मायावती का ऐलान सम्मानजनक सीटें नहीं तो गठबंधन नहीं, मैं किसी की बुआ, बहन नहीं…

मायावती ने 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर कड़े तेवर अपना लिया है. मायावती ने गठबंधन बनने से पहले कह दिया है ना तो किसी की बुआ हैं ना ही उनका कोई भतीजा है. और ना वो किसी की बहन हैं. अगर 2019 में उनको सम्मानजनक सीटें नहीं मिलेंगी तो वो अकेले चुनाव लड़ेंगी.
खतरे में पड़ा गठबंधन
खतरे में पड़ा गठबंधन
 मायावती ने कहा कि वो गठबंधन और समझौते के खिलाफ नहीं हैं लेकिन चुनावी समझौता तभी होगा जब सीटें उनके मन मुताबिक होंगी. मायावती ने सहारनपुर में दलितों के नए नेता रावण को चेतावनी देते हुए कहा कि वो उनकी बुआ नहीं हैं..
लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन बनाने की कोशिशें जारी हैं. दलितों में पैठ रखने की वजह से इसमें मायावती की अहम भूमिका है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मायावती के साथ गठबंधन की इच्छा लगभग हर मंच से जाहिर कर चुके हैं. मायावती ने अखिलेश यादव या समाजवादी से गठबंधन को लेकर सीधे कुछ नहीं कहा लेकिन मैसेज अखिलेश यादव के लिए भी था. फिलहाल जो सीटों की बात मायावती ने की है वो राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे उन पांच राज्यों के थी जहां पर विधानसभा चुनाव होने हैं.
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कांग्रेस पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मायावती के साथ उन राज्यों में गठबंधन करना चाहती है जहां पर कांग्रेस की पकड़ ढीली है लेकिन उन राज्यों में मायावती को सीटें देने के लिए तैयार नहीं है जहां पर कांग्रेस मजबूत है. इसीलिए सीटों की धमकी मायावती ने कांग्रेस को दी है. अखिलेश यादव भी कांग्रेस को बड़ा दिला दिखाने की बात कह चुके हैं. ये तय है कि अगर मायावती की बात पांच राज्यों में कांग्रेस से नहीं बनती तो यूपी में सपा भी कांग्रेस से किनारा कर सकती है.
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मायावती की बीएसपी राष्ट्रीय पार्टी है और राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता बनाए रखने के लिए कम से कम देश में 6 प्रतिशत होने चाहिए. मायावती बीएसपी से राष्ट्रीय पार्टी का तमगा नहीं छिनवाना चाहती.