डिंपल यादव संस्कारों वाली एक राजनीतिक बहू
डिंपल यादव इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी
डिंपल यादव संस्कारों वाली एक राजनीतिक बहू हैं
डिंपल यादव भारत की पहली निर्विरोध सांसद हैं
निर्विरोध सांसद होना अपने आप में रिकॉर्ड है
डिंपल यादव ने संसद में पहली बार धरना प्रदर्शन किया
देवरिया बालिका गृह कांड मामले में पहली बार डिंपल धरना देती दिखीं

कन्नौज से सांसद डिंपल यादव लंबे समय बाद किसी राजनीतिक घेराबंदी में नजर आईं..देवरिया कांड के बाद दिल्ली में संसद में तख्तियां लेकर अपना विरोध दर्ज कराया..योगी आदित्नाथ के जिले गोरखपुर से 52 किमी दूर देवरिया के स्टेशन रोड पर विंध्यवासिनी बालिका गृह से 42 में से 18 लड़कियां गायब मिलीं..एक लड़की भागकर पुलिस के पास पहुंची..और बालिका गृह में चल रहे देह व्यापार का खुलासा किया..मामला गोरखपुर से नजदीक का है..गोरखपुर योगी आदित्यनाथ का इलाका है..इसलिए मामला और संगीन हो जाता है कि मुख्यमंत्री के जिले के बगल में अवैध तरीके से बालिका गृह चल रहा था..जिसकी मान्यता 2017 में खत्म हो गयी थी..

डिंपल यादव कन्नौज से सांसद हैं..और इतिहास में पहली निर्विरोध महिला सांसद हैं..लेकिन जिस हिसाब से सियासी घराने की बहू होने के नाते तेज तर्रार होना चाहिए था..डिंपल उस स्वभाव को अपने भीतर नहीं उतार पाईं..डिंपल यादव सरल स्वभाव वाली हैं..सहजहता से और बहुत ही सलीके से अपनी राय रखती हैं..वो संसद में भी यादव खानदान की बहू वाला किरदार नहीं छोड़ पातीं..ज्यादा फालतू बात करना पसंद नहीं करतीं..मुद्दे की बात करती हैं..लेकिन राजनीति में डिंपल को जितना तेज हो जाना चाहिए था उतना नहीं हो पाईं..

डिंपल यादव अखिलेश का ट्वीटर हैंडल संभालती हैं..फेसबुक हैंडल संभालती हैं..और घर संभालती हैं..संस्कृति, लहजे और तमीज के मामले में डिंपल का कोई सानी नहीं है..अखिलेश ने ऐलान किया है कि डिंपल अब कन्नौज से चुनाव नहीं लड़ेंगी..अब अखिलेश कन्नौज से चुनाव मैदान में उतरेंगे..डिंपल के सरल स्वभाव वाले औरे के कारण उनकी लोकप्रियता बहुत ज्यादा है..डिंपल की सरलता और रिश्तों को अहमियत देने के कारण ही समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं के लिए डिंपल यादव सबकी भाभी हैं..सभी कार्यकर्ता उनको डिंपल भउजी कहकर बुलाते हैं..समाजवादी पार्टी में बीजेपी की तरह मैडम और मैम वाला कल्चर नहीं है..अखिलेश सबके भइया हैं और डिंपल यादव पूरी पार्टी की भउजी हैं..डिंपल के इशारे पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता एक टांग पर खड़े हो जाते हैं..

2016 के आखिर में जब यादव परिवार में झगड़ा हो रहा था तो डिंपल यादव की तरफ से एक भी शब्द सुनाई नहीं दिया था..पार्टी की बागडोर किससे पास रहेगी इसकी परीक्षा हो रही थी..अखिलेश पार्टी के भविष्य के लिए लड़ रहे थे..दुनिया की नजरों के सामने अखिलेश का इम्तहान चल रहा था..लेकिन असल परीक्षा यादव परिवार की बहू डिंपल की थी..डिंपल यादव के सरल स्वभाव का ये इम्तहान था..और उस इम्तहान में डिंपल अव्वल नंबर से पास हुईं..संसद पर डिंपल के विरोध की सांसद के तौर पर महिलाओं के उत्पीड़न के विरोध में सरकार के खिलाफ ये आखिरी तस्वीर हो सकती है..क्योंकि संसद के मानसून सत्र के बाद संसद का शीत कालीन सत्र आएगा और तब तक देश में चुनाव चल रहे होंगे..और डिंपल इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी


पारिवारिक शादी समाहोर के दौरान ली गीई डिंपल की तस्वीर
फोटो- twitter- @dimpleyadav लालू के बेटे तेज प्रताप की शादी की तस्वीर