भीम का पोता पांडवों को खत्म करने वाला था कृष्ण ने बचा लिया- जन्माष्टमी विशेष
KRISHNA JANMASHTMI 2018 – कर्म प्रधान भगवान कृष्ण वो नाम हैं. जिनके बारे में जितना जानेंगे उतना कम है. भगवान कृष्ण का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता था. उनका राजनीतिक कौशल ऐसा था कि बड़े बड़े उनका लोहा मानते थे. फिर चाहे खुद दूत बनकर कौरवों की सभा में जाना हो. 100वीं गलती पर बुआ के बेटे जयदरथ का सिर काट लेना हो.अर्जुन का सराथी बन जाना हो. कर्ण को पांडवों की तरफ करने की कोशिश करना हो. या फिर बर्बरीक जैसे योद्धा से पांडवों को बचाना हो.

बर्बरीक घटोत्कछ के बेटे थे और घटोत्कछ भीम के बेटे थे. और भीम पांडवों के भाई थे. बर्बरीक को उनकी मां ने सिखाया था कि हमेशा हारने वाले की तरफ से लड़ना. और बर्बरीक हमेशा हारने वाले की तरफ से ही लड़ते थे. बर्बरीक को कुछ ऐसी सिद्धियां प्राप्त थीं, जिनके बल से पलक झपते ही महाभारत को खत्म कर सकते थे. बर्बरीक महाभारत में आए. बर्बरीक ने भगवान कृष्ण से कहा प्रभू आप क्यों परेशान हैं. ये युद्ध मुझे लड़ने दीजिए मैं दो मिनट में सारा खेल खत्म कर दूंगा.
भगवान कृष्ण के दिमाग में बात अखर गई. भगवान ने पूछा तुम दो मिनट में कैसे महाभारत खत्म कर दोगे. बर्बरीक ने कहा मैं एक तीर में सबको खत्म कर दूंगा. भगवान ने कहा रूको पहले मुझे प्रूफ करके दिखाओ. ये तुम कैसे करोगे. बर्बरीक ने कहा भगवान वो पीपल का पेड़ देख रहे हैं. मैं एक तीर में सारे पत्ते भेद दूंगा. भगवान ने चुपके से एक पीपल का पत्ता अपनी मुट्ठी में दबा लिया. कहा अब तीर चलाओ बर्बरीक ने तीर चलाया पेड़ के सारे पत्तों में छेद हो गया. बर्बरीक ने कहा प्रभु अपनी मुट्ठी खोल दीजिए तीर आपकी मुट्ठी की तरफ भी आएगा क्योंकि एक पत्ता आपकी मुट्ठी में है.
भगवान समझ गए कि अगर इसके एक तीर से पीपल के सारे पत्तों में छेद हो जाता है. मुट्ठी का पत्ता भी नहीं बचता तो फिर कौरव पांडव तो एक ही परिवार के हैं. इसके एक तीर से सब मारे जाएंग वंश खत्म हो जाएगा. भगवान के कहा तुम मेरे लिए एक काम कर सकते हो बर्बरीक ने कहा वचन देता हूं आप जो कहेंगे करूंगा तो भगवान ने कहा मुझे तुम्हारा सिर चाहिए. बर्बरीक ने कहा आपने मेरी सहायता नहीं ली ठीक है लेकिन मैं देखना चाहता हूं की आप ये युद्ध कैसे खत्म करेंगे. इसलिए मैं इसी पीपल के पेड़ से पूरा युद्ध देखना चाहता हूं. भगवान ने कहा ठीक है.
अगर बर्बरीक का सिर नहीं काटा गया होता तो पहले तो उसका एक तीर सबको खत्म कर देता. यहां तक पांडालों में रह रही महिलाएं और बच्चे तक नहीं बचते. और फिर वो हारने वाले की तरफ से लड़ता. आगर बर्बरीक होता तो सारे मारे जाते. फिर ना धर्म का सिद्धांत बचता ना बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश बचता. ना ही गीता का ज्ञान दुनिया को मिल पाता. कृष्ण ने प्रेमी होने का परिचय दिया राजनीति में निपुण होना क्या होता है ये भी संसार को बताया. और कर्म को कैसे बाधित होने से बचाना है ये भी दुनिया को दिखलाया.