शिवपाल ने अखिलेश के खिलाफ लिया धर्म युद्ध का संकल्प !
‘महाभारत धर्म युद्ध था. पांडवों ने तो अहंकारी दुर्योधन से पांच गांव मांगे थे. मैंने तो सिर्फ बड़ों का सम्मान मांगा. उसी सम्मान के लिए मैंने मोर्चे के जरिए धर्मयुद्ध का संकल्प लिया है’
समाजवादी पार्टी से बगावत करने के बाद अपनी अलग पार्टी बनाने वाले शिवपाल यादव ने सौ की सीधी बात कर दी है. शिवपाल ने साफ कहा कि
‘खुद की पार्टी बना ली है अब कदम पीछे नहीं हटेगा..सेक्युलर मोर्चे के साथ काफी लोग आ गए हैं. हम बड़ा कदम बढ़ा रहे हैं. हमको किसी भी काम में चोरी बर्दाश्त है लेकिन डकैती नहीं बर्दाश्त. 2019 के लोकसभा चुनाव में 80 कैंडीडेट उतारे जाएंगे. हम तो सिर्फ सम्मान के भूखे हैं. हमने तो समाजवादी पार्टी में भी सिर्फ नेताजी तथा अपने लिए सम्मान मांगा था’
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2019 से पहले समाजवादी पार्टी टूट चुकी है. नेताजी ने अपने घर पर शिवपाल और अखिलेश को बुलाकर समझौता कराने की कोशिश की थी. सूत्र बताते हैं अखिलेश ने शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की बात मान ली थी. लेकिन शिवपाल नेताजी को पार्टी का दोबारा अध्यक्ष बनाने की मांग पर अड़े थे. उसके बाद बात बिगड़ गई.
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अब शिवपाल यादव पर देर सबेर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष कार्रवाई करेंगे. कार्रवाई के तौर पर शिवपाल को सपा से बाहर किया जाएगा. शिवपाल की कोशिश है कि समाजवादी पार्टी के नाराज लोगों को अपनी तरफ करें. जानकार बताते हैं शिवपाल उस समय की ताक में हैं जब अखिलेश गठबंधन करके चुनाव लड़ेंगे और टिकट ना पाने वाले असंतुष्ट सपा के लोग बगावत करेंगे. उस समय शिवपाल उनको सहारा देंगे. और दुश्मन का दुश्मन दोस्त वाली पॉलिसी अपना सकते हैं.
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लखनऊ में जिस आज श्रीकृष्ण वाहिनी संस्था के राज्य सम्मेलन में शिवपाल सिंह यादव मेहमान बनकर गए थे उस कार्यकर्म में बजने वाले गाने में शिवपाल को 2022 का मुख्यमंत्री बताया गया. शिवपाल के कर्यकर्ताओं का कहना है कि जिस तरह राम ने 14 साल का वनवास काटा था उसी तरह शिवपाल ने भी डेढ़ साल का वनवास काटा है. आने वाले समय में अखिलेश को सबक सिखाया जाएगा.