जब यादव खानदान की बहू डिंपल ने धरा बंजारों का भेष
लखनऊ- (DIMPLE YADAV BANJARA GETUP ) यादव खानदान की बहू डिंपल यादव बंजारों का भेष धर लिया..जैसे ये तस्वीर आई सब हैरान रह गए कि सीधी साधी डिंपल बजारा क्यों बन गई हैं..वो कहां पहुंच गई हैं जहां बजारा औरतों से घिरी हुई हैं.क्योंकि डिंपल के ऐसे किसी प्रोग्राम की सूचना मीडिया को नहीं थी. डिंपल यादव का ये रूप हैरान कर रहा था क्योंकि जो लोग डिंपल यादव को जरा भी जानते हैं उनको ये मालूम ये कि डिंपल यादव बहुत सादगी से रहना पसंद करती हैं. तसवीरों में अखिलेश भी दिखाई दे रहे थे.

तो डिंपल यादव के बंजारन का भेष धरने के पीछे कहानी ये है कि अखिलेश से उनके घर पर बंजारा समुदाय के लोग आए थे. जिनमें महिलाएं ज्यादा थीं. हालांकि बाजारों को जाना योगी आदित्यनाथ के दरबार में जाना चाहिए था लेकिन फिर भी वो अपनी समस्याएं लेकर अखिलेश यादव के दरबार पहुंचीं. अखिलेश यादव ने उनकी समस्याएं सुनीं. डिंपल को जब पता चला कि उनके घर पर कुछ ऐसी महिलाएं आई हैं जो रोज जिंदगी से जूझती हैं. और उनके दर पर मदद के लिए आई हैं तो तो डिंपल यादव घर से उस हॉल में आ गईं जहां पर अखिलेश यादव बंजारा औरतों की समस्याएं सुन रहे थे. फिर क्या था डिंपल यादव ने भी बंजारा औरतों को उनकी समस्याएं दूर करने का भरोसा दिया और उनके रंग में रंग गईं. और ये तस्वीरें आपके सामने आ गईं.
डिंपल यादव संस्कारों वाली एक राजनीतिक बहू

बंजारा उनको कहते हैं जिनका अपना कोई ठौर ठिकाना नहीं होता. वो जीवन भर चलते ही रहते हैं. इनका ना घर होता है ना ही द्वार. सदियों से ये समाज देश के दूर-दराज इलाकों में यात्राएं करते रहते हैं लेकिन कुछ बंजारों को उत्तर प्रदेश पसंद आ चुका है और पूर्वांचल के कुछ इलाकों में स्थाई तौर पर रहने लगे हैं. एक अनुमान के मुताबिक विश्वभर में करीब 3-4 करोड़ बंजारे होंगे..कई बंजारा समाजों ने बड़े-बड़े साम्राज्य तक स्थापित करने में सफलता पायी है. बंजारे कुछ खास चीजों के लिए ज्यादा फेमस हैं जैसे. नाच गाना, रंगोली, कशीदाकारी, गोदना और चित्रकारी. बंजारा समाज पशुओं से बेहद लगाव रखता है. उत्तर प्रदेश में भी पूर्वंचल और राजस्थान की सीमा से लगे इलाके में बंजारों की बस्तियां हैं. और ये अपने समुदाय को SC/ST घोषित कराने की मांग उठाते रहे हैं.
