कांग्रेस ने बहुत इंतजार कराया अब इंतजार नहीं होता, अकेले लड़ेंगे- अखिलेश
कांग्रेस ने बहुत इंतजार कराया कब तक इंतजार करें. अब और इंतजार नहीं होता हम लोगों से.
ये कहकर अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस के साथ बनने से पहले ही गठबंधन तोड़ दिया. मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में अखिलेश अलग लड़ेंगे, मायावती अलग चुनाव लड़ेंगी. और कांग्रेस अलग चुनाव लड़ेगी. अखिलेश ने दो दिन के मध्य प्रदेश दौरे पर छतरपुर पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में जिसको कांग्रेस से टिकट न मिले उसके लिए सपा का दरवाजा खुला है.
कांग्रेस के साथ सपा का पुराना याराना
अखिलेश ने कहा कि मैने कांग्रेस से गठबंधन के लिए नहीं कहा लेकिन कांग्रेस की ज़िम्मेदारी है कि वो सभी दलों को एक साथ रखे. जब जब कंग्रेस कमजोर होती है तो उसके सबसे करीब समाजवादी पार्टी ही होती है. कांग्रेस को समाजावादी पार्टी ने हमेशा सहारा दिया है. ये बात सौ फीसदी सच है. यूपीए-1 और यूपीए-2 दोनों में समाजवादी पार्टी का कांग्रेस को समर्थन था. यूपी का 2017 विधानसभा चुनाव कांग्रेस और सपा ने मिलकर लड़ा था लेकिन बीजेपी की लहर के आगे अखिलेश और राहुल बुरी तरह से हार गए थे.
हम राज्य और परिस्थिति के मुताबिक गठबंधन करते हैं- कांग्रेस
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन ना करने पर कांग्रेस का कहना है कि वो स्थितियों और मुद्दों के आधार पर समर्थन लेते और देते हैं. मध्यप्रदेश की स्थितियां अलग हैं. यूपी की स्थितियां दूसरी होंगी तो यूपी में 2019 में देखा जाएगा. जो हमसे गठबंधन करना चाहेगा हम करेंगे.
मध्यप्रदेश में सपा के पास कितनी ताकत ?
एमपी के 2013 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 164 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे. 164 प्रत्याशियों में से 161 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. सपा के प्रत्याशियों को कुल जमा 4 लाख 4 हजार 853 वोट ही मिले थे. समाजवादी पार्टी को कुल वोट के 1.20 फ़ीसदी वोट ही मिले थे.
अकेले लड़ने वाली बीएसपी मध्यप्रदेश में सपा से ज्यादा मजबूत
2013 में मध्य प्रदेश में बीएसपी का प्रदर्शन अच्छा रहा था. बीएसपी के 227 प्रत्याशियों में से 4 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी. बीएसपी के 194 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. बीएसपी को 227 सीटों पर कुल 21 लाख 28 हजार 333 वोट मिले थे. प्रदेश में BSP को कुल वोट के 6.29 फ़ीसदी वोट मिले थे. यानी समाजवादी पार्टी का मध्यप्रदेश में जनाधार के नाम पर कुछ नहीं है. सपा कांग्रेस से अलग लड़ेगी तो कांग्रेस को ही कमजोर करेगी. और मायावती अलग लड़ेंगी तो कांग्रेस को ही कमजोर करेंगी.