया गया. जब नवंबर 2016 में पीएम मोदी ने नोटबंदी का फ़ैसला किया था तो इसके पीछे गुरुमूर्ति का ही दिमाग़ बताया गया था.
ट्वीटर पर हरि प्रभाकरन नाम के ट्विटर यूज़र ने सबरीमाला की फ़ोटो के साथ लिखा है कि ”कोई क़ानून भगवान से बड़ा नहीं. अगर आप सभी को घुसने दोगे तो वो सबको आने से मना कर देगा’ इस ट्वीट को 4800 लोगों ने लाइक किया है और 2300 लोगों ने रीट्वीट किया..यानी केरल में आई बाढ़ को भगवान अयप्पन के गुस्से से जोड़कर देखा जा रहा है..
अयप्पा भगवान के मंदिर में महिलाओं पर रोक
लोगों के मुताबिक या फिर यूं कहें कि अफवाहों के मुताबिक भगवान अयप्पन महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिए जाने की बात से नाराज हैं..और ये केवल ट्रेलर है..अगर कोर्ट ने फैसला सुनाया तो ताबाही और बड़ी होगी. सबरीमाला में भगवान अयप्पन के दरबार में महिलाओं के जाने पर प्रतिबंध है. इस मंदिर की मान्यता ऐसी है कि बड़े बड़े लोग यहां माथा टेकने आते हैं..और कहते हैं साउथ के अयप्न भगवान सबकी मुरादें पूरी करते हैं..लेकिन इन सबकी मुरादों में महिलाओं की मुरादें नहीं हैं..भगवान अपने किसी भी भक्त को मंदिर आने से नहीं रोकते वो महिला हो या पुरुष तो फिर अयप्पन भगवान के मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर किसने रोक लगाई थी..इसी पर मामला सुप्रीम कोर्ट में है.फैसला सुरक्षित रख लिया गया है. लेकिन आखिरी फैसले से पहले बाढ़ में भगवान की मर्जी शामिल की जा रही है..
भगवान के गुस्से वाली अफवाह के सही होने का या भगवान के कारण बाढ़ आई है इस दावे का समर्थन हम बिल्कुल नहीं करते. क्योंकि भगवान अपने भक्तों में कभी भेद नहीं करते. इसी महीने सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू की थी. केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के जाने पर प्रतिबंध है जो सदियों पुरानी परंपरा रही है. रोक इसलिए लगाई गई क्योंकि 10 से 50 साल की महिलाओं को पीरियड्स होते हैं.
कौन हैं शिवरीमाला के अयप्पा भगवान
 केरल में सैनिक लोगों को बचाने में लगे हैं..कहीं एयर लिफ्ट हो रहा है..कहीं जवान खुद सीढ़ी बनकर मिसाल पेश कर रहे हैं..कहीं बच्चे का एयरलिफ्ट किया जा रहा है..इन सब तस्वीरों की बीच इस प्राकृतिक आपदा को भगवान अयप्पन का क्रोध करार दिया जा रहा है..भगवान अयप्पन हैं कौन ये भी जान लीजिए..

केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किमी की दूरी पर एक जगह है पंपा..यहां  सह्यद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के घने वनों के बीच एक प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर है..कहते हैं कि मुस्लिम धर्म के तीर्थ स्थल मक्का-मदीना के बाद ये दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तीर्थ माना जाता है..जहां हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं..माना जाता है कि शास्ता का जन्म मोहिनी वेषधारी विष्णु और शिव से हुआ था..उन्हीं अयप्पन का मशहूर मंदिर पूणकवन के नाम से भी जाना जाता है..

फोटो सौजन्य- ayyappaseva.org
कई लोगों का यह भी मानना है कि परशुराम ने अयप्पन पूजा के लिए सबरीमला में मूर्ति स्थापित की थी..कुछ लोग इसे रामभक्त शबरी के नाम से जोड़कर भी देखते हैं..कई कथाओं और प्रसंगो में इस बात का भी जिक्र है कि करीब 800 साल पहले दक्षिण में शैव और वैष्णवो संप्रदायों के बीच दुश्मनी काफी बढ़ गयी थी..तब उन मतभेदों को दूर करने के लिए श्री अयप्पन की परिकल्पना की गई..दोनों के बीच माहौल ठीक करने के लिए इस धर्मतीर्थ को विकसित किया गया..किसी भी जाति का और किसी भी धर्म का पालन करने वाला व्यक्ति यहां आ सकता है लेकिन महिलाओं को यहां एंट्री नहीं है..